बड़ी साली बनी लंड की दासी

हैल्लो दोस्तों, सभी लंड वालों और चूत वालियों को मेरा सलाम, नमस्ते में छत्तीसगढ़ के शहर रायपुर का रहने वाला हूँ और बहुत दिनों से में की कहानियाँ पढ़ रहा हूँ और सोच रहा था कि क्यों ना में भी अपनी कहानी को लिखकर आप सभी को सुना दूँ, हो सकता है कि शायद आपको मेरी कहानी पसंद आ जाए। अब सबसे पहले में अपने बारे में बता देता दूँ, मेरा नाम सुनील है और में एक मध्यमवर्गीय परिवार से हूँ। मेरी उम्र 28 साल, मेरी लम्बाई 5.4 इंच और मेरे लंड का आकार 6 इंच लंबा और 2 इंच मोटा। दोस्तों जब में 18 साल का हुआ तब मैंने सबसे पहले अपने घर की नौकरी को चोदना चाहा और मैंने हिम्मत करके उसको यह अपने मन की बात कही, लेकिन उसने मुझसे अपनी चुदाई करवाने से साफ मना कर दिया। फिर में बहुत डर गया और मन ही मन सोचने लगा कि कहीं वो यह बात मेरे घरवालों को ना बता दे और फिर में अपनी नौकरानी से माफी माँगने लगा। फिर इस डर की वजह से में बहुत दिनों तक किसी भी लड़की से बहुत दूर रहने लगा था, लेकिन इस वजह से मेरे पहचान वालों में मेरी एक शरीफ लड़के की छवि बन गई, वो सभी लोग मुझे बहुत सीधा अच्छा लड़का समझने लगे थे।

दोस्तों यह मेरी आज की कहानी मेरी शादी के बाद की एक सच्ची घटना है, जब मैंने पहली बार अपनी पत्नी को चोदा, लेकिन मेरी प्यास अब बुझने की जगह पहले से भी ज्यादा बढ़ गई और उस प्यास को बुझाने के लिए मैंने अपनी पत्नी को एक रात में कई बार लगातार चोदा। अब उस वजह से वो मेरी चुदाई से परेशान होने लगी थी, लेकिन तब भी में शांत नहीं हुआ और मेरी चुदाई करने की इच्छा पहले से भी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। फिर इस वजह से मैंने अब दूसरी लड़कियों की तरफ देखना शुरू कर दिया। में अब कोई ऐसी लड़की या औरत की तलाश में था जो मेरे लंड को अपनी चूत में लेकर पूरी तरह से शांत कर दे और फिर सबसे पहले मेरी नज़र मेरी पत्नी की बड़ी बहन, जिसका नाम श्वेता है उसके ऊपर पड़ी। दोस्तों वो अपने नाम के बिल्कुल विपरीत एकदम काली थी, लेकिन थी वो बहुत सेक्सी, उसकी लम्बाई मेरी लम्बाई से 1.5 ज्यादा थी और उसके बूब्स बड़े ही सुडोल थे, जो हमेशा उसके बड़े गले के सूट से बाहर निकलकर उछल उछलकर मुझे अपनी तरफ आकर्षित करने लगे थे। अब में उसकी तरफ खिंचता चला गया और उसकी वो गांड एकदम गोल आकार में थी, ना तो वो पतली थी और ना ही मोटी बिल्कुल मध्यम और इसलिए में जब भी उसको देखता, मुझे खजुराहो की सेक्स करती हुई वो मूर्तियाँ याद आ जाती थी।

दोस्तों धीरे धीरे मुझे अपनी पत्नी से पता चला कि उसकी अपने पति से बिल्कुल भी नहीं बनती थी और उसी वजह से यहाँ तक की उसके पति तो मेरी शादी में भी नहीं आए थे। फिर में जब भी अपने ससुराल जाता, वो मुझे वहीं पर नजर आती और वो मुझे ताने मारती रहती थी, क्योंकि उसकी सोच अब सभी आदमियों के लिए अपने पति की वजह से एक हो गई थी। अब उसका मानना था कि हम सभी आदमी एक जैसे मतलबी होते है। दोस्तों उसके इन सभी तानो को सुनकर मैंने भी एक दिन मन ही मन में सोच लिया था कि इसको तो एक दिन में चोदकर पूरी रंडी बनाकर ही रहूँगा और मुझे इसकी चुदाई करके अपनी बेज्जती का बदला एक दिन जरुर लेना है। अब में किसी अच्छे मौके की तलाश में रहने लगा था, में उस मौके की तलाश में था जिसका फायदा उठाकर में उसकी चुदाई कर सकता था और इसलिए में जानबूझ कर उसके सामने ऐसा बनकर रहने लगा था कि जैसे में उसके साथ बिल्कुल भी नाराज नहीं था। एक दिन मुझे अपनी पत्नी से पता चला कि उसका और उसके पति का विवाद अब अदालत तक जा पहुंचा है और अब श्वेता को उस केस की वजह से अपने पति के शहर तक जाना भी पड़ता था, लेकिन वो शहर बहुत दूर था और वहां आने जाने में करीब पांच घंटे का समय लगता था और हमेशा उनके साथ मेरा साला ही जाता था।

एक दिन मेरे साले को कुछ जरूरी काम था और इस वजह से मेरी सास ने मुझसे फोन करके आग्रह करते हुए कहा कि क्या आप कल श्वेता के साथ जा सकोगे? उनके मुहं से वो बात सुनकर मेरी तो मन की मुराद पूरी हो रही थी, इसलिए में मन ही मन बड़ा खुश हुआ, लेकिन मैंने बहाना बताने हुए उनको कहा कि में उनके साथ चला तो जाता, लेकिन मुझे भी अपना कुछ जरूरी काम है। अगर आपने मुझे पहले से बताया होता तो में अपने काम को सेट कर लेता। अब इस बात पर मेरी सास ने मुझसे कहा कि नहीं सुनील बाबू श्वेता को अकेले वहां पर भेजने की मेरी हिम्मत नहीं होती, लेकिन उसका वहां पर जाना भी बहुत जरूरी है और आज उसके भाई को भी बहुत जरूरी काम आ गया है और वो जाने से मना कर रहा है। अब इस वजह से मैंने आपसे यह बात कहीं है अगर आपको कोई इतना जरूरी काम ना हो तो आप उसके साथ चले जाए। फिर मैंने कहा कि हाँ ठीक है, आप कहती है तो में चला जाता हूँ, लेकिन आप अगली बार से ध्यान रखना और मुझे ऐसा कोई भी काम एक दिन पहले ही बता देना, में कल ठीक समय पर पहुँच जाऊंगा आप उनको कहना वो मुझे तैयार मिले।

अब उन्होंने कहा कि हाँ ठीक है, में उसको तैयार रहने के लिए कह दूंगी और आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपने हमारी बहुत बड़ी समस्या को हल कर दिया, वरना हम सभी घर वाले इस बात को लेकर बड़ा चिंतित थे। फिर मैंने उनको कहा कि आपको मुझे धन्यवाद नहीं कहना चाहिए, आप लोगों की मदद करना मेरा भी तो एक फर्ज है और फिर अगले दिन में अपनी पत्नी को बताकर अपने ससुराल ठीक समय पर पहुंच गया। फिर उसके बाद में और श्वेता साथ उसके काम के लिए घर से निकल गये और पूरे रास्ते हम लोग तरह तरह की बातें कर रहे थे, तब मैंने उनसे बातों ही बातों में पूछा कि आपकी अपने पति के साथ सेक्स लाइफ कैसी थी? इस बात पर उन्होंने मुझे बताया कि सब कुछ ठीकठाक ही था, लेकिन वो इतना सा जवाब देकर चुप हो गई। दोस्तों उसने सेक्स की बातों में अपनी तरफ से ज़रा भी रूचि नहीं दिखाई और अब में बड़ी गहरी सोच में पढ़ गया कि कैसे इसकी सेक्स में रूचि पैदा की जाए? सबसे पहले मैंने सोचा कि कोई नशीली गोली को में इसकी चाय में डाल दूँ, जिसको पीकर यह नशे में आकर मेरा साथ देने लगे, लेकिन फिर मैंने सोचा कि नहीं क्यों ऐसा करके जोखिम लिया जाए? दोस्तों उस दिन मैंने उसके साथ जाकर उसका काम खत्म करने के बाद जानबूझ कर अपनी तरफ से देर कर दी।

अब जिसकी वजह से हमारी आखरी बस चली गई और उसके बाद हमे वापस अपने घर आने के लिए कोई भी साधन अब दूसरे दिन सुबह तक ही मिलना था। फिर वो मुझे वहीं पर सभी से सामने बुरा भला कहने लगी और में चुपचाप अपने गुस्से को शांत करने की कोशिश करते हुए वो सभी बातें श्वेता के ताने सुनता रहा। दोस्तों क्योंकि यह तो मेरे सोचे समझे प्लान का एक हिस्सा था और आखिर में हम दोनों एक होटल में रुकने के लिए चले गये। फिर मैंने वहां पर पहुंचकर जानबूझ कर दो कमरे के लिए बोला क्योंकि में बहुत अच्छी तरह से जानता था कि वो मेरी बात को नहीं चलने देगी और फिर ठीक वैसा ही हुआ। अब उसने कहा कि दो कमरों की क्या जरूरत है? हम दोनों को बस एक रात ही तो रुकना है, फिर हम दो कमरों का किराया क्यों दे? हम दोनों एक ही कमरे में सो जाएँगे। फिर उसके कहने पर मैंने एक कमरा हमारे नाम से ले लिया और हम दोनों उस कमरे में चले गये, लेकिन उसने होटल वाले से कहकर दोनों पलंग को अलग अलग करवा दिया था। अब मेरे प्लान का दूसरा हिस्सा शुरू होने जा रहा था। फिर मैंने उसको किसी बात को लेकर बहस करनी शुरू कर दी और जैसा कि बहस का नतीज़ा होता है ठीक वैसे ही अंत में वो रोने लगी।

अब वो मुझसे रोते हुए कहने लगी कि एक तो में वैसे ही कम परेशान नहीं रहती हूँ और इस पर तुम मेरा साथ देने की जगह मुझसे लड़ रहे हो, तुम तो मेरे अपने हो तुम्हे तो मेरी परेशानी मेरे दुख को सबसे पहले समझना चाहिए और तुम यह सब नहीं समझोगे तो और कौन समझेगा? एक तुम ही तो मेरे अपने हो। फिर बस अब में अंत में उसको मुझे माफ करने के लिए कहने लगा और में उसको कहने लगा कि नहीं श्वेता जी आप मत रोए, आगे से अगली बार ऐसा कुछ भी नहीं होगा, प्लीज आप मुझे मेरी गलतियों के लिए माफ़ कर दो, मैंने आपका बहुत दिल दुखाया है। फिर में आगे बढ़कर उसके आँसू साफ करने लगा, मेरा एक हाथ उसके नरम गालों से छूते ही वो एकदम से चौंक पड़ी, लेकिन वो तब भी अपनी नजरे नीचे झुकाए खड़ी थी और उसकी आँखों से आँसू बाहर निकल रहे थे। अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे में किसी अप्सरा को देख रहा हूँ। पहले मैंने उसके आँसू साफ किए और फिर मैंने सही मौका देखकर उसको कहा कि श्वेता जी आज के बाद में आपको कभी भी बुरा भला नहीं कहूँगा, लेकिन अब भी उसकी आँखों से आँसू नहीं रुक रहे थे।

अब मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके अपने दोनों हाथों से उसके उदास चेहरे को पकड़ लिया और अपने दोनों हाथों के अंगूठे से उसकी आँखों को साफ किया, लेकिन मेरे ऐसा करने से वो थोड़ा सा सकपका गई और इसलिए वो अब मेरी तरफ देखने लगी। फिर मैंने उसको बड़े ही प्यार से देखा और में करीब एक मिनट तक लगातार उसके चेहरे को अपने हाथों में लेकर उसकी तरफ देखता ही रहा और अब उसने कुछ देर बाद अपनी आखें नीचे कर ली और जैसे ही उसने आखें झुका ली। फिर मैंने उसके चेहरे को अपने बिल्कुल पास लाकर उसकी आँखों को चूम लिया। अब वो तुरंत मुझे पीछे धकेलने की कोशिश करने लगी थी, लेकिन मैंने भी तुरंत अपना संतुलन बनाते हुए उसको सामने की तरफ से पीछे की दीवार पर टिका दिया और अब में उसकी पीठ गर्दन को चूमने लगा था, लेकिन वो अब भी मुझे अपने से दूर करने की कोशिश करते हुए लगातार मेरा विरोध कर रही थी, लेकिन वो चीख नहीं रही थी, वो बस अपने हाथ पैर चला रही थी। दोस्तों उसने अभी तक कपड़े नहीं बदले थे, इस वजह से उसके कपड़ो से मुझे उसके पसीने की मंद मंद भीनी खुशबू आ रही थी, जो मुझे अब और भी ज्यादा उत्तेजित किए जा रही थी।

अब में उसको चूमते हुए अपने होंठो को नीचे लाने लगा था और में उसकी चिकनी पीठ को चूमते हुए अब उसके बूब्स की तरफ आने लगा। फिर मैंने उसके हाथों को छोड़ दिया और अब में उसकी कमर को अपने हाथों से पकड़कर उसके कुर्ते को थोड़ा सा ऊपर उठा दिया और अब में उसकी सलवार के ऊपर से ही उसके दोनों कूल्हों को अपने दांतो से काटने लगा और अपना चेहरा भी उसकी गांड पर मसलने लगा। अब मेरा उसके साथ यह सब करने की वजह से वो धीरे धीरे गरम हो रही थी और में लगातार उसकी गांड को चूमे जा रहा था और थोड़ी थोड़ी देर बाद में अपना चेहरा भी उसकी गांड पर दबा देता। अब मैंने सही मौका देखकर अपने हाथों का घेरा बनाते हुए उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया और वो एक बार फिर से विरोध करने की कोशिश करने लगी, लेकिन मेरे सामने उसकी एक ना चली। अब उसकी सलवार का नाड़ा खुलते ही सलवार तुरंत नीचे गिर गई, लेकिन वो अब भी उसके दोनों पैरों में ही थी। फिर मैंने अब उसके एक पैर को अपनी जाँघ पर रख लिया और उसको सीधा कर दिया। मेरे ऐसा करने की वजह से अब वो एकदम बेबस सी हो गई, क्योंकि उसका एक पैर दूसरे पैर के पीछे से होते हुए मेरी जाँघ पर था और उसके दोनों पैरो में उसकी सलवार बेड़ियों की तरह लिपटी हुई थी।

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अब मेरे चेहरे के ठीक सामने उसकी पेंटी थी, जिसको भी मैंने ज्यादा देर ना करते हुए तुरंत नीचे खींच दिया, जिसकी वजह से अब मेरे सामने उसकी वो कामुक चूत थी, जिसको आज में चोदकर अपने मन की इच्छा को पूरा करने वाला था और उस वजह से में मन ही मन बड़ा खुश था। फिर वो जैसे ही नीचे झुकी मैंने अपनी जीभ को तुरंत उसकी चूत में डाल दिया, उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे। वाह क्या मस्त स्वाद था? मेरी जीभ का उसकी चूत से छूते ही उसके पूरे शरीर में तो जैसे एक करंट सा दौड़ गया और में उसकी चूत का बड़े मज़े के साथ स्वाद लेता रहा। फिर मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि अब वो गरम होकर धीमी आवाज से सिसकियाँ भरने लगी थी और उसकी सिसकियों की आवाज को सुनकर मेरा जोश अब पहले से ज्यादा बढ़ने लगा था। फिर में ऊपर आया और उसके होंठो को सबसे पहले मैंने अपनी जीभ से साफ किया, उसके बाद में होंठो को चूमने लगा और साथ ही में उसके बूब्स को भी दबाने मसलने लगा, जिसकी वजह से वो अब गरम होने लगी थी। अब जोश की वजह से उसने अपने पैरों से सलवार को बाहर निकाल दिया और अपने दोनों हाथों से उसने मुझे जकड़ लिया था।

अब मैंने उसकी आँखों में देखा वो जोश में आकर नशीली होने लगी थी। आँखों को देखकर मुझे महसूस हो रहा था कि अब वो अपनी चुदाई के लिए तैयार है और फिर मैंने तुरंत उसके मुहं में अपनी जीभ को डाल दिया। अब वो भी बड़े मज़े लेकर मेरी जीभ को चूसने लगी थी और वो अब मेरा पूरा पूरा साथ देने लगी थी और वो सब देखकर में भी बड़ा खुश होकर जोश में आकर अपने काम को करने लगा था क्योंकि अब मेरी हिम्मत पहले से बहुत ज्यादा बड़ चुकी थी। अब मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे और वो उसके कुर्ते को खोल रहे थे और उस काम को करने में वो भी मेरा साथ दे रही थी और उधर हम दोनों एक दूसरे की जीभ को बुरी तरह से चूस रहे थे और हम लोग एक दूसरे को लगातार चूसते जा रहे थे। फिर इधर मैंने उसके कुर्ते को खोलकर उसे उसके हाथों तक कर दिया था और उसने तुरंत बड़ी जल्दी अपने हाथों से कुर्ते को दूर कर दिया जैसे वो कोई सांप हो। अब वो मेरी बाहों में सिर्फ़ ब्रा में ही थी और में भी अपने कपड़े उतारने लगा और तब तक उसने भी अपनी ब्रा को खोल दिया था, जिसकी वजह से अब वो मेरे सामने पूरी तरह से नंगी खड़ी थी। दोस्तों ये कहानी आप पर पड़ रहे है।

फिर उस द्रश्य को देखकर मैंने जोश में आकर तुरंत उसके बूब्स को अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया और वो जोश में आकर अपने दोनों हाथों से मेरे सर को अपने बूब्स पर दबा रही थी और अब उसके मुँह से आह्ह्ह्ह उफ्फ्फ्फ आईईईइ की आवाज़ आ रही थी। अब हम दोनों की पसीने की खुश्बू से वो सारा कमरा महक रहा था, जिसकी वजह से हम दोनों और भी ज्यादा मदहोश होने लगे थे और हम दोनों एक दूसरे को पूरी ताक़त से जकड़ते जा रहे थे। फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठाकर पलंग पर लेटा दिया और अपनी एक उंगली को उसकी गीली चूत में डाल दिया। दोस्तों मेरी ऊँगली एक ही बार में उसकी पूरी जड़ तक जा पहुंची और जोश के साथ उसने तुरंत अपनी गांड को ऊपर उठा लिया और अब में अपनी उंगली को उसकी चूत में अंदर डालकर धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा था और उस काम में वो मेरा पूरा पूरा साथ दे रही थी। अब में उसके बूब्स को चूमते चूसते हुए उसके पूरे बदन को सहलाने लगा था, जिसकी वजह से उसकी उत्तेजना पहले से और भी ज्यादा बढ़ने लगी थी। अब वो अपने मुहं से सेक्सी आवाजे निकालने के साथ साथ मुझे अपनी जकड़ में ज्यादा जकड़ने लगी और उस वजह से पागल हुआ जा रहा था, लेकिन अब यह सब उसके बर्दाश्त के बाहर हो रहा था।

फिर उसने मुझसे कहा कि अब तुम मुझे और मत तरसाओ, में अब झड़ने वाली हूँ, प्लीज तुम अब जल्दी से इसका कुछ करो उफ्फ्फ्फ आह्ह्ह में गई काम से। फिर इतना कहते हुए उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया, जो मेरी हथेली पर में गिरा और उसको में चाटने लगा, वो झड़ते हुए अब धीरे धीरे शांत होती चली गई। फिर उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और वो उसको चाटने लगी और अब में उसके ऊपर लेट गया, हम दोनों के हाथ एक दूसरे के शरीर पर घूम रहे और शरीर के हर एक हिस्से हर एक अंग के साथ खेल रहे थे। उस समय मेरा लंड उसकी गरम गीली चूत को रगड़ रहा था, उसकी चूत पर हल्के हल्के बाल थे इस वजह से मुझे उसकी चूत थोड़ी खुरदरी लग रही थी और वो मेरे लंड में और भी ज्यादा जोश भर रही थी। अब उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया वो अपने नरम मुलायम हाथ को लंड के ऊपर नीचे तक घुमाकर लंड को सहला रही थी और उस वजह से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था। फिर वो लंड को अपने हाथ में लेकर कुछ देर तक मुठ मारती रही और वो मेरे आंड को हिलाकर उनको भी सहलाने लगी थी। फिर कुछ देर बाद उसने मेरे लंड का टोपा अपने मुहं में लेकर उसको गीला करके लंड को अब अपनी चूत के छेद पर रख दिया और फिर मैंने भी चूत की गरमी लंड पर महसूस करते ही तुरंत एक ज़ोर का धक्का दे दिया।

दोस्तों उसकी चूत पहले से ही बहुत कामुक गीली हो चुकी थी, इस वजह से मेरा लंड उसकी चूत को चीरता फाड़ता हुआ अंदर जाने लगा और उस दर्द की वजह से उसके मुहं से अब आईईई सीईईईइ उफ्फ्फ्फ्फ़ माँ में मर गई की आवाज़ निकलने लगी थी और अब उसने अपनी गांड को पहले से भी ज्यादा ऊपर उठा दिया। फिर उस वजह से मेरा पूरा लंड अब उसकी चूत में था। उसने मेरा उस काम को करने में बड़ा अच्छा साथ दिया। अब में थोड़ी देर तक ऐसे ही पड़ा रहा, मैंने अपनी तरफ से बिल्कुल भी हलचल नहीं की, लेकिन उसने अब अपनी गांड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया और यह सब देखकर मेरी खुशी अब भी बढ़ती ही जा रही थी और उस वजह से में और भी जोश में आ रहा था। अब वो अपने दोनों पैरों से मेरी गांड को नीचे लेकर धक्के मारती और मैंने उसके दोनों हाथों को अपने हाथों से पकड़कर पूरा फैला दिया और में उसकी गर्दन के नीचे चूमता जा रहा था। अब हम दोनों धक्के पे धक्के लगाए जा रहे थे और वो दर्द की वजह से हल्के हल्के उफ्फ्फ्फ़ आईईईइ आह्ह्ह्ह माँ मर गई की आवाजें निकाल रही थी। फिर मैंने कुछ देर धक्के देने के बाद महसूस किया कि अब मेरे लंड पर वो रस आ गया था जो अत्यधिक उत्तेजना में आता है और उसकी चूत भी बहुत गीली थी, जिसकी वजह से हम दोनों पूरी तरह से चुदाई का मज़ा ले रहे थे।

अब मुझे उसके चेहरे पर वो ख़ुशी साफ साफ नजर आ रही थी जो हर एक प्यासी चूत की चुदाई के बाद उस लड़की या औरत के चेहरे से साफ साफ झलककर चुदाई का मज़ा दुगना कर देती है। अब में जोश में आकर अपनी तरफ से उसको लगातार धक्के दिए जा रहा था, वो मुझे कहने लगी थी आह्ह्ह्ह हाँ और ज़ोर से थोड़ा और अंदर तक डालो ऊफ्फ्फ्फ़ हाँ मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, आज तुम मेरी इस चूत को जमकर चोदो, बुझा दो इसकी प्यास को मुझे इसने कितना परेशान किया है में तुम्हे बता भी नहीं सकती उफ्फ्फ्फ़ वाह मज़ा आ गया, मेरे पति का लंड इस लंड के सामने कुछ भी नहीं है। अब में इसको अंदर लेकर धन्य हो गई, तुमने मुझे इतने सालों बाद आज वो मज़ा सुख दे दिया है जिसको पाने के लिए में अपने पति से कब से उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन वो मेरी उम्मीद पर कभी भी खरा नहीं उतरा। आज मुझे तुमसे चुदाई का वो पूरा मज़ा चाहिए। अब तुम चोदो मुझे और तेज धक्के लगाओ आज से यह मेरी चूत बूब्स गांड और मेरा पूरा यह जिस्म बस तुम्हारा है, तुम मेरे असली पति हो तुम्हे में कभी भी अपनी चुदाई के लिए मना नहीं करूंगी, आज से हम दोनों के बीच यह एक नया रिश्ता जन्म ले चुका है और तुम इसकी भी लाज रखना मुझे कभी भी मायूस मत करना।

दोस्तों करीब दस मिनट तक उसका मुझे यह सब जोश भरी बातें कहने का सिलसिला ऐसे ही चलता रहा और में जोश में आकर धक्के देता रहा। फिर उसकी चूत ने कुछ देर बाद अपना पानी छोड़ दिया, लेकिन में उस मौड़ पर नहीं पहुँचा था, जहाँ जाकर में झड़ जाता और इस वजह से में अब भी उसको लगातार धक्के दे रहा था। दोस्तों वो अब बिल्कुल निढाल हो गई थी और उसके मुहं से बस स्सईईईइ ऊईईई अब बस करो हो गया ना ऊफ्फ्फफ् की आवाज़े आने लगी थी। फिर कुछ देर तक उसकी चूत में ताबड़तोड़ धक्के देने के बाद मेरा शरीर भी अब अकड़ने लगा था और उसी समय मेरे लंड ने उसकी चूत में अपने गरम गरम वीर्य की एक धारा को तेज धक्के के साथ अंदर ही छोड़ दिया, जिसकी वजह से उसके चेहरे पर वो तृप्ति का भाव मुझे साफ नजर आ गया था। फिर वीर्य की धार निकलने के बाद मैंने उसके गालों पर अब एक गहरा चुंबन ले लिया। अब मेरा लंड धीरे धीरे छोटा होना शुरू हो गया, हम दोनों ने एक दूसरे की आँखों में देखा मुस्कुराए और फिर से हम दोनों ने एक दूसरे को अपनी बाहों में जकड़ लिया। फिर उसके बाद हम दोनों ने एक दूसरे से वादा किया कि हम दोनों इस बारे में किसी को नहीं बताएँगे।

दोस्तों उसके बाद हम दोनों वैसे ही चिपके हुए कुछ देर लेट गए और उसके बाद हम दोनों उठे बाथरूम में जाकर नहाकर हमने अपने अपने कपड़े पहने और तैयार होने के बाद मैंने कुछ देर उसके साथ वैसे ही प्यार भरी बातें हंसी मजाक करने के बाद मैंने खाने का ऑडर दिया और जब तक खाना आया तब तक हम एक दूसरे से चिपककर पास में बैठकर बातें करने के साथ साथ में उसके बूब्स को भी सहलाता रहा, लेकिन उसने मुझे कुछ नहीं कहा, वो बस मुस्कुराती रही। फिर जब खाना आ गया तब हम दोनों ने साथ में बैठकर खाना शुरू किया। वो मुझे अपने हाथ से खिला रही थी और में भी उसके मुहं में निवाला दे रहा था। दोस्तों खाना खा लेने के बाद हम दोनों कुछ देर बाद दोबारा पलंग पर लेट गए। में अब भी उसकी तनी हुई निप्पल को सहला रहा था और अब वो मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाने लगी थी। अब उस वजह से कुछ देर बाद वो तनकर दोबारा खड़ा हो गया, झटके देने लगा था। अब वो पेंट की चेन को खोलकर अंदर अपना एक हाथ डालकर लंड को सहलाने लगी और कुछ देर बाद मुझसे रुकना बड़ा मुश्किल हो रहा था, लेकिन उसके पहले ही उसने मेरे मन की बात को सुनकर तुरंत उठकर मेरी पूरी पेंट को उतारकर लंड को अपने मुहं में लेकर चूसना शुरू किया।

अब में पलंग पर पड़ा हुआ जोश में आकर मज़े लेता रहा और कुछ देर बाद उसने मुझसे दोबारा अपनी चुदाई के लिए कहा और मैंने अब उसको घोड़ी बनाकर अपने लंड को एक जोरदार धक्का मारकर पूरा अंदर डालकर बड़ी तेजी से धक्के मारकर चुदाई करना शुरू किया। अब वो दर्द की वजह से ज़ोर ज़ोर से चीखने चिल्लाने लगी, तब उसने मुझे बताया कि उसके पति ने आज तक उसको दोबारा कभी नहीं चोदा और एक ही तरह से लेटाकर चुदाई करने के अलावा उनको दूसरा कोई तरीका आसन नहीं आता। फिर कुछ देर धक्के लगाकर वो मेरी चूत में अपना वीर्य निकालकर थककर सो जाते है, लेकिन आज तुम मुझे पूरी तरह से चुदाई करके खुश कर दो, हाँ चोदो मुझे अपना पूरा दम लगाकर धक्के दो, मुझे अपने लंड की पूरी ताकत वो जोश दिखा दो, चोदो मुझे आज तुम जमकर। अब में वो जोश भरी बातें सुनकर जोश में आकर उसकी चूत को शांत करने की कोशिश करता रहा और कुछ देर बाद हम दोनों ठंडे होकर एक दूसरे से चिपककर लेट गए। दोस्तों यह थी मेरी वो सच्ची चुदाई की घटना, जिसमे मैंने अपनी पत्नी की बड़ी बहन को चोदकर अपना बदला भी पूरा किया और उसकी बरसों से प्यासी चूत को अपने लंड से चोदकर शांत भी किया। अब वो मेरी चुदाई की प्यासी और मेरे लंड की दासी बन चुकी है, मैंने उसके बाद भी उसको उसकी मर्जी से कई बार चोदा ।।

धन्यवाद .