चुदाई ऑन लाइन से ऑफ लाइन तक

आज इन्टरनेट की वर्चुअल दुनिया या आभासी दुनिया ने युवाओं के दिल में एक अलग ही जगह बना ली है. यहाँ कुछ रिश्ते स्थायी तौर पे बन जाते हैं तो कभी- कभी रिश्ते बनने से पहले ही उनका टूट जाना निश्चित हो जाता है. लेकिन इस आभासी दुनिया के माध्यम से कुछ समय का यौन सुख ही मिल जाय तो इसमें बुरा भी क्या है????

हेलो दोस्तों!! मेरा नाम लकी है और मैं कानपुर का रहने वाला हूँ. आज मैं आपको अपनी एक सेक्स स्टोरी बताने जा रहा हूँ. अगर आप को पसन्द आये तो मुझे ईमेल करना. मेरी मेल आई डी है अभी मैं कहानी पे आता हूँ. ये बात आज से 5 साल पहले की है जब मैं स्टडी करता था और मुझे नेट पे चैट करने का बड़ा शौक था.

मैं कॉलेज से आकर नेट पर चैटिंग करने के लिए बैठ जाता था. चैटिंग करते वक़्त मुझे दिल्ली की एक लड़की मिली. उसका नाम सुधा था. फिर हम हर दिन फेसबुक पे चैट करने लगे.

हम दोनों में अच्छी दोस्ती हो गयी, उसने अपनी उम्र 30 वर्ष बतायी. मैं तब 22 वर्ष का था. फी हम दोनों ने फोन नंबर शेयर किये और हमारी फोन पे भी बातें होने लगीं. उसने बताया की उसके पति का बहुत बड़ा बिज़नस है और वो अक्सर ट्रेवलिंग करते रहते हैं. उनका एक बीटा भी है जो 6th क्लास में पढता है. फोन पे ही मैंने उसका फिगर पूछा तो उसने बताया कि उसका फिगर 36-32-36 है.

फिर हम दोनों धीरे-धीरे अपनी भावनाओं को शेयर करने लगे. उसने बताया की वो सेक्स के लिए तड़प रही है. बहुत समय हो गया, उसने सेक्स नहीं किया है. फिर हम रोजाना फोन पर फोन सेक्स करने लगे. फिर उसने एक दिन कहा की उसे मुझसे प्यार हो गया है. तब जाकर हमने मिलने का प्लान बनाया. हम दोनों पहली बार इंडिया गेट पे मिले. जब मैंने उसे पहली बार देखा तो देखता ही रह गया.

बिलकुल करीना कपूर की तरह लग रही थी. हम दोनों ने कुछ देर तक वहीँ बैठ कर बातें की. इसके बाद हम शॉपिंग करने के लिए मार्केट में निकल गए. उसने मुझे बहुत साड़ी शॉपिंग करवाई. फिर हम एक अच्छे से रेस्टोरेंट में बैठकर बातें करने लगे. सुधा मुझसे कहने लगी कि उसे मुझसे प्यार हो गया है और उसे मेरे बिना रहा नहीं जाता. हम दोनों ने वहीँ साथ बैठकर कॉफ़ी पी और फिर लॉन्ग ड्राइव पे निकल पड़े. गाडी में बैठने के बाद पहली बार मैंने उसका हाथ पकड़ा. फिर मैंने अपने जीवन का पहला किस उसे दिया. शाम होने के बाद वो अपने घर चली गयी.

सुधा ने रात में मुझे फोन किया और बोली की अब वो मेरे बगैर बिलकुल नहीं रह सकती और वो मेरे साथ सेक्स करना चाहती है. हम दोनों ने तय किया कि जब भी उसका पति शहर के बहार जाएगा, तो हम जम कर सेक्स करेंगे.

फिर एक दिन जब उसके पति काम के सिलसिले में शहर से बाहर गए तो उसने मुझे फोन किया. सुधा ने कहा कि उसने एक 3 स्टार होटल में एक कमरा बुक कराया है और उस रात वो वहीँ रुकेगी और फिर हम दोनों साथ में मिलकर खूब मस्ती करेंगे.

मैं जल्दी से उस होटल पहुँच गया, जहाँ वो रूम बुक था. सुधा पहले से ही वहाँ मेरा इन्तजार कर रही थी. होटल के कमरे में दाखिल होते ही सबसे पहले हम दोनों ने कस कर एक दूसरे को हग किया. उसने सिर्फ लॉन्ग टी शर्ट पहन रखी थी. उसे गले लग कर लिपटते हुए जब उसके बूब्स मेरे सीने से चिपके तो मैं जैसे पागल हो गया.

मैं फ्रेश होने के लिए बाथरूम चला गया. वापिस आया तो वो टीवी देख रही थी. बेड पर बैठकर हम दोनों कुछ देर तक बातें करते रहे. बातें करते- करते ही मैं उसका हाथ पकड़ा और चूम लिया. जल्दी ही हम दोनों के होठ आपस में चिपक कर किस कर रहे थे. इस चुम्बन ने मुझे अन्दर से काफी गर्म कर दिया. मैं टी शर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स को मसलने लगा. सुधा भी मेरे गर्दन पे किस करके मेरी उत्तेजना को और बढ़ा रही थी.

मैंने उसकी टी शर्ट को उतार फेंका. उसने नीचे इम्पोर्टेड लेस वाली ब्रा पहनी हुयी थी. कुछ देर तो मैंने ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियों को चूमा फिर उसकी गोल चूचियों को उसकी ब्रा की कैद से भी आजाद कर दिया. उसकी नंगी चूचियाँ मुझे दीवाना बना रही थीं.

मैंने उसकी चूचियों को मुँह में डाला और चूसने लगा. सुधा अब सिसकियाँ भरने लगी थी. उसकी चूचियों से अपने होठों को फीसलाते हुए मैं उसकी नाभी पे आ गया. उसकी नाभियों को मेरे द्वारा चूमा जाना, उसे आनन्दित कर रहा था. अब मैंने एक हाथ उसकी पैंटी में डाला. मैंने महसूस किया कि उसकी चूत बिलकुल गीली हो चुकी है.

मैंने सुधा के शरीर पे पड़ा एक मात्र कपड़ा, उसकी पैंटी को भी उतार दिया. सुधा की चूत पे एक भी बाल नहीं थे. बिलकुल चिकनी चूत थी. मैंने पूछा- यहाँ के बाल कैसे साफ़ करती हो?

उसने कहा- अक्सर वैक्सिंग ही कराती हूँ.

मुझे ब्लू फिल्म में चूत चुसाई देखना बहुत अच्छा लगता है. मैंने उसकी चिकनी चूत को किस करना शुरू किया. उसने रोकने की कोशिश की लेकिन मैं नहीं माना. कुछ देर तक उसकी चूत चुसाई करने के बाद मैंने अपना लंड उसके हाथों में देकर कहा- प्लीज!! चाटो न इसे.

उसने मना कर दिया. लेकिन बहुत जोर देने पे वो तैयार हो गयी. फिर भी उसने मेरे लंड के सिर्फ उपरी भाग को ही चाटा. मैंने भी ज्या जोर देना उचित नहीं समझा.

सुधा कहने लगी- अब बिलकुल नहीं रहा जा रहा. प्लीज अब चोद भी दो!

मैंने अपना लंड उसकी चूत पे सटा दिया. मेरा ये पहला ही चुदाई का अनुभव था तो मुझे कुछ ज्यादा अनुभव नहीं था. फिर सुधा ने अपने हाथ में मेरा लंड लिया और बोली- धक्का मारो!

मैंने वैसा ही किया. पहली बार में ही लंड आधा घुस गया. फिर 2-3 धक्कों के बाद लंड पूरी तरह चूत में समा गया. वो पागल होने लगी. मुझे भी लगा जैसे मैंने अपना लंड किसी तंदूर में घुसा दिया हो. उसकी चूत वाकई अन्दर से काफी गर्म थी.

अभी हमने बमुश्किल 5 मिनट की ही चुदाई की थी कि मुझे लगा अब मैं झड़ जाऊँगा. शायद पहली बार होने की वजह से मैं जल्दी ही झड़ रहा था, लेकिन बहुत दिनों के बाद हुयी चुदाई की वजह से सुधा भी साथ में ही झड़ रही थी.

हम दोनो ने साथ में बाथरूम में जाकर खुद को साफ़ किया और फिर खाना आर्डर कर दिया. खाने के बाद हमने चुदाई का दूसरा दौर शुरू किया. इस बार हमने 20 मिनट तक जम कर चुदाई की. उस पूरे दिन हमने 5 बार चुदाई की और मैंने उसकी गांड भी मारी.

उस दिन के बाद हम अक्सर मिलते रहे और काफी बार सेक्स किया. फिर किसी वजह से मैं अपने घर वापिस आ गया और सुधा के साथ संपर्क भी टूट गया. आज इतने सालों बाद मैं फिर अकेला हूँ. अगर कोई भाभी, आंटी या विडो मेरे साथ फ्रेंडशिप करना चाहे तो मुझे मेल करे.