दोस्त की बहन ने चुदवाया, उसके बूब्स को सीधे मुह ले लिया

हेलो दोस्तों मुझे मेरी पिछली सेक्स कहानी मैडम के साथ मस्ती बीच में ही छोड़ देनी पड़ी जिसका कारण रहा मुझे सिर्फ एक मेल मिला था. मेरी आपसे विनती है कि आप मुझे ज्यादा से ज्यादा मेंल्स करें, मेरे पास बहुत सी ऐसी घटनाएं है जो मेरी जिंदगी में घटी है और उन्हे पढ़ कर आपको बहुत ज्यादा मजा आएगा. अब स्टोरी शुरु करता हूं. मेरे कोलेज में अच्छे फ्रेंड बन गए थे, मेरी लाइफ एकदम सही रस्ते पर जा रही थी. एक ऐसी जिंदगी जिस से मैं काफी हद तक सेटिसफाइड था. मैं अपने दोस्तों और दोस्ती की बहुत कद्र करता था जिस से मेरे दोस्त मुझ पर बहुत भरोसा करते थे.

लेकिन अभी कुछ समय पहले ऐसा टाइम आया कि मैं शर्मिंदगी महसूस कर रहा हूं आप से सुझाव भी चाहता हूं कि क्या जो हुआ और जो हो रहा है उसे कंटिन्यू करू या मैं गलत कर रहा हूं? मेरा एक खास दोस्त था उसका नाम था आसिफ मेरा बहुत अच्छा दोस्त था, हम दोनों के घर भी पास में थे तो हमारा घर आना जाना लगा रहता था, जैसे जैसे टाइम निकलता गया उस के घर वाले अच्छे से मुझे जानने लगे, अंकल आंटी उसकी सिस्टर भी, में भी उस की फैमिली में एक फैमिली मेंबर की तरह हो गया था.

स्टोरी की शुरुआत हुई जुलाई २०१५ से, जब आसिफ को डेंगू हो गया था. मैं हॉस्पिटल गया और पता चला उसकी प्लेटलेट्स बहुत कम हो गई है, मेरा ब्लड ग्रुप ओ पॉजिटिव हे और उसका भी तो मैंने उसे प्लेटलेट्स डोनेट करी.

तब अंकल बोले बेटा कल अफरीन का एडमिशन होना है में तो यहां हॉस्पिटल में आसिफ के पास रहूंगा अगर तुम टाइम निकल के इसका एडमिशन कराने उस के साथ चले जाओ तो मेहरबानी होगी बहुत.

मेने कहा अंकल आप कैसी बात कर रहे हैं? इसमें मेहरबानी की क्या बात है? मैं चला जाऊंगा.

अगले दिन सुबह को मुझे आफरीन की कॉल आई.

उस ने कहा : हेलो.

मैंने कहा : हेलो कौन?

में अफरीन बोल रही हूं, आप तैयार हो गए क्या?

मैंने कहा : बस आधे घंटे में आ रहा हूं.

अफरीन ने कहा बाइक से चलोगे या स्कूटी से?

मैंने कहा स्कूटी से.

एक घंटे के बाद में उस के पास उन के घर पर पहुंचा. दोनों बहने थी बस, क्या लग रही थी दोनों बहनें? जब कि अभी तक मैंने उन्हें ऐसी नजरों से नहीं देखा था.

अफरीन के बारे में आपको बता दूं तो उस की हाइट ५ फुट २ इंच होगी. रंग बिल्कुल गो,रा आंखें ब्राउनिश वाईट, गोल चेहरा, बड़ी बड़ी आंखें, पतले से होंठ, लेकिन थी वह पतली सी, फिगर ३२-२८-३२ रहा होगा मेरे अंदाज से.

अफरीन ने कहा : जल्दी आ गए.

मैंने कहा : थोड़ा लेट हो गया, शाहीन अकेली रहेगी क्या घर पर?

शाहीन ने कहा : नहीं मम्मी आ रही है.

मैंने कहा : ठीक है.

फिर हम लोग कॉलेज के लिए निकल गए स्कूटी पर में शांत था तो उसने पूछा.

अफरीन ने कहा : अच्छा आप बताओ कॉलेज लाइफ अच्छी होती है या स्कूल?

मैंने कहा : स्कूल लाइफ. तुमने इंजॉय की स्कूल लाइफ?

अफरीन ने कहा : बस स्कूल से घर और घर से स्कूल.

मैंने कहा मस्ती तो स्कूल में होती है, तुम्हें कहां करनी थी?

अफरीन ने कहा कभी बंक भी नहीं किया, फ्रेंड्स के साथ मन होता था बाहर घूमने का.

मैंने कहा : चलो कोई नहीं. मजा तो अब भी कर लोगी.

अफरीन ने कहा : वेसे आप कैसी मस्ती करते थे?

मैंने कहा : बहुत मस्ती की हमने, तुम्हें नहीं बता सकता.

अफरीन ने कहा : ऐसा क्या किया था?

मैंने कहा : छोड़ो रहने दो.

फिर हम शांत हो गए. कॉलेज पहुंच गए एडमिशन कराया, मुझे उस के साथ चलते हुए अजीब सा लग रहा था. बाकी कॉलेज में आए लोग हमें कपल की तरह देख रहे थे.

अब शाम हो गई थी उसके एडमिशन का प्रोसेस पूरा करते करते, भूख बहुत जोर से लगी थी.

मैंने कहा : भूख लगी है तुम्हें?

उस ने कहा : हां, बहुत भूख लगी है.

मैंने कहा : चलो खाना खाते हैं.

इस बार वह पूरी तरह कंफर्टेबल होकर स्कूटी पर बैठी थी, वह मेरे बेक को पकड़ कर लेकिन मैंने उसके पीछे बैठे होने का कोई फायदा नहीं उठाया.

उस ने कहा : अच्छा एक क्वेश्चन पूछूं बुरा ना मानो तो?

मैंने कहा : हां बिल्कुल पूछो.

आपकी गर्लफ्रेंड है कोई?

मैंने कहा : नहीं.

वह थोड़ा आगे की तरफ हो गई थी जिस से उसके शरीर के अंग मेरी कमर को छू रहे थे.

उसने ने कहा : झूठ बोल रहे हो आप.

मैंने कहा : मैं क्यों झूठ बोलूंगा? बताओ..

उसने ने कहा : आसिफ भाई की है कोई?

मैंने कहा : नहीं, उसकी भी नहीं है.

उसने कहा : ओके.

मैंने कहा ऐसे क्वेश्चन एकदम से कैसे उठे तुम्हारे दिमाग में?

उस ने कहा आप कैसे कह सकते हो कि एकदम से आए? ऐसा भी तो हो सकता है काफी टाइम से हो, पूछने का टाइम आज मिला हो तो आज पूछ लिया.

मैंने कहा : हां यह तो है.

इतनी मैं हम रेस्टोरेंट में पहुंच गए और वहां खाना खाया और घर के लिए चलने को कहा, तो वह बोली

उसने कहा : थोड़ा टाइम रुक नहीं सकते?

मैंने कहा : हां, क्यों नहीं?

थोड़ी देर ऐसे ही बात करते हुए फिर वह बोली..

उसने कहा : मैं कुछ कहूं तुम बुरा तो नहीं मानोगे ना?

मैंने कहा : कहो जो कहना है फ्री होकर.

में काफी टाइम से कहना चाहती हूं, लेकिन मौका नहीं मिला.

मैंने कहा : ऐसा क्या कहना है तुम्हें?

अफरीन ने कहा : तुम डरा रहे हो मुझे.

मैंने कहा : अच्छा कहो जो कहना है, मैं कुछ नहीं कहूँगा तुम्हें.

उसने कहा : वह मैं अम्म.

मैंने कहा : ह्म्म्म.

उस ने कहा : मैं तुम्हें पसंद करती हू.

मेरे पास बोलने को कुछ नहीं था, मैंने इतना सोचा नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है. ऊपर से दोस्त की बहन थी, मैंने उसे बुरी नजर से उसे देखा नहीं सकता था. ऐसा नहीं कि मैं दूध का धुला हुआ था कई बार मैंने उसे वैसे जरूर उसे देखा लेकिन दोस्ती आडे आ जाती है हमेशा. तो ज्यादा सोचा नहीं. ना चाहते हुए भी मुझे उसे ना बोलना पड़ा. अच्छी लड़की हाथ में आ कर निकल रही थी. मैंने कहा : देखो तुम मेरे दोस्त की बहन हो तो मैं तुम्हें अपनी..

उसने कहा : प्लीज आगे कुछ मत बोलना. आपको नहीं करना तो ठीक है लेकिन मुझे अपनी बहन तो मत बोलना, कम से कम इतना तो कर ही सकते हो मेरे लिए.

इतना सब उसने रुड होकर कहा था उसकी आवाज में नाराजगी साफ समझ आ रही थी.

मैंने कहा अफरीन देखो ऐसा नहीं कि तुम मुझे पसंद नहीं हो. तुम्हारे जैसी लड़की को कौन होगा जो अपनी गर्लफ्रेंड नहीं बनाना चाहेगा? मेरी तो किस्मत ही खराब है कि तुम मेरे दोस्त की बहन हो अगर ना होती तो शायद मेरी गर्लफ्रेंड होती.

उस ने : कहा घर पर किसी को पता नहीं चलेगा.

मैंने कहा : मैं अपने दोस्त को धोखा नहीं दे सकता यार समजो.

आफरीन ने कहा ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी.

मैंने उसे घर छोड़ दिया और रात भर मैं सो नहीं सका. फिर मेरे और मेरे दोस्त की फैमिली के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, मेरा दोस्त जो मेरे लिए बहुत कुछ था दुनिया छोड़ कर चला गया था इतनी सी उम्र में.

डेंग्यू में हुई मौत मैं उसका नाम भी जुड़ गया था. कुछ दिन ऐसे ही बीत गये मैं सदमे से निकला उसके घर जाना भी छुट गया था.

इस साल मार्च में अफरीन मीली.

अफरीन ने कहा : भाई क्या गए आप ने तो घर आना ही छोड़ दिया, चलो घर चलो, अम्मी अब्बू कितना याद करते हैं. तुम्हें अपने बेटे से ज्यादा याद करते हैं.

मैंने कहा : ठीक है आऊंगा टाइम निकालकर.

आफरीन ने कहा टाइम निकालकर नहीं अभी के अभी चलो मेरे साथ.

वह मानी नहीं मुझे जिद करके घर ले गयी.

आफरीन के पापा ने कहा बेटा तुम तो भूल ही गए हमें.

मैंने कहा नहीं अंकल ऐसी बात नहीं है, बस कॉलेज में बिजी हूं काफी.

आफरीन के पापा ने कहा बेटा १०-१५ दिन में घर पर आ जाया करो.

अफरीन ने कहा अब्बु इनसे बोलो घर पर हर विक आया करेंगे.

अंकल ने कहा : हां बेटा.

मैंने कहा मैं कोशिश करूंगा कि हर विक आ सकूं.

यहां महीने हर वीक जाना शुरु किया और कई बार विक में दो बार भी चला जाता था.

अंकल कम मिलते एक बार सिर्फ अफरीन और आंटी ही घर पर थी. अफरीन मेरे साथ बात करते हुए एकदम उदास हो गई.

मैंने कहा : क्या हुआ?

आफरीन ने कहा कुछ नहीं.

मैंने कहा : उदास क्यों हो? मुझसे तो शेयर कर सकती हो.

उसने कहा चाहती तो थी कि सब टाइम शेयर करू बट तुमने हीं मना कर दिया.

मैंने कहा अब तो कोई मिल गया होगा.

अफरीन ने कहा नहीं.

मैंने कहा उदास ना रहो. आफरीन ने कहा इस की वजह आप हो.

यहां उसने मुझे इतना इमोशनल कर दिया कि मुझे ना चाहते हुए भी हां बोलना पड़ा.

मैंने कहा ठीक है जैसे तुम चाहती हो मैं तैयार हूं.

किस चीज के लिए तैयार हो?

यह आवाज आंटी की थी, में बिल्कुल घबरा गया था.

मैंने कहा कुछ नहीं आंटी बस स्कूटी सिखाने को बोल रही थी.

आंटी ने कहा मैं सब जानती हूं बेटा.

मेरे पास कहने को कुछ नहीं था.

आंटी ने कहा काफी टाइम आफरीन उदास थी, कभी खाना ठीक से नहीं खाती, कभी किसी से बात नहीं करती. कल जब मैंने जोर देकर पूछा तभी उसने सारी बात बताई. मैं थोड़ी ओपन माइंडेड हूं इसलिए कुछ नहीं कहूंगी, इस उमर में ही ऐसा होता है. अगर अंकल को यह पता चला तो सबकुछ खत्म समझो.

मैंने कहा : आंटी मैं नहीं चाहता कि ऐसा हो, काफी समझाया उसको, लेकिन यह समझने को तैयार ही नहीं है.

आंटी ने कहा जो करना है करो. मैं इन सब से अनजान रहना चाहती हूं. बस मुझे पता नहीं चलना चाहिए जो भी तुम करोगे.

इतना कह कर आंटी चली गई और अफरीन मुझे गले लग कर रोने लगी. मैं अब बेहद लाचार था. कुछ भी समझ के परे था. अफरीन चुप कराया.

मैंने कहा बताओ तुम क्या चाहती हो?

उस ने कहा आपको पता है.

मैंने कहा ठीक है तुम्हारी मर्जी.

अब हमारा रिलेशन शुरू हुआ. इस बीच में उनके घर भी जाता, खूब हंसी मजाक चलता.

जब हम मिलते तो सब कुछ चलता, जैसे गालो को किस करना, थोड़ा बहुत इधर उधर टच करना.

एक दिन मैं उसके घर गया तो वह अकेली थी घर पर मैंने पूछा बाकी कहां है?

तो वह बोली अम्मी की तबीयत खराब है दूसरे रूम में लेटी है और बाकी अपने काम पर.

मैंने कहा देखु तो सही आंटी कैसी है?

उसने ने कहा नहीं रात भर से सोई नहीं, अभी एक घंटा हुआ सोए हुए.

मैंने कहा ओके मतलब तुम और मैं और तनहाई.

उस ने कहा चुप करो.

वह खड़ी हुई थी तो मैं मैंने उसके पकड़ के दीवार से सटा लिया और उसे देखा और उसके गर्दन पर किस करना शुरु किया, और कभी उस के क्लीवेज को किस करता तो कभी गर्दन की दूसरी तरफ हट के उसे देखा तो बहुत ही गर्म हो चुकी थी. उसकी आंखें बता रही थी मैंने जैसे ही उसे किस करना शुरू किया उसने आंखें बंद कर ली. फिर हमारे होठ एक दूसरे से इस कदर मिले थे जैसे बरसों के प्यासे हो, जैसे मानो बंजर धरती पर कोई बरसों बाद बरसात हुई हो, करीब १० मिनट किस चली.

१० मिनट तक किसी को किस करना मुश्किल होता है और होंठ दर्द करने लगते है. जैसे मैंने उसका टॉप उतारने की कोशिश करी तो उसने मेरा हाथ पकड़ा और मेरी तरफ देखने लगी उसकी आंखें जैसे मुझे पूछ रही हो कि क्या यह सही है? मैंने सिर्फ गर्दन हिला दी और उसने अपने हाथ को नीचे कर लिया.

अगले पल मैंने उसका टॉप उतार दिया उसका पेट क्या गोरा था. पहले से इतनी गोरी और ऊपर से पेट और ज्यादा गोरा. उसने लाइट ब्लू कलर की ब्रा पहनी हुई थी, जीसमें उसके खड़े हुए चूचे मुझे कंट्रोल से बाहर कर रहे थे, और वैसे भी अब कंट्रोल तो करना ही नहीं था.

जैसे ही मैंने उसके बूब्स को हाथ में लिया उसके मुंह से सिसकारी निकली आह्ह औऊ. उसकी सांसे तेज हो रही थी आंखें बंद हो गयी. मैं उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ही दबा रहा था, वाह सच में आनंद के सागर में गोते लगा रहा था. अगर गुजरता पल असीम सुख की अनुभूति कर रहा था और आने वाले पल में दुगना मजा होने वाला था.

मैंने उसकी ब्रा उतार दी कयामत साक्षात मेरे सामने थी. उफ्फ्फ क्या बूब्स थे, ऐसा लगता ही नहीं था उसे देखकर की ईतने मस्त बूब्स होंगे उसके. वह पतली सी थी और उसके निपल का कलर की लाइट पिंक था और बाकी पूरे सफेद.

मैंने उसके बूब्स को सीधे मुह ले लिया, जैसे ही मैंने मुंह में लिया अगले ही पल उसके दोनों हाथों ने मेरे सर को जोर से पकड़ लिया था. उसकी कही बात के मुताबिक यह पहली बार था उसके लिए सब करना, उसके साथ मुझे भी ऐसा लग रहा था जैसे मैं पहली बार सेक्स कर रहा हूं वही पहले वाला मजा.

मैंने खूब दबाए और चुसे बारी बारी कर के, उसके बूब्स बिलकुल लाल हो गए थे. लेकिन फिर भी मन नहीं भरा, ज्यादा टाइम नहीं था तो आगे बढ़ना पड़ा मुझे, किस करते हुए नीचे की तरफ बढ़ा उसकी सिसकारियां चालू थी. उसकी आवाज मेरा जोश दुगना कर रही थी. जैसे आग में पेट्रोल का डालना.

मैं उसके लोवर तक पहुंच गया तो वह मचल रही थी. फिर मैंने एकदम से लोवर को झटके से नीचे कर दिया तो उसने एकदम से लोवर पकड़ लिया और उपर खिंच लिया.

मैंने कहा क्या हुआ? मैं बिल्कुल धीमी आवाज में बोला था.

उसने कहा प्लीज आहिस्ता आहिस्ता करो, पहले टाइम है. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा, अजीब सा फील हो रहा है.

उसकी आवाज में चडा वासना का नशा साफ महसूस किया जा सकता था.

मैंने कहा बेबी सबके साथ होता है तो थोड़ा कॉर्पोरेट करो.

आफरीन में कहां और कितना करु.

सहीबात थी उसकी, काफी हद तक कॉपरेट कर रही थी.

मैं आगे बढ़ा और उसका लोवर भी उतार दिया. उसकी पतली टांगे गोरी थी, मुझे अब इस बात का डर था कि वह मेरा ले भी पायेगी की नहीं. सच में उसका यह पहली बार था, क्योंकि उसने मेरा लंड नहीं पकड़ा था अभी तक.

मैंने अपना शॉर्ट निचे किया और जो मेरा नाग था काफी देर से अंदर मचल रहा था बाहर निकल गया और उसका हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रखा तो उसने तुरंत पीछे कर दिया. उसने मेरा लौड़ा देखा और गभरा गई.

आफरीन ने कहा इतना बड़ा?

मैंने कहा कुछ नहीं होगा मेरी जान सहलाओ इसे.

आफरीन ने कहां मर जाऊंगी मैं, मेरी इतनी सी उंगली उसमें नहीं जाती तो इतना बड़ा कैसे जाएगा?

मैंने कहा भरोसा करती हो मुझ पर?

उसने कहा आप पर है लेकिन इस पर नहीं है.

मैंने कहा मेरा है यह भी.

उसने कहा मुझे डर लग रहा है.

मैंने कहा डरो मत मैं हूं ना, सब सहलाओ इसे पकड़ के ऊपर नीचे करो.

फिर उसने मेरा लंड सहलाना शुरू किया, बड़ा मजा आ रहा था.

मैंने कहा अब मुंह में ले लो इसे.

आफरीन ने कहा मुंह में जाएगा ही नहीं ना, बड़ा है.

मैंने कहा ट्राई करो पूरा अंदर भी चला जाएगा.

उसके लंड के आगे वाले पार्ट को किस करी, उफ्फ्फ्फ़ उसके नरम ओठ के स्पर्श ने तो मुझे अंदर तक हिला दिया. धीरे धीरे मैंने लंड को अंदर डाला, वह ठीक से सक नहीं कर पा रही थी पहली बार होने की वजह से. फिर भी मजा अपने चरम सीमा पर था.

लेकिन यह मजा ज्यादा देर नहीं चला उसका दांत मेरे लंड के नीचे और पिछले वाले हिस्से में लगा आह्ह सारा मजा किरकिरा हो गया.

अब बारी थी चुदाई की मैंने उसे बैड पर डॉगी पोजीशन में खड़ा किया इतने में बोली.

उस ने कहा कंडोम यूज नहीं करोगे क्या?

मैंने कहा : नहीं

उसने कहा कुछ हुआ तो?

मैंने कहा डोंट वरी आई विल गिव यू आई पिल.

उसने कहा ठीक है जैसा आप चाहो आराम से करना.

मैंने कहा ओके.

मैंने फिर उसी डॉगी पोजीशन में खड़ा किया और लंड को सेट किया उसकी चूत पर उसकी चूत हद से ज्यादा टाइट थी, तो मैंने उंगली को थूक लगाया और एकदम से उसकी चूत में घुसा दी.

उसने ने कहा आःह्ह प्लीज़ इसे बाहर निकालो.

मैंने कहा बहुत टाइट है इसे थोड़ा खोल तो दूं.

थोड़ा तो सहना होगा.

फिर मैंने उसकी एक ना सुनी और उंगली एक के बाद एक तिन घुसेड दी, जब तक थोड़ी ढीली नहीं हुई. अपना लंड सेट किया और धक्का मारा, लेकिन लंड फ़ीसल गया.

मैंने फिर लंड सेट किया, उसकी कमर को पकड़ा एक जोर का धक्का मार के लंड ४-५ इंच अंदर घुसा दिया. उसने जोर की चीख मारी आऔ अमीई मर गई. मैंने तुरंत उसका मुह पकड़ कर उसे चुप किया और शांत होने को कहा. थोड़ी देर रुकने के बाद बोला थोड़ा दर्द सहन नहीं कर सकती हो क्या?

उस ने कहा : मैं मर जाऊंगी प्लीज इसे निकाल लो.

मैंने कहा अभी मजा आना बाकी है बेबी बेबी थोड़ा सब्र करो, अभी आधा लंड अंदर गया है.

उसने कहा और मत घुसाना बहुत दर्द हो रहा है मर जाऊंगी.

मैंने फिर हल्के हल्के झटके मारना शुरू कर दिया हर धक्के से उसे दर्द हो रहा था और वह आवाज निकालती और मेरे लंड को अंदर घुसाता गया. मेरे लंड में भी जलन होने लगी थी, चूत बहुत टाइट थी इसलिए.

वो दर्द वह सहन कर रही थी, मैं उसे चोदता रहा. अब यह मेरे ऊपर डिपेंड कर रहा था मैं कितनी देर में छोड़ता हूं, क्योंकि सुबह मैं मुठ मार चुका था.

उसने कहा कितनी देर और करोगे?

मैंने कहा थोड़ी देर और.

उसने कहा मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा है.

मैंने कहा कोशिश करता हूं स्पीड तेज कर रहा हूं संभाल लेना.

मैंने स्पीड तेज कर दी एक मिनट में ही चुदाई ने फुल स्पीड पकड़ ली, लेकिन यह मेरे लिए ज्यादा दर्द भरा था लंड जोर जोर से जलन कर रहा था. खास कर वहा जहा उसका दांत लगा था, लेकिन मैं धक्के मारता रहा. उसके मुह से दर्द भरी सिसकियां निकलती रही. थोड़ी देर बाद मैंने लंड निकालकर उसके बूब्स पर जड़ गया.

लंड अब थोड़ा सा उसके खून में सना हुआ बाहर आया और मेरे पानी में भी मिक्स हो गया था.

फिर उसने खुद को साफ किया और कपड़े पहने, मैंने टाइम देखा तो लगभग २ घंटे बीत गए थे.