गाँव की चाची को चोदा कोलेज की छुट्टियों में

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम दीपू हैं और मैं 30 साल का हूँ, भुवनेश्वर ओड़िसा से हूँ और मैं इस साईट का रेग्युलर रीडर हूँ. मेरी बॉडी काफी एथलेटिक हैं और मेरे लंड का साइज़ ८ इंच लम्बा और ३ इंच मोटा हैं. आज की ये कहानी मेरी चाची पूजा के बारे में हैं. पूजा चाची 32 साल की हैं और उनका फिगर 38-34-36 हैं. वो दिखने में गोरी हाईट में 5 फिट 6 इंच की हैं. चाची के दो बेटे हैं और उनके हसबंड फार्मर हैं और उनकी उम्र पूजा चाची से काफी ज्यादा हैं.

आज की ये कहानी आज से 8 साल पहले चालु हुई थी जब मैं 22 साल का और चाची 24 साल की थी. मेरे ग्रेजुएशन के समर वेकेशन जा रहे थे और मैं 15-20 दिन के लिए चिल करने केलिए गाँव आया हुआ था.

वैसे तो गांव की लाइफ सिटी से काफी अलग है जैसे की बहुत जल्दी लोग सो जाते है. एंड सुबह जल्दी (५ ऍम) उठ कर काम पे निकल जाते है. मेरे गांव के घर में बड़े पापा बड़े मम्मी मेरे पापा-मम्मी एंड हमारे काम करने वाली एक लड़की थी.

जब मैं वहां पहुंचा तो काफी खुश थे सब और काफी खातिर-दारी चली. वैसे तो सब बढ़िया था लेकिन गांव में बिजली कट बहुत होता है मोस्टली आफ्टरनून में. सो पहले ही दिन पावर कट होने के कारण मैं सो नहीं सका दोपहर को.घर में बाकी सब सो गए थे और मैं तालाब के पास जाके घूमने लगा.

इतने में मेरी चाची पूजा वह दोपहर के बर्तन साफ़ करने आयी. वो एक पुराणी ग्रीन कलर(फेडेड ग्रीन) की साड़ी पहनी हुए थी. फिर वो वह पानी के पास वाले स्टेप पे बैठ गयी.उसके बाद उसने बर्तन पानी में रख दिए और मुझसे बाते करने लगी. बाते जैसे की मैं कैसा हु खाना एंड कब तक हु गांव मे.

बातो के दौरान मेरी नज़र बार-बार उनकी क्लीवेज पे जा रही था. उनकी क्लीवेज का नज़ारा बहुत ही आकर्षक था.गोरे-गोरे बड़े-बड़े बूब्स थे उनके जो आधे से ज़्यादा दिख रहे थे. और ऐसा लग रहा था की उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी. वो भी समझ गयी थी की मेरी नज़र क्या देख रही थी.

इतने में वो हाफ टर्न हुई और झुक कर बर्तन को साबुन और डिश वॉशर से रगड़ने लगी.उनके ढीले ब्लाउज से उनके बूब्स अब मुझे एकदम साफ़ दिख रहे थे. जिसके कारण मेरा पूरा शरीर गरम हो गया था. अब मेरी पेंट और अंडरवियर के अंदर से मेरा लंड पूरा खड़ा हो के सलामी देने लगा था. वो भी मुझसे बात करते हुए बार-बार मेरे लंड को देख रही थी और मुस्कुरा रही थी.

कुछ देर और ऐसा ही चला. इतने में उन्होंने पुछा-

चाची: क्या देख रहा है?

और मैं डर के मारे बोला: कुछ भी नहीं चाची.

और ये सुन कर वो हंस  दी और बर्तन साफ़ करने लगी. फिर उनको पानी के थोड़ा अंदर जाना था. उन्होंने साड़ी और पेटीकोट को उठाया और अंदर जाके झुक कर बर्तन धोने लगी. और तभी वो पानी में पूरा गिर गयी जैसे की वो फिसल गयी हो.फिर उन्होंने मुझे उनको उठाने के लिए बुलाया.

मैं तुरंत पानी के अंदर गया और उन्हें पीछे से पकड़ कर सहारा देके उठाया. हम लगभग अब आधे पानी (चेस्ट तक) के अंदर थे और मेरा लंड उनकी गांड से लगा हुआ था. मेरे हाथ उनकी कमर पे थे. दोपहर का वक़्त था तो कोई तालाब के करीब आने वाला नहीं था.

इतने में उन्होंने धीरे से हँसते  हुए पानी के अंदर अपना हाथ डाला. फिर अपने हाथो को पीछे करते हुए पेंट  और अंडरवियर के अंदर डालते हुए लंड पकड़ लिया. फिर उन्होंने थोड़ा पीछे मेरी तरफ देखा और आँख मार दी.

मैं अब समझ गया था की मुझे पूरा ग्रीन सिग्नल चूका था चाची की तरफ से. सो मैंने भी अपने हाथ उनकी कमर से ऊपर करके उनके बूब्स पे रख दिए और दबाने लगा. उन्होंने धीरे से मोअन किया आह्हः और तुरंत इधर-उधर देखने लगी. फिर वो धीरे से बोली-चाची: अभी नहीं शाम को घर पे करेंगे.

और ये बोल कर वो पानी से निकल गयी बर्तन उठा कर और सीधे अपने घर के तरफ चली गयी.

फिर मैं भी अपने घर जाके गीले कपडे बदलने लगा. मेरा लंड अब भी लोहे की तरह कड़क और गरम था. लेकिन मैंने कण्ट्रोल किया और जाके रूम में सो गया.

५ बजे जब मेरी नींद खुली तो मैं घर से बाहर घूमने जा रहा हु बोल कर धीरे से चाची के घर चला गया. तब पता चला की उनके २ बेटे और चाचा टाउन गए थे. वो लोग ९ बजे वापस लौटने वाले थे.

चाची रात का खाना बना रही थी और मैं उन्हें पीछे से जाके गले पे किस करने लगा. फिर वो भी कण्ट्रोल नहीं कर सकी और घूम कर मुझे होंठो पर किस करने लगी. उन्होंने गैस बंद की और मुझे सीधा उनके बैडरूम में खींच कर ले गयी. अभी भी पावर नहीं आयी थी और उस रूम में पूरा अँधेरा था. खिड़किया सब बंद थी.

फिर वो मुझे बेड पे बिठा कर बाहर दरवाज़ा क्लोज करने चली गयी. फिर वो जैसे ही वापस आयी तो हम एक-दुसरे को किस करने लग गए.मैं अपना हाथ उनके दूध पे रख कर दबाने लगा और वो अपना हाथ मेरे सर और पीठ पे घूमने लगी. अंदर बहुत गर्मी थी सो मैंने तुरंत अपनी टी-शर्ट जो पसीने से गीली हो गयी थी उसको उतार फेंका. फिर उन्होंने भी अपनी साड़ी ब्लाउज और पेटीकोट खोल दिया.

अब हम दोनों सिर्फ अंडरवियर में थे. थोड़ी सी लाइट से उनका पसीने से भीगा बदन चमक रहा था और फिर मैंने उन्हें खींचा और लिप-किस करने लगा. मेरे किस का वो भी रेसपोंसे देने लगी. अब मेरा एक हाथ अब उनके निप्पल को भींच रहा था और दूसरा हाथ उनके अंडरवियर के अंदर बालो से भरी चूत को सहलाने लगा.

अब वो पूरा गरम हो गयी थी और अपने राइट हैंड से मेरे लंड को ज़ोर से पकड़ के ऊपर-नीचे करने लगी. पूरा रूम स्लो मॉनिंग और गरम साँसों से गूँज रहा था.

५ मिनट के बाद उन्होंने सीधा मुझसे अलग होक मेरी तरफ देखा और मुझे बीएड पे धक्का मारते हुए मेरे ऊपर आके फिरसे किस किया.

२ मिनट बाद वो मुझे बोली-चाची: अब और रहा नहीं जाता. प्लीज मुझे छोड़ दो.मैंने भी देर न करते हुए उनकी पेंटी और अपना अंडरवियर उतार दिया और उनकी गांड के नीचे तकिया रख दिया.

फिर मैंने अपना लंड उनकी बालो से भरी गीली चूत पे रखा और सहलाने लगा. इससे वो और गरम होक झटपटाने लगी और मुझे अपनी और खींच कर आँखों से चोदने  का इशारा किया. मैंने जैसे ही धक्का मारा मेरे लंड का टोपा उनकी चूत को चीरते हुए अंदर चला गया. उनके मुँह से हलकी चीख “ओह्ह्ह्हह माआ” निकली और फिर मैंने दूसरा ज़ोर का झटका मारा. इससे मेरा पूरा लंड उनकी चूत के अंदर चला गया और उसने ज़ोर से मेरी पीठ पे हाथ रख कर दबोच लिया.उनकी चूत अब भी बहुत टाइट और आग की भट्टी जैसी थी.

कुछ देर के बाद जब उसने अपनी गांड उठायी तब मैं समझ गया की अब चाची तैयार थी. फिर मैंने उन्हें लगातार १५ मिनट तक ज़बरदस्त चोदा  और हम दोनों एक साथ डिस्चार्ज हो गए.

अगर फेसिअल एक्सप्रेशन और आवाज़ के साथ चूत भी टाइट हो. तो इंसान कितना भी ताक़तवर हो उसका जल्दी निकल जाता है. फिर हम दोनों एक-दुसरे के बगल में लेट कर एक-दुसरे को देख रहे थे. तब उन्होंने कहा-

चाची: शादी के बाद ये एक नया अनुभव है. और तुम्हारा लंड बड़ा और मोटा है.मैं फिरसे उनके बड़े-बड़े दूध दबा कर चूसने लगा और दुसरे राउंड में फिरसे मिशनरी में उन्हें ३० मिनट तक चोदा. फिर हमने अपने पसीने से नहाये हुए शरीर को टॉवल से पौंछ के कपडे पहने और मैं अँधेरे में चुप-चाप अपने घर वापस आ गया.