नेता कहीं का !

नेता कहीं का !

एक कुत्ते ने दूसरे कुत्ते को

‘आदमी कहीं का !’ कह दिया।

इस पर वह कुत्ता ताव खा गया।

बोला- अरे दुष्ट ! अरे मवाली !

तूने क्यों दी मुझको ऐसी गाली?

कलयुग में आदमी की,

क्या कुत्ते जैसी औकात है?

आदमी में जब आदमीयत होती होगी,

वो सतयुग की बात है।

एक मिनट में ही

तेरा बेशऊरापन ढह जाएगा,

अगर मैंने तुझे

‘नेता कहीं का !’ कह दिया तो

तू कहीं का भी नहीं रह जाएगा।