मामी मलाई दार

मामी ने मुझे बताया की तेरे मामा ने कभी मेरी गांड नहीं मारी. इसलिए मेरी गांड कुंवारी ही है. ये सुन कर मैं और खुश हो गया. मैंने अपने लंड पे क्रीम लगाया और थोड़ी क्रीम मामी की गांड पे भी लगा दी. अब मैंने अपने लंड को मामी की गांड में धीरे से एक झटका दिया. मेरा लंड मामी की गांड में थोडा घुस गया. मामी की तो जैसे जान ही निकल गयी थी……..

दोस्तों! मेरा नाम रवि है. मैं बी. कॉम की पढाई करने रायपुर (छत्तीसगढ़) अपने मामा के यहाँ आया हुआ था. ये घटना तभी की है. वक़्त बरबाद न करते हुए मैंने सीधा कहानी पे आता हूँ. मेरे मामा लगभग 38 साल के हैं और मामी 35 साल की हैं, पर दिखने में क़यामत हैं. उनकी गांड थोड़ी उभरी हुयी है, इसलिए जब भी वो चलती हैं तो उनके चूतड़ मस्त मटकते हैं.

मैं उनके नाम पे काफी बार मूठ मार चुका था लेकिन कभी चोदने का मौका नहीं मिला. पर भगवान के घर में देर है, अन्धेर नहीं. एक बार मामा जी को राजस्थान अपनी माँ के पास जाना पड़ा, क्योंकि उनकी तबियत खराब थी. मामा जी को वहाँ 10 दिन लगने वाले थे तो उन्होंने मुझे दूकान संभालने को बोल दिया और मामी के साथ रुकने को बोला. मेरे मन में तो लड्डू फूट रहे थे.

मामा जी शाम को रवाना हो गए. मुझे दूकान से घर आने में थोड़ी देर हो गयी थी तो मैंने पहले ही मामी को फोन करके बता दिया था की “आप सो जाना! मुझे आने में लेट हो जाएगी.” उस दिन मैं रात को 11:30 बजे घर पहुंचा. नहाकर मैं जब खाना खाने बैठा तो मामी भी बाहर आ गयीं.

मेरा लंड तो उन्हें देखकर ही खड़ा हो गया. उन्होंने ब्लैक नाइटी पहनी हुयी थी, वो भी पारदर्शी. जिसमे से उनकी पर्पल ब्रा साफ़ दिख रही थी. वो मेरे पास आकर बोलीं- कहाँ खो गए?

मैंने बोला- कहीं नहीं मामी. और चुपचाप खाना खाने लगा. मामी मेरे पास ही कुर्सी लगा के बैठ गयीं. मैं सोच रहा था कि मामी को मेरा उठा हुआ लंड कहीं पता न चले. लेकिन वो सब देख के भी अनजान बन रहीं थीं.

खाना खाने के बाद हम सोने चले गए. मैं बाथरूम गया और मूठ मारने लगा. मुझे वहाँ मामी की पैंटी दिखी. मैंने उसे अपने लंड पे रख के मूठ मारना शुरू किया. मुझे याद ही नहीं रहा मैं बाथरूम का दरवाजा खुला छोड़ आया हूँ. थोड़ी ही देर बाद जाने कहाँ से अचानक वहां मामी आ गयी. उन्होंने मुझे रंगे हाथों पकड़ लिया था.

मामी कहने लगीं की वो मामा को सब बता देंगी. मैं नसे रिक्वेस्ट करने लगा की वो मामा को कुछ न बताएं. वो जैसा कहेंगी मैं वैसा करने को तैयार हूँ.

उन्होंने मेरी तरफ शरारत भरी निगाहों से देखा और फिर इतराते हुए कहा- तुम मेरे सामने मूठ मारो और क्या सोच रहे थे वो बताओ?

मैं ये सुनकर हैरान रह गया पर मुझे क्या? मुझे जो चाहिए था वो मिल गया. मैं मामी के सामने मूठ मारने लगा. और कहने लगा- मुझे आपकी उभरी हुयी गांड बहुत अच्छी लगती है. जब आप चलती हैं तो ये मस्त मटकती है. मैं इसे चोदना चाहता हूँ.

मामी ने ये सुनकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और मेरे लंड को चूसने लगीं. मेरा लंड थोडा टेढ़ा है और ठीक ठाक मोटा है, तो मामी को चूसने में मजा आ रहा था. 5 मिनट बाद मैंने मामी से कहा – मामी आज मुझे आपकी गांड चाहिए! प्लीज चोदने दो!

मामी ने कहा- रवि! ये गांड तुम्हारे लिए ही है. जी भर कर चोदो.

लेकिन मैंने अपनी जीभ उनकी चूत के ,छेद में डाल दी और 15 मिनट तक चूसता रहा.

मामी चिल्ला रही थी- हाँ रवि! ऐसे ही चूस अपनी मामी की चूत को.

फिर वो मेरे मुँह में ही झड़ गयी. मैंने उसका सारा पानी पी लिया.

अब मैं उनकी गांड को भी थोड़ी देर तक चाटा. गांड चटवाना भी मामी को आनंदित कर रहा था. फिर मैंने देर न करते हुए अपने लंड को मामी की गांड पे रखा और झटका देना शुरू किया. लेकिन मेरा लंड अन्दर नहीं जा पा रहा था. मामी ने मुझे बताया की तेरे मामा ने कभी मेरी गांड नहीं मारी. इसलिए मेरी गांड कुंवारी ही है. ये सुन कर मैं और खुश हो गया. मैंने अपने लंड पे क्रीम लगाया और थोड़ी क्रीम मामी की गांड पे भी लगा दी. अब मैंने अपने लंड को मामी की गांड में धीरे से एक झटका दिया. मेरा लंड मामी की गांड में थोडा घुस गया. मामी की तो जैसे जान ही निकल गयी थी. वो कहने लगी- आआअह….निकाल बाहर! मुझे दर्द हो रहा है.

पर मैंने उन्हें समझाते हुए एक और धक्का लगाया. इस बार आधा लंड अन्दर घुस गया. और उसके बाद तुरन्त ही एक और झटका देकर पूरा लंड उनकी गांड में पेल दिया. मामी जोर से चीख पड़ी और रोने लगी. फिर मैंने दर्द कम होने का इन्तजार किया. और उसके बाद धीरे-धीरे झटके देने शुरू किये. 10 मिनट बाद मामी भी गांड हिला- हिला कर मजे लेने लगी. मैं उनकी कोमल गांड को दबा-दबा कर चोद रहा था. मेरा टेढ़ा लंड उनकी गांड को कस के चोद रहा था. लगभग आधे घंटे के बाद मैं उनकी गांड में ही झड़ गया.

लेकिन अभी कुछ ही देर हुआ था की मेरा लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया. ये देख कर मामी हैरान हो गयी.उन्होंने कहा- अरे! अभी तो इसने इतना माल गिराया है. अभी फिर इसे भूख लग गयी.

मैंने कहा- ये भूखा शेर है. इतने दिनों के बाद इसे आज खाने को मिला है. जम कर खायेगा!!

मामी ने कहा- ठीक है! जो चाहे खा सकता है. लेकिन बिस्तर पे.

मैंने कहा- अब मैं डौगी स्टाइल में आपकी चूत मारूँगा.

मामी ने कहा- तेरा लंड टेढ़ा और मोटा है.दर्द होगा मुझे!

पर मैं कहाँ सुनने वाला था और मामी को अपनी गोद में उठाकर बिस्तर पे ले जाकर पटक दिया. मामी ने कहा- बिना कॉन्डोम के चोद मुझे! मैंने तेरा लंड सीधे अपनी चूत में लेना चाहती हूँ.

मैंने बिना कॉन्डोम के एक ही झटके में अपने लंड को मामी की चूत में डाल दिया. मामी जोर से चीखी- बहनचोद! धीरे कर….. तेरे मामा का लंड इंतना मोटा और टेढ़ा नहीं है.

उनकी मादक आवाज और गाली सुनकर मुझे और जोश चढ़ गया. मैंने उन्हें और कस के चोदने लगा. पूरे कमरे में मामी की मादक सिस्कारियां आ रही थी. फच-फच के आवाज से पूरा कमरा गूँज रहा था. 20 मिनट की लगातार चुदाई के बाद हम दोनों साथ में झड़ गए. मैंने सारा लावा मामी की चूत में निकाल दिया. उन्होने बताया की मैंने दावा ले रखी है इसलिए दिक्कत की कोई बात नहीं है. अगले दिन सुबह फिर से हमने एक रौद चुदाई की.

फिर मैं रोज मामी की चुदाई करने लगा. यहाँ तक की मामा के आने के बाद भी कभी-कभी मामी को चोद देता हूँ.

तो दोस्तों कैसी लगी आपको मेरी कहानी? मुझे मेल करके जरूर बताइयेगा.