सविता भाभी का बकरा-11

सविता भाभी का बकरा-11

भाभी की चूत का लाइसेंस मुझे मिल गया था वो मुझसे चुदवाने को आतुर रहतीं थीं।

अगले एक महीने में भैया भी 20 दिन टूर पर रहे।

भाभी ने रात को कई बार मौका देखकर मुझसे चुदवाया और हमेशा मेरा रस अपने गर्भ में डलवाया।

जब भी मैं बच्चा होने के डर की बात करता था तो वो हमेशा ये ही कहती थीं तुम तो बुद्धू हो, मैं रोज़ गर्भ निरोधक गोली खाती हूँ।

सोनम से फेसबुक और फ़ोन पर मेरी दोस्ती चल रही थी, एक दिन उसने बताया उसका तलाक हो गया है और वो अगले हफ्ते भाभी के पास आ रही है और मेरे साथ मस्ती करेगी।

यह सुन कर मैं रोमांचित हो गया और मैंने उसके नाम की मुठ मारी।

एक हफ्ते बाद सोनम सुबह सुबह घर आ गई।

मैं अकेले मिलने का मौका ढूंढ रहा था।

जब मौसी थोड़ी देर दोपहर में बाहर गईं तब भाभी ने हम दोनों को चुपके से ऊपर भेज दिया।

सोनम स्कर्ट और टॉप में थी, ऊपर कमरे में वो मुझसे चिपक गई हम दोनों लिप-किस करने लगे और पलंग पर बैठ गए।

मैंने उसकी टी शर्ट उठा दी और चुम्बन करते हुए चूचियाँ मलने लगा।

कुछ देर बाद सोनम और मैं बिस्तर पर लेट गए थे, उसने लॉन्ग स्कर्ट के नीचे चड्डी नहीं पहन रखी थी, मेरा हाथ उसकी स्कर्ट में घुस कर जाँघों से फिसलता हुआ चूत के दाने पर चला गया, जिसे मैं रगड़ने लगा।

थोड़ी देर में उसकी उसकी चूत का झरना खुल गया था।

सोनम ने मेरा पजामा नीचे कर दिया था, वो प्यासी हो रही थी उसने मुझे धक्का देकर मेरा लौड़ा मुँह में ले लिया और पूरा अन्दर घुसा कर चूसने लगी।

‘आह उह उह !’

पूरा तन गया था लौड़ा।

तभी भाभी आ गईं उन्होंने मेरी पीठ पर हाथ मारते हुए कहा- देवर जी, इसकी जल्दी से फ़ुद्दी चोद दो, नीचे मौसी आ गई हैं, मैं बाहर खड़ी हूँ, जल्दी करो।

मैंने सोनम को उठा कर बिस्तर पर लेटा दिया और उसकी टांगें चौड़ी कर दीं, सोनम की चूत में लौड़ा छुला कर अन्दर पेल दिया, मेरा लौड़ा उसकी तंग सुरंग में घुस गया, वो मुझसे कस कर चिपक गई और जोरों से आह उह करते हुए मुझसे चुदने लगी।

कसी चूत की सवारी में मज़ा आ गया, थोड़ी देर में पूरा लौड़ा चूत के पानी से नहा गया।

सोनम की निप्पल मींझते हुए मैंने उसकी चुदाई तेज कर दी थोड़ी देर में सोनम की चूत की टंकी वीर्य से भर गई।

उसके बाद हम अलग हो गए।

भाभी अन्दर आ गईं और बोलीं- अब रात को तुम दोनों सेक्स के मज़े करना… आज भैया नहीं हैं रात को, मैं और यह तुम्हारे कमरे में सोएँगी, तुम ऊपर मेरे कमरे में सोना, एक-दो बजे के बाद मौसी गहरी नींद में सोती हैं, मौसी के सोने के बाद में तुम्हें इशारा कर दूँगी और इसे ऊपर भेज दूँगी। पूरी रात तुम इसकी चूत आराम से बजाना और सुबह नीचे छोड़ जाना।

तभी भाभी को एक उलटी सी आई और वो बाथरूम में चली गईं।

रात का मैं इंतज़ार बेकरारी से कर रहा था।
दस बजे हम लोग खाना खाने लगे। खाने के समय सोनम ने नेकर और टॉप पहन ली, भाभी और वो खाना लगाने लगीं।

मौसी की पीठ के पीछे रसोई थी, मुझे उकसाने के लिया दोनों कभी फ्लाइंग किस देती, कभी अपनी टॉप ऊपर उठा कर चूची दिखा देती थी।

यह सब देखकर मेरा लौड़ा पागल हो रहा था।
मैं पानी पीने के बहाने उठा और रसोई में जाकर उसकी चूचियाँ मसल दीं और गाण्ड में उंगली करते हुए बोला- रात को तेरी गाण्ड चोदता हूँ, मां की लौड़ी… बहुत मज़ा ले रही है न?

तभी मौसी की कुर्सी हिलने की आवाज़ आई, मैं घबरा कर रसोई से भागा।

खाने के बाद मैं अपने कमरे में आ गया और भाभी के इशारे का इंतज़ार बेसब्री से करने लगा।

12 बजे भाभी ने मुझे फोन किया और बोलीं- बुड्ढी सो गई है, इंतज़ार क्या कर रहे हो, सोनम को ले जाओ और चोद दो… रंडी दो घंटे से मुझसे चूत में उंगली करवा रही है।

मैं कमरे में गया और दरवाज़े को हल्के से धक्का दिया, अन्दर नाईट बल्ब जल रहा था।

भाभी और सोनम टॉपलेस बैठे हुए थी, दोनों की नंगी चूचियाँ नाईट बल्ब में मुझे चोदने का निमंत्रण दे रही थीं।

भाभी आँख दबा कर बोलीं- तुम दोनों ऊपर जाओ और मज़ा करो।

भाभी के चूचे दबा कर मैंने एक पप्पी गालों पर दी, उसके बाद सोनम शाल डाल कर मेरे साथ ऊपर आ गई।

सोनम ने शाल हटाकर मेरी गोद में सर रखकर मेरे हाथ चूचियों पर रख दिए और बोली- थोड़े से गोले सहला दो ना!

मैं उसकी चूचियाँ मसलने और दबाने लगा, मैंने उसकी निप्पल घुमा घुमा कर नुकीली कर दीं थीं।

सोनम ने अंगड़ाई लेते हुए मेरे कपड़े उतरवा दिए।
इसके बाद सोनम ने पास रखी मेहंदी से मेरे सीने पर ‘आई लव यू राजेश!’ लिख दिया और लौड़ा हाथ में पकड़ कर बोली- यह लो, मेहँदी से तुम भी मेरी चूची पर अच्छे से लिखो ना!

मैंने भी उसकी निप्पल के घेरे पर अपना मनपसंदीदा गुलाब का फूल बनाते हुए दोनों चूचियों पर आई लव यू सोनम लिख दिया।

ऊपर के रसभरे खेल के बाद जब मैंने सोनम की नेकर उतारी तो सोनम ने अपनी जांघें एक दूसरे के ऊपर चढ़ा लीं।

मैंने थोड़ा बल लगा कर जब जांघें हटाई तो चूत के पास के ऊपर लिखा था- आई लव यू!

सोनम ने मुझे लिपिस्टिक दे दी और बोली- इस पर अपना नाम और लिख दो, मैं नहीं चाहती कि तुम्हारे अलावा इस छेद में अब कोई और घुसे !

मैंने उतेजना में उस पर अपना नाम लिख दिया।

सोनम ने मुझे अपनी बाहों में भर लिया और बोली- अब देर न करो, लौड़ा डाल दो !
चूतड़ हिलाते हुए वो मेरा लौड़ा अपनी चूत में लगवाने को आतुर होने लगी।

मैं उसे चोदने लगा, वो उह उह आह करके चुदाई के मज़े लेने लगी।

सोनम को चोदने में मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था।

तभी अचानक से दरवाज़ा खुला, मुझे पता भी नहीं चला।
कहानी जारी रहेगी।
[email protected]