दिव्य दिव्या-1

दिव्य दिव्या-1

मेरा नाम श्लोक है, मैं अहमदाबाद में रहता हूँ। मैं एक कॉल बॉय हूँ, मुझे सेक्स बहुत पसंद है, मैं बहुत गंदा सेक्स करता हूँ…

लड़की को देख कर ही मुझे क्या नशा हो जाता है, मेरा हर तरह की लड़कियों से पाला पड़ा है।

किसी को 8 इंच का लण्ड चाहिए तो किसी को 10 इंच का..

पर मेरे लण्ड की बात ही कुछ अलग है और वो लड़कियाँ ही बतायें तो अच्छा होगा।

अब आता हूँ मेरे साथ हुई एक घटना पर !

मुझे एक कॉल आई, सेक्सी आवाज में मुझे हेलो कहा तो मैं समझ गया कि आज बुलावा आया है।

मैंने कहा- कौन?

उसने अपना नाम दिव्या बताया और मुझे कहा- तुम्हें मेरे घर आना है।

मैंने कहा- ओके…

जी तो ऐसा कर रहा था कि फ़ोन पर ही चोद दूँ क्योंकि उसकी आवाज ही इतनी सेक्सी थी तो वो कैसी होगी…

यह तो मेरा काम है पर पहली बार ऐसा लगा कि आज उसे नहीं पर मुझे मज़ा आएगा..

फिर उसने अपने घर का पता मुझे मेसेज किया…

मैं भी इस पते पर जाने के लिए तैयार हो गया… मैं अच्छे से तैयार होकर उसके घर जाने को निकल गया..

घर के बाहर खड़े होकर मैंने घण्टी बजाई और मन में तो मैं यह सोच रहा था कि अभी घण्टी बजा रहा हूँ, अन्दर जाकर उसकी बजाऊँगा..

दरवाजा खुला तो नौकरानी थी !

मैंने कहा- तुम्हारी मैडम ने मुझे बुलाया है।

उसकी नौकरानी को देखकर मेरे होश उड़ गए, मैंने सोचा कि नौकरानी इतनी सेक्सी है तो उसकी मालकिन कैसी होगी? उसका फिगर था 34″ 30″ 36″ क्या लग रही थी।

उसने कहा- हाँ अन्दर आ जाओ.. मैडम आप ही का वेट कर रही हैं।

मैंने मन में सोचा कि चुदवाने की इतनी जल्दी है तुम्हारी मैडम को..

उसने मुझे हाल में बिठाया.. क्या घर था, ऐसा सोचो कि कोई महल हो…

वो पानी लेकर आई, जैसे ही पानी देने के लिए झुकी, उसकी साड़ी का पल्लू नीचे गिर गया, उसके अधखुले ब्लाउज़ में से चूचियाँ दिख रही थी, मैं बराबर वहीं देख रहा था।

उसने भी मुझे देख लिया कि मैं उसकी चूचियाँ देख रहा हूँ तो वो मेरे सामने हंस कर चली गई।

इतने में सीढ़ियों से उतर कर एक अप्सरा आ रही थी, क्या लग रही थी यार ! क्या बताऊँ तुम्हें !

त्वचा एकदम गोरी… आँखें भूरी-भूरी, लब तो उसके कमाल के थे, उसे देखते ही मेरा लण्ड के मुँह में पानी आ गया।

वो मेरे पास आई, मुझसे हाथ मिला कर अपना नाम बताया- हाय, मैं दिव्या ! और आप?

मैंने कहा- मैं श्लोक, पर आप मुझे सेक्सी बोल सकती हो।

फिर हम बात करने लगे, उसने मुझसे पूछा- क्या लोगे आप?

मैंने कहा- जो तुम देना चाहो ! आज सब कुछ लेकर जाना है।

और उसने नौकरानी को आवाज दी, दो ग्लास रेड वाइन लेकर उसकी नौकरानी आई।

हम दोनों वाइन पी रहे थे, मुझे पता चला कि उसका पति आस्ट्रेलिया में हैं और साल में दो तीन बार ही आते हैं।

मैंने कहा- अच्छा है कि वो यहाँ आयें ही नहीं… वो यहाँ आयेंगे तो तुम मुझे बुलाओगी ही नहीं !

और वो हंस पड़ी।

उसकी आँखों में नशा दिख रहा था और मैं भी मदहोश हुए जा रहा था। फिर मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था, मैंने उसके पास जाकर उसके लबों पर अपने लब रख दिए और चूमने लगे…

वो भी मेरे बाल पकड़ कर चूमने लगी, मैं एक हाथ से उसके मम्मे दबाने लगा…

क्या मम्मे थे, मेरे हाथ में तो पूरा समां ही नहीं पा रहा थे, मेरा ध्यान उसकी नौकरानी पर गया, वो रसोई से हम दोनों को देख रही थी

पर मैंने अनदेखा कर दिया और जोर जोर से उसके उरोज़ दबाने लगा। यह सब हम हाल में ही कर रहे थे।

फिर उसने कहा- चलो, बेडरूम में चलते हैं।

उसकी नौकरानी भी धीरे धीरे हमारे पीछे आ रही थी।

मैंने उसको गोद में उठा कर धीरे से बिस्तर पर लिटाया… फिर से हम दोनों एक दूसरे को चूमने लगे, वो आह… हम्म अहह… करके आहें भर रही थी…

मैं कभी उसके गले पर काट लेता तो कभी कान में पूरी जीभ डालता, ऐसा करने से उसे करन्ट सा महसूस होता…

फिर मैंने उसकी साड़ी उसके शरीर से अलग कर दी और धीरे धीरे सारे कपड़े उतारने लगा। अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी।

मैंने उसकी ब्रा उतार कर उसके मम्मे आज़ाद कर दिए और दबाने लगा, फिर मैंने उसकी पेंटी भी उतार दी।

वो पूरी नंगी थी, क्या लग रही थी ! ऐसी अप्सरा को पहली बार नंगी देखा होगा !

मैं उसकी चूत में उंगली डालने ही जा रहा था कि वो जोर से चिल्लाई- आह्ह्ह्ह…ह्म्म

मैंने पूछा- काफी दिनों तक तुम्हारी चुदाई नहीं हुई?

तो उसने कहा- देर क्यों कर रहे हो? चोद डालो मुझे… ह्म्म !

अब वो मेरे भी कपड़े एक एक करके उतारने लगी…

अब मैं सिर्फ अन्डरवीयर में था और वो अंडरवीयर के ऊपर से मेरा लण्ड चाटने लगी…

वो बहुत नशे में थी ! फिर मैंने अपना अंडरवीयर निकल कर लण्ड उसके मुँह में दे दिया…

वो भी मेरे लण्ड को आइसक्रीम की तरह जोर जोर से चाटने लगी…

मैं उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह में ही चोदने लगा, पूरा लण्ड उसके मुँह में डाल दिया, मैं भी मज़े ले रहा था आह्ह.

. अह्हम

उतने में वो एक बार झड़ गई थी और उसका सारा पानी मैं चाट गया…

मैं भी अब झड़ने वाला था और उसके मुँह में ही जोर की पिचकारी के साथ अपना सारा माल छोड़ दिया…

वो भी सारा माल गटक गई फिर भी वो मेरे लण्ड को चूसने लगी और जल्दी ही फिर से मेरा लण्ड खड़ा कर दिया…

मैं उसकी चूत में उंगली अंदर-बाहर जोर जोर से करने लगा… वो जोर जोर से आहें भरने लगी…ह्ह्ह्हह

फिर वो बोली- जान अब मत तड़पाओ ! मेरी भोसड़ी फाड़ डालो… चोद डालो…लण्ड पूरा घुसा डालो…

मैं उसकी चूत पर अपना लण्ड रगड़ने लगा और हल्के से झटके के साथ आगे प्रस्थान किया।

पहले से मैंने उसकी पिच गीली कर दी थी इसलिए आराम से मेरे आठ इंच लम्बा लण्ड उसके कसे छेद के अंदर चला गया…

वो जोर से चिल्लाई- आह्ह्ह्हः निकालो…आःहहः म्मम्म…

पर मैं कहाँ रुकने वाला था…

कहानी जारी रहेगी।