मां को चाचा से चुदवाते हुए देखा

मैं सानिया हूँ और वैसे हम लोग मुम्बई से हैं लेकिन अभी जॉब के लिए सब लोग पुणे में हैं. आज मैं आप को अपनी सेक्स कहानी बताने आई हूँ. मेरी एज अभी 20 साल की हैं और मेरी बॉडी का नाप 34-28-34 हैं. मैं देखने में एवरेज से कई अधिक हूँ. मेरे घर में हम तिन लोग की फेमली हैं. मैं मम्मी और मेरा छोड़ा भाई. और कुछ दिनों से चाचा जी भी हम लोगों के साथ रहने आये हैं क्यूंकि यहाँ पूना में ही एक फेक्ट्री में उनका कॉन्ट्रैक्ट हैं. चाचा जी करीब चालीस बरस के होंगे, मेरी माँ के जितनी ही उम्र हैं उनकी भी लगभग. मैं बहुत छोटी थी तब ही मेरे पापा का देहांत हो गया था. चाचा जी ने ही हम लोगों का काफी ध्यान रखा. और मम्मी का जॉब यहाँ पुणे में लगा तो उन्होंने भी यहाँ की फेक्ट्री में अपने वेल्डिंग के काम के ठेके देखने चालु कर दिये.

आज से डेढ़ साल पहले की बात हैं. एक रात को मैं किताब पढ़ रही थी तो छोटा भाई मेरे पास आया और हाथ थाम के बोला दीदी आई लव यु!

मैं उसकी बात सुन के दंग सी रह गई और एकदम उड़े हुए भाव से उसे देखने लगी.

मैंने कहा अरे क्या बोल रहा हैं ये सब? अब ही तू बड़ा छोटा हैं किसने बताया ये सब तेरे को?

वो बोला, अरे चाचा जी किसी के साथ फोन पर ऐसी बातें कर रहे थे.

मैंने उसे प्यार से चांटा लगाया और बोला की चल भाग यहाँ से पागल.

और मैंने उसे ये भी कहा की पढ़ाई में ध्यान दिया कर ये सब के बारे में ध्यान ना दें.

वो तो चला गया लेकिन मैं सोच में पड़ गई. चाचा ने तो शादी ही नहीं की थी तो फिर ये सब कहाँ आई लव यु हो रहा था!

मैंने दुसरे दिन माँ को पूछा की क्या चाचा की कोई गर्लफ्रेंड हैं?

माँ ने बोला की नहीं ऐसा कुछ नहीं हैं और हो तो मैं नहीं जानती हूँ. लेकिन मैं उन्हें बोल रही हूँ शादी कर लेने के लिए.

मैंने देखा की माँ थोड़ी असहज सी हो गई थी ये जवाब देते हुए. मैंने सोचा की अब इस बात की खाल निकालनी ही पड़ेंगी. चाचा का सेटिंग कही पर जरुर था और शायद माँ भी उसके बारे में जानती ही थी.

फिर कुछ समय निकला और मैं बात को ऑलमोस्ट भूल भी गई थी. एक दिन मैं और भाई मेरे कमरे में सोये हुए थे. और रात को उसे सुसु आई तो उसने मुझे बोला की दीदी मेरे साथ चलो ना अँधेरा हैं इसलिए मेरे को डर लगता हैं.

 

मैं उसे ले के सुसु करवाने चली गई और तभी मुझे माँ की आवाज सुनाई दी. वो बोल रही थी की लगता हैं कोई हैं अंदर बाथरूम में.

मैं सुन के सोचने लगी की माँ किसके साथ बात कर रही हैं हम दोनों तो यहाँ हैं. मैं चुपके से भाई को ले के कमरे में आ गई और उसे सुला दिया लेकिन मेरे विचारों के घोड़े दौड़ने लगे थे.

मैं सोचते सोचते ही ऊठी और माँ के कमरे के पास आई. अन्दर से कुछ आवाजें आ रही थी. मैंने दरवाजे को पुश किया तो अन्दर से लोक था. मैं खिड़की के पास आई और अंदर का सिन देख के मेरी जान ही निकल गई जैसे.

माँ बेड के ऊपर पूरी न्यूड लेटी पड़ी थी और पास में चाचा जी भी तना हुआ लंड ले के नंगे थे. माँ ने तभी पाँव को खोला और चाचा जी उसकी छूट चाटने लगे. मेरे पाँव में कंपन आ गया और चूत में भी एकदम अजीब सा फिल हुआ. मैं वही खिड़की के पास खड़े हो के अन्दर का ये सेक्सी सिन देखने लगी.

माँ ने चाचा का माथा दबा के बोला: चुसना ही हैं या आगे भी करना हैं आज कुछ?

चाचा हँसते हुए खड़े हुए और अपने लंड को उन्होंने माँ की चूत पर घिसा. माँ ने चाचा के लंड को हाथ से पकड के चूत के ऊपर पूरा रब किया. 6 इंच का लंड काफी मोटा भी था.

लंड को देख के तो मेरी और भी फिलिंग बेईमान हुई. और मेरे मन में भी चुदवाने के लड्डू फुट पड़े. मैंने भी वही खड़े खड़े अपनी चूत को सहलाना चालू कर दिया. अब चाचा ने लंड माँ की चूत में डाला था लेकिन सीधे नहीं लेकिन माँ को घोड़ी बना के.

एक ही झटके में पूरा लंड माँ की बुर को खिला के वो चोदने लगे. माँ भी अपनी कमर को हिला के चाचा का सपोर्ट करने लगी और वो सिस्कार भी रही थी अह्ह्ह अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह और चोदो अह्ह्ह्ह और जोर से मेरे राजा और जोर से मारो लंड अपना!

इस तरह से बिंदास्त चोदते हुए देख के मेरी चूत में भी पानी पानी हो गया और मैं सोचने लगी की ये लंड अब मेरे को भी लेना ही पड़ेगा. चाचा करीब 10 मिनट तक माँ की चूत मारते रहे और फिर वो अन्दर ही झड़ भी गए.

माँ मुहं बना के बोली: अरे आज इतना जल्दी कैसे? मेरा तो हुआ भी नहीं हैं अभी. मेरी प्यास को जगा के ऐसे दूर मत होना.

चाचा को हांफ चढ़ी हुई थी. मैं भी सोचने लगी की साला ये लंड तो बेकार निकला!

तभी मेरे मन में क्या हुआ की मैं बेबाक अन्दर दरवाजे को धक्का मार के बहार से बोली: तुम लोग ये क्या कर रहे हो.

माँ की गांड फट गई और चाचा जल्दी से पतलून लेने भागे लेकिन वो जान गए की मैंने उनका शो देख लिया हैं!

मैंने जोर से लात मार के दरवाजे को खोला और अन्दर आई. माँ नंगी थी लेकिन उसने बॉडी को चद्दर से ढांक लिया था. चाचा जी का लंड भी सिकुड़ चूका था. मैं माँ के पास जा के बोली: माँ अप को शर्म नहीं आती हैं घर में ये सब धंधे करते हुए.

माँ रोने लगी और बोली” बेटा आई एम् सोरी. हम दोनों का ये सब 5 साल से हैं और तेरे पापा के जाने के बाद चाचा ही मेरा ध्यान रखते हैं इसलिए मैं बहक गई थी. माफ़ कर दो हमें.

उसका रोना चालु ही था.

मैंने कहा: आप को इतनी ही चुल थी तो शादी कर लेती आप!

माँ: नहीं ये शादी नहीं करेगा मेरे से क्यूंकि वो कही और भी चालु हैं.

मैंने कहा चलो सो जाओ अब, बहुत रात हो चुकी हैं, कल डिसकस करते हैं.

माँ: हां बेटा तू भी जा के सो जा.

मैं: नहीं मैं अपने कमरे में नहीं जाउंगी, आप के पास ही सोउंगी.

और ये कह के मैं उसके पास ही लेट भी गई.

माँ का रोना धोना चालू ही था.

मैंने कहा: आप चुप करो अभी, जो होना था वो तो हो चूका हैं. मैं जानती हूँ की आप को बदन की जरूरतों के लिए ये सब करना पड़ा और मैं आप के ऊपर गुस्सा नहीं हूँ.

मेरी इस बात को सुन के माँ को राहत मिली ऐया लगा मुझे.

फिर वो चुप हुई तो मैंने पूछा, आपने चाचा को पटाया या उन्होंने चांस लिया?

माँ ने कहा: एक दिन मैं जब घर में एकदम अकेली थी तो बेड पर लेटी हुई यू-ट्यूब वीडियो देख रही थी. फिर मेरा मन सेक्स वीडियो देखने का करने लगा और मैं देखने लगी.

सेक्स वीडियो देख कर मैं अपने वहां पर सहलाने लगी.
बीच में टोक कर मैंने पूछा- वहां क्या मतलब मां, वहां कहां?

वो बोली- तू ये सब क्यों पूछना चाहती है?
मैं बोली- चलो भी मां, अब तो मैं सब कुछ जानती हूं, खुल कर बताओ ना?

मां बोली- सेक्स वीडियो देख कर मेरी चूत में पानी आने लगा और मैं अपनी चूत पर हाथ से सहलाने लगी. मेरी चूत बहुत दिनों से प्यासी थी इसलिए मुझे बहुत मजा आ रहा था अपनी चूत को अपने हाथ से रगड़ते हुए.
फिर पता नहीं कब तेरा चाचू आ गया और पता नहीं वो कब से मुझे देख रहा था. मेरी नजर जब तेरे चाचू पर गयी तो मैं सहम गयी. मैंने अपनी चूत को कपड़े से ढक लिया.
तभी तेरा चाचू मेरे पास बेड पर आया और मेरी चूत से कपड़ा हटा कर बोला- भाभी, मैं आपकी परेशानी समझ सकता हूं. मगर अब मैं आपको और ज्यादा परेशान नहीं होने दूंगा.

इतने में ही तेरे चाचू ने मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और मुझे किस करने लगा. मुझे बहुत दिनों के बाद किसी मर्द का स्पर्श मिला था. मैं पहले से ही गर्म थी और तेरे चाचू के होंठों को किस करने से और ज्यादा गर्म हो गयी और बस… उसके बाद से ये सब शुरू हो गया.

मां की बात सुन कर मेरी चूत बहुत गीली हो गयी. मेरा मन भी चुदवाने के लिए करने लगा.
मैंने मां से कहा- मां, मैं आपको गले से लगा लूं?
वो बोली- हां लगा ले, इसमें क्या पूछना मेरी बच्ची!

मैंने मां को गले से लगा लिया और उसके होंठों को चूसने लगी.
वो पीछे हटी और बोली- क्या कर रही है ये? औरतों के बीच में ये सब नहीं होता, मैं तेरी मां हूं. ये गलत है बेटी. तू सो जा अब।

मां ने मुझे अलग कर दिया और मैं भी लेट गयी. मुझे नींद नहीं आ रही थी. कुछ देर के बाद मां सो गयी.

मैंने उठ कर देखा तो मां गहरी नींद में जा चुकी थी. मैंने मां की पैंटी को हल्के से साइड में किया और उसकी चूत पर होंठ रख दिये. मैं मां की फूली हुई चूत को चूसने लगी.

दो मिनट के अंदर ही मां की नींद टूट गयी और वो मेरे सिर को हटाने की कोशिश करने लगी. मगर मैं चूत को चूसती रही. मां को मजा आने लगा और वो 8-10 मिनट के बाद वो झड़ गयी.

उसके बाद मां शांत हुई और मैं मां से बोली- मां, मुझे भी चुदवाना है.
पहले तो मां गुस्सा हो गयी और फिर थोड़ी नॉर्मल हुई.

फिर वो उठ गयी और मेरा हाथ पकड़ कर रूम के बाहर ले आई.
मां बोली- तुझे सच में चुदवाने का मन कर रहा है?
मैंने कहा- हां मां, मैं आपकी तरह ही अपनी चूत को चुदवाना चाह रही हूं. चाचू के लंड को चूत में लेने का मन कर रहा है.

मां बोली- ठीक है तू आ मेरे साथ.
हम दोनों चाचू के रूम के पास गयीं.
मां बोली- तू रुक, मैं अंदर जाकर देखती हूं.

चाचू के रूम का दरवाजा खुला ही था. मां अंदर गयी और मैंने झांक कर देखा कि चाचू चड्डी में सो रहे थे. मां उसके पास गयी और उनके लंड को बाहर निकाल लिया. चाचू का लंड सो रहा था.

मां ने मुझे अंदर आने का इशारा किया और मैं अंदर गयी.
मां बोली- इसको मुंह में ले ले.

मैंने चाचू के लंड को हाथ में पकड़ा और सोये हुए लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. 2 मिनट के बाद चाचू का लंड टाइट हो गया.

जितना देखने में लग रहा था उससे कहीं बड़ा लंड था चाचू का, जो मेरे गले तक जा रहा था. चाचू भी नींद में ही मेरे मुंह में धक्के देने लगे.

मुझे लंड चूसने में बहुत मजा आ रहा था. मैं आंखें बंद करके लंड का मजा ले रही थी. फिर उनकी आँख खुल गयी.
मुझे देख कर वो चौंके और बोले- ये क्या पगली, तू यहां क्या कर रही है?
मैंने सोचा कि मॉम संभाल लेगी. मगर जैसे ही मैंने पीछे देखा तो मां रूम में नहीं थी. मैं अकेली थी वहां.

फिर मैंने खुद ही बात को संभालते हुए कहा- चाचू, मुझे आपके लंड से चुदवाना है.
वो बोले- पागल हो गयी है क्या? ये सब गलत है.

मुझे गुस्सा आया और मैं बोली- मुझे चोदोगे या मैं कहीं बाहर जाकर चुदवा लूं?
वो जोश में आकर बोली- ठीक है साली, तेरी चूत में बहुत खुजली हो रही है ना, चल तेरी खुजली मैं अच्छी तरह से मिटाता हूं आज।

इतना बोल कर चाचू मुझ पर टूट पड़े और मुझे चूसते हुए दो मिनट में पूरी नंगी कर दिया. वो मेरी चूचियों को जोर जोर से दबाते हुए चूसने लगे. मेरे बूब्स एकदम लाल हो गये.

फिर उन्होंने मुझे बेड पर पटका और मेरी चूत पर जीभ रख दी. मेरे आनंद का ठिकाना न रहा. वो जोर जोर से मेरी चूत को चूसने लगे. मेरे मुंह से आह्ह … आह्हह … करके कामुक आवाजें आने लगीं.

कुछ देर तक वो चूत को चाटते रहे और फिर बोले- शमा, तेरी चूत मेरे लंड को सह लेगी क्या?
मैं बोली- आप डालो तो सही, अब नहीं रुका जा रहा चाचू. चोद दो मुझे जल्दी।

चाचू ने अपने लंड का सुपारा मेरी चूत पर रखा और धक्का दिया.
बोले- कुछ हुआ क्या?
मैं बोली- नहीं, आगे बढ़ो।
उसने दूसरा धक्का दिया और बोले- कुछ हुआ?

चाचू का लंड अंदर नहीं जा रहा था.
मैं बोली- कुछ नहीं हुआ. आप आगे करो.
फिर मेरे मुंह पर हाथ रखने लगे.
मैंने कहा- हाथ क्यूं?
वो बोले- अभी पता लग जायेगा.

इतना बोलकर चाचू ने मेरे मुंह को हाथ से दबाते हुए पूरा जोर लगा कर एक धक्का दिया और उनका लंड मेरी चूत को चीरता हुआ आधा मेरी चूत में घुस गया.
दर्द के मारे मेरी जान निकल गयी.
मगर चाचू ने मेरे मुंह को दबाया हुआ था इसलिए चिल्ला भी नहीं पाई.

फिर उन्होंने इतने में दूसरा धक्का भी इतनी ही जोर से मारा और उनका पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया. मैं मछली के जैसे तड़पने लगी. इतना दर्द हो रहा था कि मैं बेहोश होने को हो गयी. दबे मुंह से ही मैं गूं गूं करके लंड निकालने के लिए कहने लगी लेकिन चाचू ने कोई रहम नहीं किया.

पांच मिनट तक मुझे दबोचे रखा और लंड मेरी चूत में फंसा रहा.
फिर पांच मिनट के बाद उन्होंने हाथ हटाया और बोले- अब कैसा लग रहा है?
मैंने कहा- जलन सी हो रही है.
वो बोले- जलन को अभी ठंडा कर देता हूं मेरी जान!

फिर वो हल्के हल्के मेरी चूत में लंड को चलाने लगे.
कुछ ही देर में मुझे मजा आना शुरू हो गया. मैंने चाचू को बांहों में भर लिया और चाचू मेरी चूत को पेलने लगे.

मैं सिसकारते हुए बोली- आह्ह चाचू … आई लव यू … चोदो मुझे चाचू. और जोर से चोदो प्लीज। बहुत मजा दे रहा है आपका लंड।

चाचू मुझे स्पीड में चोदने लगे और दस मिनट के बाद मेरा शरीर सुन्न पड़ गया. मैं जोर से झड़ गयी थी. चाचू अभी भी चोद रहे थे.

मैं मजे से चुदते हुए मदहोश हो रही थी.
चाचू बोले- माल कहां निकालूं मेरी रानी?
मैं बोली- अंदर ही निकाल दो चाचू.

तभी पीछे से मां चिल्लाई- नहीं, बाहर निकाल बहनचोद। अंदर मत निकालना, वो मेरी बेटी है.
फिर चाचू ने मेरी चूत के ऊपर ही माल गिराया. उसके बाद वो उठ कर बाथरूम में चले गये. मैं वहीं पड़ी हुई थी.

मां बोली- अब उठ जा शमा.
मैं बोली- मां मुझसे उठा नहीं जा रहा.
तब मां ने मेरी चूत को कपड़े से साफ किया और मुझे उठा कर अपने रूम में ले गयी.

रूम में मां ने मुझे बैठाया और पीने का पानी दिया. उसके बाद मैं लेट गयी और मुझे कब नींद लगी मुझे नहीं पता. सुबह उठी तो 10 बज गये थे. मां मेरे लिये दूध लेकर आयी और मुझे पीने के लिए दिया.

मां बोली- कैसा लग रहा है?
मैंने मुस्कराकर कहा- बहुत अच्छा मां।
मां मेरे पास बैठ गयी और बोली- देखा, जब चूत में आग लगती है तब कोई कुछ नहीं कर पाता. उस समय बस लंड की जरूरत होती है.

मैं बोली- हां मां, आपने बिल्कुल सही कहा. मैं भी लंड लेने के लिए तड़प गयी थी.
मैंने पूछा- मां सच बताना, आपको चाचू के अलावा किसी और लड़के ने भी चोदा है क्या?

मां बोली- तुझसे अब क्या छिपाना. हां, तेरे चाचू के बॉस ने भी मुझे चोदा हुआ है.
मैंने कहा- मगर वो तो 45 साल के आसपास होगा.
मां बोली- तो क्या हुआ? मैं भी तो 39 साल की हूं.

बस उस दिन के बाद से मां और मेरी दोस्ती हो गयी. अब जब हम मां बेटी का मन करता, हम चाचू से चुदवा लेती थीं. एक बार चाचू ने मां और मुझे दोनों को ही एक साथ भी चोदा था. अब मैं भी चाचा के साथ पूरा मजा लेती रहती हूं.