Facebook Friend Ki Chodi Fuddi

वो — चलो ठीक है, आ जाओ जाते जाते एक बार और एक पारी खेल जाओ, क्या पता फेर कब मुलाकात हो आपसे।

मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।

हमने फेर एक मैच उनके बेडरूम में खेला। फेर उठकर हम इकटठे नहाये। सही पूछो तो मेरा तो आने का बिलकुल भी मन नही कर रहा था। परन्तु कालज और घर की मज़बूरी से उसे छोड़कर आना पड़ा। वो स्टेशन तक मुझे खुद टैक्सी में छोड़ने आई और आते वक़्त कुछ पैसे मुझे ये कहते देने चाहे, के तुम्हारे काम से बहुत खुश हुई हूँ। आज तक इतनी ख़ुशी मुझे पति के काम से भी नही हुई। ये लो इसे अपना इनाम समझकर रख लो। लेकिन मैंने वो पैसे उसे वापिस मोड़ दिए के तुम बहुत अच्छी हो । मैंने ये काम तुम्हारे साथ एक दोस्त होने के नाते और तरस के आधार पे तुम्हारी मज़बूरी देखते हुए किया है। पैसे लेने होतेे तो गांव में कोई कमी थोड़ी न थी ऐसे ग्राहकों की।

उसने गले लगाकर भीगी आँखों से मुझे विदा किया और घर पहुंचकर फोन करने का भी कहा।

सारे रास्ते उसके बारे ही सोचता आया। घर पे आकर भी मेरा दिल नही लगा।मैंने उसे काल करके अपने पहुँचने की खबर सुनाई।

इस तरह वो जब भी समय मिलता मुझे अपने घर बुला लेती और पूरी रात उसके साथ जवानी का खेल खेलता।

सो दोस्तों ये थी मेरी एक और आप बीती, आपको कैसी लगी अपने विचार ” पे भेजने की कृपालता करनी। आपके ई मेल्स का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार रहेगा। जल्द ही एक नई फ्री हिंदी सेक्स स्टोरीज हिंदी चुदाई कहानी लेकर आऊंगा तब तक के लिए अपने दोस्त दीप पंजाबी को दो इज़ाज़त, नमस्कार।