फूफा जी के लंड के तूफ़ान ने जवान बहनों की चूत के परख्च्चे उडा दिये

मेरा नाम कोमोलिका है मैं 20 साल की हूं और मेरी बहन  निहारिका जो कि 18 साल के हैं.  हम दोनों गांव में रहते हैं मेरे फूफा जी जो दिल्ली में रहते हैं.  उन्होंने हम दोनों बहनों को परसों रात छत पर जब बारिश हो रही थी तब उन्होंने चोदा.

तो आज मुझे भी मौका मिला है अपने सेक्स कहानी कहने का इसलिए आपके सामने अपनी कहानी पेश कर रहे हो.  यह कहानी इसलिए भी खास है कि हम दोनों बहनों को बारी-बारी से चोदा  और हम दोनों को भी खूब मजा आया.  फूफा जी का मोटा लंड  जब मेरी जांघों के बीच से गुजरा और मेरी चुत  के पास पहुंचा तुम्हें व्याकुल हो गई.  फिर तो क्या हुआ दोस्तों पहले मैं उसके बाद मेरी छोटी बहन निहारिका चुदी.

यह सब कैसे हुआ अब मैं साफ-साफ आपका समय बर्बाद किए मैं लिख रही हूं.  आप लोग अपने लंड  को अपने हाथ में रख ले और लंड  के सुपाड़ा पर थोड़ा सा  थूक लगाकर गिला कर ले ताकि आगे पीछे करने में मजा आएगा.

मेरे फूफा जी दिल्ली में रहते हैं.  मैं गांव में अपनी मम्मी दो बहन और एक छोटे भाई के साथ रहते हो.  मेरे पापा बाहर काम करते हैं वह गांव में रहना नहीं चाहते पर हम लोगों को भी ले जाना नहीं चाहते क्योंकि मेरी मम्मी से उनकी नहीं बनती है.  मम्मी और पापा में हमेशा झगड़ा होता रहता है इधर कुछ दिन पहले ही बहुत ज्यादा झगड़ा हुआ जब वह गांव आए थे तो.  तो यहां छोड़ने छोड़ने की बात होने लगी मम्मी तलाक लेना चाह रहे थे और वह तलाक देना नहीं चाह रहे थे.

मेरे फूफा जी दिल्ली में रहते हैं मम्मी पापा के झगड़े को हटाने के लिए  वह दिल्ली से गांव आए थे. सच बात यह दोस्त हूं कि मुझे ऐसा लगता है कि मेरी मम्मी आप फूफाजी  में कुछ न कुछ चक्कर है.  कई बार मुझे ऐसा लगा पर मैं यह कह नहीं सकती कि यह बात सच है या झूठ है क्योंकि जब मैं स्कूल जाती थी दोनों बहने और जब वह यहां आते थे तो बड़े खुश रहते थे और कई बार तो मैं यह भी देखें कि जब मैं घर पहुंची तो वह दरवाजा बंद होता था आज तक में कुछ देखी नहीं पर मुझे शक है कि मम्मी और फूफा जी में कुछ ना कुछ चक्कर है.

तो बात युवा दोस्तों की जब फूफा जी गांव आए तो मेरे पापा जो कि गांव से 200 किलोमीटर दूर हैं  वहीं पर काम करते हैं तो जब उनको फोन किया तो वह आए नहीं इसलिए  मेरी मम्मी रात को ट्रेन पकड़ कर पापा से बात करने और उनको  बुलाने के लिए चली गई क्योंकि वह मम्मी का फोन भी नहीं उठा रहे थे.

तो मैं यहां पर फूफा जी  और हम तीनो भाई बहन ही गांव में तो के.  परसों रात की बात है काफी ज्यादा हवा चल रही थी तो हमारे गांव में लाइट चली गई थी.  गर्मी भी ज्यादा था तो नीचे सो नहीं सकते इसलिए हम दोनों बहन और फूफा जी दोनों छत पर ही चले गए सोने के लिए.  मेरा भाई शाम को खेल कर आया अभी तुरंत ही सो गया इसलिए वह नीचे ही रह गया.

रात के करीब 1:00 बजे काफी ज्यादा बारिश होने लगी थी.  तो मैं भागकर नीचे आ गई फूफा जी और उनकी छोटी बहन दोनों छत पर है जो एक छोटा कमरा बना हुआ है फूफा जी के ऊपर सो गए और मेरी छोटी बहन नीचे सो गई.  पर मैं नीचे आ गई सोने के लिए करीब आधे घंटे के बाद जब 12 साल की हुई तो मैं छत पर जाने लगे के नीचे नींद नहीं आ रहा था मच्छर भी काफी ज्यादा था और गर्मी लग रही थी.

जब मैं छत पर पहुंची तुम्हें हैरान रह गई मेरे फूफा जी मेरी छोटी बहन निहारिका कपड़े खोलकर. उनके जिस्म को टटोल रहे थे फूफा जी निहारिका की सूचियों को दबा रहे थे गांड को सहला रहे थे.  यह सब देख कर मेरे पास तुम गए और मैं साइड में खड़ा होकर अंधेरे में देखने लगे.  धीरे धीरे मेरी छोटी बहन भी जोश में आ गई थी और फूफा जी और मेरी छोटी बहन दोनों एक दूसरे को चूमने लग रहे थे.  यह सब देखकर मेरा मन भी शांत नहीं रहा रहा था मेरी वासना भड़क गई थी.  पर देखने में भी बहुत मजा आ रहा था दोस्तों मेरी बहन की छोटी-छोटी चूचियां गोल-गोल गांड 18 साल की लड़की का कैसा होता होगा आपको भी पता है.

कच्ची कली है मेरी बहन खुश कर रही थी फूफा जी को.   फूफा जी भी आधी उम्र में अपने से आधी उम्र की लड़की को झूम रहे थे और सहला रहे थे यानी कि फूफा जी की उम्र करीब 45 के करीब होके.  आप खुद सोचिए अगर एक आदमी को अपने से आधी उम्र से भी छोटी लड़की को चुदाई का मौका मिल जाए तो कितना मजा आएगा.

वह दोनों एक दूसरे को  फैलाते हुए  एक दूसरे को प्यार कर रहे थे.  फूफा जी की वासना भड़क चुकी थी उनका लंड  मोटा हो गया था उनको कच्ची कली  का चुत  चाहिए था.  उन्होंने निहारिका के दोनों पैरों को अलग-अलग गया बीच में लंड  लगाया और घुस आने लगे.  पर फूफा जी जोर से मत डालना मुझे बहुत दर्द हो रहा है.  फूफा जी बोले कि दर्द नहीं होगा मैं धीरे-धीरे करके अंदर डाल लूंगा.  फूफा जी कोशिश करने की निहारिका की चुत  में उनका लंड  नहीं जा रहा था.

उन्होंने मोबाइल की टॉर्च जला कर निहारिका की चुत  को मैंने देखा फिर छेद पर अपना लंड  लगाया और जोर से धक्का दे.   निहारिका रो पड़े.   दो-तीन मिनट में ही निहारिका भी नॉर्मल हो गई क्योंकि फूफाजी हल्के हल्के से आगे पीछे कर रहे थे धीरे-धीरे उनका पूरा लंड  निहारिका  के अंदर चला गया.

फिर निहारिका गांड उठा उठा कर चुदवाने  लगे और फूफा जी जोर जोर से धक्के देने लगे.  निहारिका बीच-बीच में कहते थे कि फूफा जी धीरे करो फूफा जी दे दे करो पर फूफा जी कहां मानने वाले थे.  वह जोर-जोर से निहारिका की  चुत  में अपना लंड  पेल रहे थे.

मेरे से रहा नहीं गया दोस्तों मैं देख कर ही पहुंच गई जैसे करीब पहुंचे तो  दोनों रुक गए मैं बोले कि रुको नहीं मैं काफी देर से देख रही हूं.  फूफा जी मेरा हाथ पकड़ कर नीचे बैठा लिए आज मेरे कपड़े भी उतार दिया.  उन्होंने हम दोनों बहनों को एक साथ लिटा दिया.  पहले उन्होंने मेरे चुचियों को खूब दबाया मेरे निप्पल को गुस्सा.  मेरे गांड को खूब साल आया.  उसके बाद निहारिका को छोड़कर अब मेरे जिस्म के साथ खेलने लगे.

उन्होंने मुझे ऊपर से नीचे तक चाटा दांत काटा मेरे गोर गोर गाल पर.  उनका छेड़ ना मुझे बहुत अच्छा लग रहा था तू जब मेरे चुचियों को पी रहे थे तुम्हें पागल हो  रही थी.  मेरी चुत  से गर्म गर्म पानी निकलने लगा था.  मेरी सांसें तेज़ होने लगी थी.  उनका लंड  पाने के लिए मैं बेकरार थे.  उन्होंने भी बिना देरी किए मेरे दोनों पैरों को अलग अलग किया.  और अपना लंड  मेरी चुत  के बीच में लगाया.  और जोर से बोल दिया.  अंदर आराम से चल गया था क्योंकि मेरी चुत पहले से भी गीली थी.

जोर जोर से धक्के देने लगे  मैं भी गांड उठा कर  चुदवाने लगी. मेरी बहन कभी मेरी चूचियों को छूती तो कभी फूफाजी के गांड को सहलाती हम दोनों बहन ही पागल हो चुके थे.  वह हम दोनों को बारी-बारी से चोदने लगे.  हम दोनों बहने इतना ज्यादा गर्म हो गए थे कि हम दोनों बारी बारी से चुदवा  रहे थे.

उन्होंने हम दोनों बहनों को छत पर करीब 1 घंटे तक चोदा उसके बाद बारिश आ  गई.  छत पर अंधेरा भी काफी था और बारिश भी हल्के हल्के होने लग.  मैं  बोली कि फूफा जी चलो नीचे चलते हैं यहां बारिश होने लगे तो वह बोले कि बारिश में तो चुदने और चुदाने का मजा ही कुछ और होता है.

आप दोनों बहनों को बारिश में चोदने लगे.  हम तीनों मिलकर एक दूसरे को खुश कर रहे थे.  फूफा जी कभी चोदते कभी गांड चलाते हैं कभी चूचियां पीते हैं कभी निप्पल दबाते कभी होठ चूसते. और कभी चुदाई करते. बारी बारी से वो हम  दोनों बहनो को उन्होंने संतुष्ट कर दिया.  फिर तो क्या था दोस्तों मम्मी दूसरे दिन शाम तक आए तब से फूफा जी हम दोनों बहनों को दो-दो तीन-तीन बार चोद चुके थे उनके पास एक टेबलेट था वो टेबलेट खाते और उनका लंड  मोटा लंबा हो जाता उसके बाद फिर हम दोनों बहनों को पेल देते.

हम दोनों बहन भी खूब मजे ले रहे थे.   चुदाई  का आनंद ही कुछ और होता है.  और अपने से दुगने उम्र के मर्दों से चोदने का मजा ही कुछ और होता है.