क्कोल्ड दोस्त के सामने उसकी बीवी का बुर चोदा

मैं आज आप लोगों के समक्ष एक नयी कहानी के साथ प्रस्तुत हुआ हूँ, यह हार्डकोर भाभी सेक्स कहानी वास्तविक है पर इसमें पात्रों के नाम परिवर्तित हैं.

राजन जो मेरे ऑफिस में काम करता है, वह अपने सीट पर नहीं था.
तभी उसका फ़ोन अचानक बजा तो मैंने उठा लिया.

उधर से उसकी पत्नी की आवाज आयी- जानू, आज शाम का क्या प्रोग्राम है? आज मूड बहुत अच्छा है.
मैंने पूछा- आप कौन?
तो वो बोली- मैं राजन जी की पत्नी बोल रही हूँ. क्या वो ऑफिस में नहीं हैं?
मैं बोला- नहीं, वह अभी अभी कहीं गया है.

उसने पूछा- आप कौन?
मैंने उसे अपना परिचय दे दिया और बोला- भाभी जी, आप मुझे अपने घर नहीं बुलायेंगी क्या?
वो बोली- माफ़ कीजियेगा भाई साहब, राजन ने आपके बारे में कभी चर्चा नहीं की. आपका स्वागत हैं. बच्चों और भाभीजी को भी लाइये.
मैं बोला- आप लोग भी आइये भाभीजी!

तभी राजन आ गया.
मैं बोला- लो राजन, भाभीजी का फ़ोन है.
वे दोनों बात करने लगे और राजन मेरी तरफ देखकर मुस्कुरा रहा था.

बात करने के बाद राजन बोला- अविनाश जी, आज शाम को आप डिनर हमारे घर करियेगा, मेरी पत्नी ने आपको बुलाया हैं.
मैं बोला- जब तक भाभी नहीं बुलाएगी, तब तक तू तो किसी को अपने घर आने भी नहीं देगा; ऐसा लगता है.
उसने बोला- नहीं नहीं, ऐसी कोई बात नहीं है, मैं भूल जाता था.

शाम को ऑफिस के बाद मैं राजन के साथ उसके घर गया.
राजन एक किराये के मकान में रहता था.
दो कमरे का घर था उसका!

राजन ने डोर बेल बजायी तो भाभी ने दरवाजा खोला.
भाभी को देखकर तो मेरी सांस ही थम गयी.
क्या माल थी … उम्र भी 24 साल से ज्यादा नहीं थी. लम्बाई ज्यादा नहीं थी पर फिगर मस्त था 36-32-38 का.
बिल्कुल गोरी, आँखों में काजल, होठों में लिपस्टिक, बड़ी बड़ी आँखें!

मेरे दिल में गुदगुदी होने लगी.
उसने साड़ी और स्लीवलेस ब्लाउज पहन रखी थी और बाल का बड़ा सा जूड़ा बना रखा था.

मैंने भाभी को नमस्ते बोला.
उन्होंने मेरा अभिवादन स्वीकार किया और हम हॉल में आ गए.

घर को भाभी ने काफी सलीके से सजाया था.

मैं और राजन सोफे पर बैठ गए.
भाभी ने पानी टेबल पर रखा और पूछा- आप वेज खाते हैं या नॉनवेज?
मैं बोला- भाभी जी सब कुछ चलता है, जो आप बना दे सब खाऊंगा.
वो हँस के बोली- ठीक है भाई साहब.

मैंने पूछा- भाभी जी, आपका नाम क्या है?
वो बोली- दक्षा.
मैं बोला- क्या सुन्दर नाम है!
वो थैंक्स बोलकर चली गयी.

जाते जाते बोली- भाई साहब फ्रेश हो लो.
मैं फ्रेश होने बाथरूम चला गया.
राजन भी फ्रेश होने चला गया.

मैं जब बाथरूम से वापस आया तो दक्षा ने पूछा- आप ड्रिंक करते हैं?
तो मैं बोला- बिल्कुल!

उसने तीन ग्लास, नमकीन, सलाद और ब्लैक डॉग की बोतल टेबल पर सजा दी.
राजन बोला- दक्षा पैग बनाओ.
भाभी तीन पैग बनाने लगी.

मैंने पूछा- तीसरा पैग किसका है?
राजन बोला- तुम्हारी भाभी का! हम दोनों साथ में ड्रिंक्स करते है.

मैं बोला- तुम भाग्यशाली हो राजन जो तुम्हें दक्षा भाभी सरीखी पत्नी मिली.
राजन मुस्कुराया, बोला- धन्यवाद अविनाश जी.

हम तीनों ने चियर्स किया और पैग लेना शुरू कर दिया.
दक्षा धीरे धीरे पी रही थी पर राजन ने दनादन दो पैग खत्म किये और सिगरेट सुलगा ली.

मैंने भी दक्षा के साथ धीरे धीरे पैग खत्म किया और दक्षा को दूसरा पैग बनाने को बोला.

राजन सुस्त हो गया था, बोला- दक्षा मैं बैडरूम में जा रहा हूँ, तुम अविनाश जी का ध्यान रखना.
मैं समझ गया कि अब असली मज़ा आने वाला है.

राजन चला गया.

उसके जाने के बाद मैं बोला- दक्षा जी क्या मैं आपके बगल में बैठ कर पी सकता हूँ?
उसने बोला- अरे आप मेरे बगल में सो भी सकते हैं.

मैं तुरंत दक्षा के बगल में आकर उसे अपनी बांहों में भर लिया और चूमने लगा.
उसके शरीर से मादक गंध फूट रही थी.

दक्षा से पूछा- क्या राजन को यह सब पता है?
वो बोली- जी हाँ.
दक्षा बोली- राजन गे है … उसे औरतों में कोई रुचि नहीं है! तो उसी ने बोला कि मैं अपना जीवन अपने तरीके से जी सकती हूँ.

मैंने पूछा- अब तक कितने लोगों से मिल चुकी हो?
उसने बताया- 5-6 लोगों से.
मैं बोला- ठीक है. पर मैं सबसे अलग हूं. तुम्हें मेरे बारे में पता नहीं है इसलिए मैं बताना उचित समझता हूँ ताकि तुम्हें बाद में परेशानी न हो.

मैंने उसे पैंट उतारकर अपना लंड दिखाया.
देखते ही वह चिहुँक कर बोली- बाप रे … ऐसा भी लंड किसी आदमी का होता है?
मेरा 8 इंच का लंड जो काफी मोटा भी है सोया हुआ था.

मैं बोला- कोई नहीं … तुम इसे ले लोगी परन्तु मैं जल्दी झड़ता नहीं हूँ. यह सबसे बड़ी दिक्कत है. मैं कई औरतों से मिल चुका हूँ. वो यही बोलती हैं कि यार तुम झड़ते क्यों नहीं? पता नहीं क्यों मुझे गुदगुदी होती ही नहीं जल्दी! और बिना झड़े मैं पगला सा जाता हूँ. तो प्लीज मुझे सहयोग करोगी ना?

उसने बोला- कोशिश करुँगी. पर डर लग रहा है.
मैं बोला- बस तुम मेरी बात मानती जाना, कुछ नहीं होगा.
वो बोली- ठीक है.

मेरी लम्बाई 6 फ़ीट है और वजन 85 किलो.
परन्तु दक्षा कद में काफी छोटी थी और वजन भी 55-56 से ज्यादा नहीं था.
हालांकि उसके चूचे बड़े थे और नितम्ब भी बड़े थे.

मैंने दक्षा का अपनी गोद में बिठा लिया और उसके होठों पर अपने होंठ रख दिए.
मैं उसके होठों को चुभलाने लगा, वह भी मेरे होठों को चूस रही थी.

मैंने उसके मुंह में थूक दिया तो उसने उसे निगल लिया.
उसने भी मेरे मुंह में थूका जिसे मैं भी निगल गया.

अब मैंने उसे नंगी होने को बोला वो नंगी हो गयी.
उसने अपनी पूरी बॉडी वैक्स करवा रखी थी, बिल्कुल चिकनी.

मैं उसका एक निप्पल मुंह में रखकर चूसने लगा तो वह सीत्कार लेने लगी.

अब मैंने अपना लंड दक्षा को चूसने का इशारा किया.
दक्षा मेरा लंड मुंह में लेने का प्रयास करने लगी पर काफी मोटा होने की वजह से वह आसानी से उसे मुंह में नहीं ले पा रही थी.

मैंने उसकी नाक दबाई.
दम घुटने जैसा होने पर उसने जैसे ही मुंह खोला मैंने धक्का मारकर लंड उसके मुंह में गले तक ठूंस दिया.
वह गूँ गूँ की आवाज निकालने लगी और उसकी आँखों से आंसू आने लगे.
और वह उबकाई लेने लगी.

मैं बोला- बेबी रुको मत … सहयोग करो.

मैं लंड फिर उसके मुंह में डालकर आगे पीछे करने लगा.
मैंने जोर से उसकी गर्दन पकड़ रखी थी.

मेरा लंड अब धीरे धीरे कड़ा होने लगा था.

मैं लंड उसकी दोनों चूचियों के बीच रखकर रगड़ने लगा.
उसने दोनों हाथों से अपनी चूचियाँ पकड़ रखी थी.

मैंने 5 मिनट ऐसे ही रगड़ा.

अब मैं सोफे पर दोनों पैर फैलाकर बैठ गया और दक्षा को लंड चूसने को बोला.
दक्षा लंड चूसने लगी.

थोड़ी देर बाद मैंने 69 पोजीशन बनायी और हम एक दूसरे के यौन अंगों को चाटने लगे.
दक्षा तो सिसकारी लेने लगी और ढेर सारा पानी उसकी चूत से निकलने लगा.

मैंने इसी पोजीशन में करीब 15 मिनट तक चूसा और चुसवाया.

अब मेरा लंड फुफकार रहा था.
जब मेरा लंड तैयार होता है तो सुपारा फूलकर गेंद जैसे हो जाता है और थोड़ा नीचे की तरफ मुड़ जाता है.

दक्षा बोली- हे भगवान, यह मूसल जैसा लंड मेरे अंदर जायेगा कैसे?
मैं बोला- मैंने इससे कितनी कच्ची कलियों की सील तोड़ी है और औरतों बना दी तुम तो कितने लंड खा चुकी हो.

दक्षा बोली- कच्ची कली चाहिए आपको तो मिल जाएगी. बिल्कुल फ्रेश है. अभी किसी ने हाथ तक नहीं लगाया है पर यार … आपको वो झेल नहीं पायेगी.
मैं बोला- उसकी चिंता तुम मत करो. लड़कियों को चोदने में थोड़ा टाइम ज्यादा लगता है पर सब हो जाता है. वैसे कौन है?

वो बोली- मेरे ऊपर रहती है. उन्नीस साल की है, पर लगती नहीं है. मेरे पास आती रहती है. मैं उसकी चूची दबा देती हूँ तो बोलती है ये क्या भाभी? मैं बोलती हूँ तेरा पति ऐसे ही दबाएगा तो बोलती है आप पति थोड़े न हो. मैं बोलती हूँ उसे यदि तू चाहे तो शादी से पहले तुझे मजे दिला दूँगी. यदि उसे बुरा लगता तो वो मेरे पास नहीं आती. पर वो सेक्स करना चाह रही है. उसके माँ पिताजी दोनों वर्किंग है. मैं उससे बात करके एक दो दिन में तैयार कर लूंगी और दिन में यही मेरे फ्लैट में बुला लूंगी.

मैं बोला- ठीक है.
दक्षा अब पूरी तरह तैयार थी.

मैंने दक्षा को घोड़ी बनाया और पीछे से अपना सुपारा उसके चूत पर सेट किया और धक्का मारा.
वह मुंह के बल गिर गयी और जोर जोर से चिल्लाने लगी.

वो बोली- मुझसे नहीं होगा यार! क्या लंड है तुम्हारा!
मैं समझ गया कि इसे बांधना पड़ेगा क्योंकि इसे अभी कोई बढ़िया चोदने वाला नहीं मिला था.

अब मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसके दोनों हाथ उसके साड़ी से बाँध दिया.
वह मेरे सामने तो बिल्कुल कमजोर ही थी.

मैंने उसकी टांगों के बीच आकर दोनों पैरों को कंधे पर लिया, लंड को चूत पर थूक लगाकर सेट किया और जोरदार धक्का मारा.
आधा लंड दक्षा के चूत में अंदर डाल दिया.

वह चिल्लाने और तड़फने लगी.

मैं अब आधे लंड से ही दक्षा की चुदाई करने लगा.
10 मिनट बाद मैंने अचानक एक धक्का और मारा और पूरा लंड चूत में घुसेड़ दिया.

मैंने चुदाई जारी रखी.
अब दक्षा को मज़ा आने लगा था, बोली- बाप रे बाप … तुम्हारी बीवी तुम्हें कैसे झेलती होगी.
मैं बोला- इसीलिए तो तुम जैसी माल मैं खोजता रहता हूँ.
दक्षा बोली- तुम पूरे सांड हो.

अब मैंने दक्षा को अपने ऊपर आने को बोला.
उसी समय राजन भी वहां आ गया, बोला- अच्छा तो दक्षा रानी मज़े लूट रही है अकेली अकेली?
तो दक्षा बोली- आ जाओ तुम भी ले लो!

दक्षा मेरे ऊपर से मुझे चोद रही थी पर मेरा लौड़ा अभी पूरा तना हुआ था.
वह थक कर मेरे सीने से लग गयी.

इतने में राजन मेरे नजदीक आया और मेरा लंड देखकर बोला- बाप रे … तुम्हारा तो सांड जैसा लम्बा और गधे जैसा मोटा है. दक्षा, तुम कैसे अपनी फुद्दी में इसे ले रही हो यार? तुम तो एकदम रांड बन चुकी हो.
दक्षा बोली- तुमको क्या पता मेरे ऊपर क्या बीत रही है. आओ तुम भी थोड़ा मेहनत करो.

राजन जो गे था, बेड पर आया और मेरा लंड दक्षा के चूत से बाहर निकालकर मुंह में लेकर चूसने लगा.
वह बहुत मस्त लंड चूस रहा था.
मुझे वैसे गे में कोई रुचि नहीं है.

अब मैंने दक्षा को घोड़ी बनाया और पीछे से चुदाई करने लगा.
दक्षा सटा सट लंड चूत में ले रही थी. वह कई बार झड़ भी चुकी थी.
बीच बीच में राजन भी लंड चूस रहा था.

एक घंटे की लम्बी चुदाई के बाद मैंने ढेर सारा माल दक्षा की चूत में गिरा दिया और उसके बगल में पसीने पसीने होकर निढाल पड़ गया.

दक्षा की भी हालात पतली हो गयी थी वह बेड से उठ नहीं पा रही थी.

मैंने आधे घंटे बाद एक राउंड और चुदाई की और जल्दी दुबारा मिलने को बोलकर अपने घर चला गया.
उस दिन के बाद मैं दक्षा को तीन चार बार चोद चुका हूँ. वह अब मुझसे मिलने को बेकरार रहती है.