माँ-बेटियों ने एक-दूसरे के सामने मुझसे चुदवाया-8
घर लौटने के बाद मैंने दोपहर के खाने के समय कहा- बिन्दा, अभी खाने के बाद दो घन्टे आराम करके रीना को फ़िर से चोदूँगा, अभी जाने में दो दिन है तो इस में 4-5 बार रीना को चोद कर उसको फ़िट कर देना है ताकि शहर जाकर समय न बेकार हो, और वो जल्दी से जल्दी कमाई कर सके।
रागिनी भी बोली- हाँ अंकल, उसकी गाण्ड भी तो मारनी है आपको, क्या पता पहला कस्टमर ही गाण्ड का शौकीन मिल गया तो…!
बिन्दा चुप थी और थोड़ा परेशान भी कि वहाँ उसकी दोनों छोटियाँ भी थीं।
रीता अब बोली- दीदी, अब तो तुम्हारे मजे रहेंगे, खूब पैसा मिलेगा तुम्हें।
अब पहली बार रूबी कुछ प्रभावित हो कर बोली- वाह… 5 दिन काम का महीने का 1 लाख… यह तो बेजोड़ काम है… है न माँ…!
मैंने कहा- हाँ पर उसके लिए मर्द को खुश करने आना चाहिए, तभी इसके बाद टिप भी मिलेगा। यही सब तो रीना को अभी सीखना है शहर जाने से पहले।
बिन्दा चुपचाप वहाँ से ऊठ गई, मैं उसके जाते-जाते उसको सुना दिया- आज जब दोपहर में तुम्हारी दीदी चुदेगी, तब तुम भी रहना साथ में सीखना… साल-दो साल बाद तो तुमको भी जाना ही है, पैसा कमाने।
दोपहर करीब 3 बजे मैंने रीना को अपने कमरे में पुकारा, रागिनी और रीता मेरे साथ थीं, दो बार आवाज देने के बाद रीना आ गई, तो मैंने रूबी को पुकारा- रूबी आ जाओ देख लो सब, अभी शुरु नहीं हुआ है जल्दी आओ…
और कहते हुए मैंने रीना के कपड़े उतारने शुरु कर दिए। जब रूबी रूम में घुसी उस समय मैं रीना की पैन्टी उसकी जाँघों से नीचे सरका रहा था। रूबी पहली बार ऐसे यह सब देख रही थी, वो भौंचक्की रह गई। रीना ने नजर नीचे कर लीं, तब रागिनी ने रूबी को अपने पास बिठा लिया और मुझसे बोली- अंकल, आज इसकी एक बार गाण्ड मार दीजिए न पहले, अगर दर्द होगा भी तो बाद में जब उसको आगे से चोदिएगा तो उस मजे में सब भूल जाएगी।
मुझे उसका यह आईडिया पसन्द आया। उसको इस तरह के दर्द और मजे का पूरा अनुभव था। सो मैंने जब रीना को झुकाया तो वो बिदक गई, कि वो अपने पिछवाड़े में नहीं घुसवाएगी। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
मैंने और रागिनी ने उसको बहुत समझाया पर वो नहीं मानी तो रागिनी बोली- ठीक है, तुम देखो कि मैं कैसे गाण्ड मरवाती हूँ अंकल से, इसके बाद तुम भी मराना। अगर शहर में रंडी बनना है तो यह सब तो रोज का काम होगा तुम्हारा। कहते हुए वो फ़टाक से नंगी हो कर झुक गई। मैंने उसकी गाण्ड के छेद पर थूका और फ़िर अपनी उंगली से उसकी गाण्ड को खोलने लगा।
थूक और मेरे प्रयास ने उसकी गाण्ड को जल्दी ही ढीला कर दिया। फिर एक बार भरपूर थूक को अपने लण्ड पर लगा कर मैंने अपने टनटनाए हुए लण्ड को उसकी गाण्ड में दबा दिया। रागिनी तो एक्स्पर्ट थी, सो जल्द ही उसने अपनी मांसपेशियों को ढीला करते हुए मेरा पूरा लण्ड 8″ अपनी गाण्ड के भीतर घुसवा लिया।
रूबी रीना और रीता का मुँह यह सब देख कर आश्चर्य से खुला हुआ था। मैंने 8-10 धक्के ही दिए थे कि रागिनी ने एक झटके से अपनी गाण्ड को आजाद कर लिया और फ़िर रीना को पकड़ कर कहा कि अब आओ और गाण्ड मरवाओ।
रीना भी सकुचाते हुए झुक गई और एक बार फ़िर मैं थूक के साथ उसकी गाण्ड में उंगली घुमाने लगा। रागिनी भी कभी उसकी चूत सहलाती तो कभी अपने चूत से निकल रहे पानी से, तो कभी अपने थूक से, उसकी गाण्ड को तर करने में लग गई थी। जब मुझे लगा कि अब रीना की गाण्ड को मेरे उंगली की आदत पड़ गई है, तो मैं ने उसकी गाण्ड में अपनी एक दूसरी उंगली भी घुसा दी। उसको दर्द तो हुआ था, पर रीना ने बर्दाश्त कर लिया। इसके बाद उसकी रजामन्दी से मैं ऊपर उठा और अपने लण्ड को उसकी गाण्ड के गुलाबी छेद पर टिका कर दबाना शुरु किया।
रागिनी लगातार उसकी चूत में उंगली कर रही थी, ताकि मजे के चक्कर में उसको दर्द का पता न चले और मैं उसकी कमर को अपने अनुभवी हाथों में जकड़ कर उसकी कुँवारी गाण्ड का उद्घाटन करने में लगा हुआ था। जल्द ही मैं उसकी गाण्ड मार रहा था।
अब मैंने रूबी और रीता को देखा, दोनों अपनी बड़ी-बड़ी आँखों से अपनी दीदी की गाण्ड मराई देख रही थीं। करीब 7-8 मिनट के बाद मैं उसकी गाण्ड में ही झड़ गया और जब लण्ड बाहर निकला तो उसकी गाण्ड से सफ़ेद माल उसकी चूत की तरफ़ बह चला, तभी बिना समय गवाँए, मैंने अपना लण्ड उसकी चूत में ठाँस दिया। लण्ड अपने साथ मेरा सफ़ेद माल भी भीतर लेकर चला गया।
रूबी अब बोली- अरे ऐसे तो दीदी को बच्चा हो जाएगा…
मैंने जोश में भरकर कहा- होने दो… होने दो… होने दो ! और हर ‘होने दो’ के साथ हुम्म करते हुए अपना लण्ड जोर से भीतर पेल देता। बेचारी की अब चुदाई शुरु थी, जबकि वो चक्कर में थी कि गाण्ड मरवा कर आराम करेगी।
वो थक कर कराह उठी… पर लड़की को चोदते हुए अगर दया दिखाई गई तो वो कभी ऐसे न चुदेगी, यह बात मुझे पता थी। सो मैं अब उसके बदन को मसल कर ऐसे चोद रहा था जैसे मैं उसके बदन से अपना सारा पैसा वसूल कर रहा होऊँ।
रीना कराह रही थी… और मैं उसकी कराह की आवाज के साथ ताल मिला कर उसकी चूत पेल रहा था। मेरा लण्ड उसकी चूत के भीतर ही दूसरी बार झड़ गया। इसके बाद मैं भी थक कर निढाल हो एक तरह लेट गया। रागिनी झुक कर मेरे लण्ड को चूस चाट कर साफ़ करने लगी।
मैंने उस रात रीना को अपने पास ही सुलाया और रात मे एक बार फ़िर चोदा, पर इस बार प्यार से और इस बार उसको मजा भी खूब आया। वो इस बार पहली बार मुझे लगा कि उसने सहयोग किया और ठीक से बेझिझक चुदी। जब सुबह हुई तो हम दोनों सब पहले से जाग गए थे। रीना कमरे से बाहर जाने लगी तो मैंने उसको पास खींच लिया और चूमने लगा।
वो बोली- ओह अब सुबह में ऐसे नहीं, कैसा गंदा महक रहा है बदन… पसीना से।
मैंने कहा- अब मर्द के बदन की गन्ध की आदत डालो, बाजार में सब नहा धो कर नहीं आएँगे चोदने तुम्हें… और तुम भी तो महक रही हो, पर मुझे तो बुरा नहीं लग रहा…! मैं तो अभी तुम्हारी चूत भी चाटूँगा और गाण्ड भी।
फ़िर उसके देखते देखते मैं उसकी चूत चूसने चाटने लगा और वो भी गर्म होने लगी। जल्द ही उसकी ‘आह-आह’ कमरे में गूंजने लगी और शायद आवाज बाहर भी गई, क्योंकि तभी बिन्दा बोली- उठ गई तो बेटी, तो जल्दी से नहा धो लो और तैयार हो जाओ आज बाजार जा कर सब जरूरत का सामान ले आओ, कल तुमको रागिनी के साथ शहर जाना है, याद है ना !
रीना बोली- हाँ माँ, पर अब ये मुझे छोड़े तब ना… इतने गन्दे हैं कि मेरा बदन चाट रहे हैं।
मैंने जोर से कहा- बदन नहीं बिन्दा, तेरी बेटी की चूत चाट रहा हूँ… तुम चाय बनवा कर यहीं दे दो… तब तक मैं एक बार इसको चोद लूँ जल्दी से। यह कह कर मैंने रीना को सीधा लिटा कर उसके घुटने मोड़ कर जाँघों को खोल दिया और अपना लण्ड भीतर गाड़ कर उसकी चुदाई शुरु कर दी।
‘आह्ह आह्ह्ह’ का बाजार गर्म था और जैसे ही मैं उसकी चूत में ही झड़ा… घोर आश्चर्य… बिन्दा खुद चाय लेकर आ गई।
बिन्दा यह देख कर मुस्कुराई… तो मैंने अपना लण्ड पूरा बाहर खींच लिया… ‘पक्क’ की आवाज हुई और रीना की चूत से मेरा सफ़ेदा बह निकला।
बिन्दा यह देख कर बोली- अरे इस तरह इसके भीतर निकालिएगा तब तो यह बर्बाद हो जाएगी। वो जल्दी-जल्दी अपने साड़ी के आँचल से उसकी चूत साफ़ करने लगी। रीना भी उठ बैठी तो बिन्दा ने उसकी चूत की फ़ाँक को खोल कर पोंछी।
मैं बिना कुछ बोले बाहर निकल गया हाथ में चाय लेकर, और थोड़ी देर में रीना और बिन्दा भी आ गई। फ़िर हम लोग सब जल्दी-जल्दे तैयार हुए। आज बिन्दा ने अपने हाथ से सारा खाना बनाना तय किया और रीना और रागिनी को मेरे साथ बाजार जाकर सामान सब खरीद देने को कहा।
हमें अगले दिन वहाँ से निकलना था और मैंने तय किया कि आज की रात को रीना की चुदाई जरा पहले से शुरु कर दूँगा, क्योंकि आज मैं उसको वियाग्रा खाकर सबके सामने चोदने वाला था। अब जबकि बिन्दा सुबह अपनी बेटी की चूत से मेरे सफ़ेदा को साफ़ कर ही चुकी थी, तो मैं पक्का था कि आज के शो में वो एक दर्शक जरूर बनेगी।
मैंने बाजार में ही रीना को इसका इशारा कर दिया था कि आज की रात मैं उसको रंडियों को जैसे चोदा जाता है वैसे चोदूँगा।
कहानी जारी रहेगी।
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