नीलम मामी के दूध के टैंकर

हैल्लो दोस्तों, antarvasna मेरा नाम राहुल है और मेरी इस कहानी में आप सभी का स्वागत है यह कहानी मेरी नीलम मामी की है जो एक बहुत ही सेक्सी आईटम है। उसकी उम्र लगभग 30 साल है और उसका फिगर मुझे जैसे सनीलीयोन की याद दिलाता है उसके फिगर की साईज 38-28-40 है। इससे आपको पता चल ही गया होगा की उसके बूब्स बहुत बडे है जैसे की दूध के टैंकर हो, उसकी गांड तो मुझे पागल ही कर देती है। नीलम मामी टाईट गाउन पहनकर जब घर में मटकती है तो मैं उसकी गांड को देखकर ही फिदा हो जाता हूँ। अब मैं मेरे सेक्स अनुभव को आप सबको बताने जा रहा हूँ कामलीला डॉट कॉम के माध्यम से।

बात उन दिनों की है जब गर्मियों की छुट्टियाँ चल रही थी और मेरी भी छुट्टियाँ थी तभी मुझे मामा का फ़ोन आया और वह बोले की, मैं ड्यूटी की वजह से 15 दिन मुंबई जा रहा हूँ, लेकिन अचानक से मेरी बेटी रानू की तबियत ख़राब है तुम कुछ दिनों के लिये घर पर रहने के लिये आ जाओ। ये तो मानो जैसे मेरे लिए एक सपना था, यह तो जैसे मामा की तरफ से खुला न्योता था की आओ और मेरी बीवी को मन चाहे जितना चोद लो। मुझे ये मौका मिस नहीं करना था। उसी दिन मैं सामान पैक करके मामा के गाँव निकल गया और जहाँ तक मैं पहुँचा उसे पहले मामा चले गये थे जब मैं घर पहुँचा तब मामी ने स्माईल करते हुए दरवाजा खोला, पिंक कलर की नाईटी में नीलम मामी एकदम कयामत लग रही थी फिर मैं जाकर सोफे पर बैठ गया, मामी मेरे लिए चाय बनाकर लेकर आई, जब चाय देने के लिये झुकी तो उसके बूब्स मुझे साफ़ साफ़ दिखाई दिये, मैं तो जैसे पागल हो गया उसके बूब्स सामने देखकर मेरा लंड तो खड़ा ही हो गया, अब मुझे उसके निप्पल देखने थे।

मैं :- मामी बिस्किट मिलेंगे?

नीलम :- हाँ अभी लाती हूँ।

बिस्किट देने के लिए जब वो झुकी तो मुझे उसकी नीले कलर की ब्रा दिखाई दे रही थी, अब तो मैं अपने आप पर काबू नहीं रख सका, उसके बाद मैं कमरे में सोने के लिए चला गया। दूसरे दिन जब मैं सुबह उठा तो, देखा की मामी दिखाई नहीं दे रही थी उसी समय मैं उनके कमरे की तरफ गया तो देखा की वो टावल में है, मैं उधर ही चुपचाप से खड़ा रहा, मामी शायद भूल गयी थी की मैं घर में हूँ उसी वजह से दरवाजा आधा खुला ही था। मामी ने आयने के सामने अपना टावल उतार दिया अब वो पूरी नंगी थी, मैं तो उनको देखकर चौंक गया आज मेरी चाहत मेरे सामने नंगी खड़ी थी, जी कर रहा था की अभी जाकर उसे उसके बेड पर घोड़ी बनाकर के उस पर चढ़ जाऊं, जब वो घूमी तो उसकी चूत पर मेरी नज़र पड़ी, लग रहा था की अभी अभी मामी ने साफ की है। अब वो उसकी चूत पर प्यार से हाथ घूमा रही थी उसके चोकलेटी निप्पल तो मैं देखता ही रह गया, लग रहा था की अभी जाकर उनका सारा दूध पी डालूं। उसकी मोटी गांड देखकर के तो मेरे होश ही उड़ गये तभी मुझे रानू की आवाज़ आई, मैं वहाँ से निकल गया फिर मैं नहाने के लिए बाथरूम में चला गया मेरी नज़र मामी के कपड़ो पर पड़ी, उसके अन्दर मुझे उनकी नीले कलर की पेंटी और ब्रा दिखी, जो मैंने कल रात देखी थी मेरी ख़ुशी का तो जैसे कोई ठिकाना ही नहीं रहा मैं पागलों की तरह उसकी पेंटी और ब्रा को सूँघने और चूमने लगा। उसके बाद मैंने उसकी पेंटी में ही मूठ मार डाली अब मैंने सोच लिया था की मामी को चोदे बिना घर नहीं जाऊंगा।

अब मैं अपने काम में जुट गया, मैं जानबुझकर मामी के करीब जाने लगा, उसके साथ ही पूरा दिन रहने लगा मामी भी मुझसे फ्रेंड्ली बातें करने लगी। एक दिन मुझे मौका मिल ही गया, रानू उस दिन स्कूल गयी थी मामी और मैं दोनों घर पर थे मामी अपने कमरे में लेटी हुई थी।

मैं :- क्या हुआ, आप सो क्यों रही हो?

नीलम :- कुछ नहीं सर्दी हुई है और सर दूख रहा है।

मैं :- तो फिर विक्स लगा लो?

नीलम :- नहीं।

मैं :- मैं अभी लाता हूँ।

इसी मौके की तलाश में मैं जब से तड़प रहा था उस समय मामी लाल कलर के गाउन में थी।

नीलम :- दो इधर मैं लगा लूँगी।

मैं :- नहीं मैं ही लगाऊँगा।

अब मैं जाकर बेड पर बैठ गया आज मेरे सपनों की रांड मेरे सामने ही लेटी हुई थी, अब मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था मैंने मेरे हाथों से नीलम मामी के सर पर विक्स लगाना शुरु किया, थोड़ी देर बाद मैं अपना हाथ तोड़ा नीचे ले गया जब मैंने उसकी छाती पर हाथ रखा तो उसने मेरा हाथ वही पर रोक दिया।

मैं :- क्या हुआ? इसके बिना आप ठीक कैसे होंगी।

अब मैं अपना हाथ नीलम मामी की छाती पर घूमा रहा था, उसी समय मैंने अपना हाथ उसके बूब्स की तरफ रखा।

नीलम :- ये क्या कर रहे हो तुम?

मैं :- मामा नहीं करते क्या आपकी मालिश? प्लीज़ मुझपर भरोसा रखीये।

मुझे समझ में आ गया की मामी भी थोड़ी रंग में आ रही थी अब मैं उसके बूब्स को ब्रा के ऊपर से ज़ोर ज़ोर से दबाने लगा मामी कुछ नहीं बोल रही थी अब मैंने मेरा हाथ उसकी ब्रा के अन्दर डाल दिया अब मैं नीलम मामी के निप्पल के साथ खेल रहा था फिर मैं अपने होंठ मामी के होठों की तरफ ले गया तभी मामी वहाँ से उठकर खड़ी हो गई।

मामी :- तुम पागल हो गये हो क्या, मैं तुम्हारी मामी हूँ।

मैं :- मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ, प्लीज़.

मामी :- मैं तुम्हारे मामा की पत्नी हूँ, और मैं तुमसे बहुत बड़ी हूँ।

ये बोलकर वो किचन की तरफ चली गयी मुझ पर तो जैसे सेक्स का जुनून सवार था मैं उसके पीछे किचन में चला गया और मैंने पीछे से जाकर उसे जकड़ के पकड़ लिया मैं उसके बूब्स को फिर से दबाने लगा। फिर मैंने अपने होठं उसके होठों पर रख दिए मामी कुछ भी नहीं कर पा रही थी, मैंने उसे कसकर पकडे रहा। अब मैं इमरान हाशमी की तरह मामी के होंठों को चबाने लगा और उसके होठों को अच्छे से चूसने लगा तभी उसने मुझे ज़ोर से धक्का दिया और बेडरूम की तरफ चली गयी मैं भी वहाँ चला गया।

मैं :- मामी आपसे सच में बहुत प्यार करता हूँ, मैंने जिंदगी में आपकी जितनी खूबसूरत औरत नहीं देखी।

मामी :- तुम्हें मेरे जैसी बहुत सारी मिल जाएँगी।

मैं :- नहीं मुझे तो आप ही चाहिए।

मामी :- ये नहीं हो सकता।

मैंने उसे बेड पर गिरा दिया, और बेडरूम को अन्दर से बंद कर लिया।

मैं :- मुझे मालूम है, आप भी मुझे पसंद करती हो मैं आपके बिना नहीं रह सकता, मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ और आज मैं आपको बहुत प्यार देना चाहता हूँ और अगर आप जाना चाहती हो चली जाओ, उसके बाद मैं भी आपको मेरी शक्ल नहीं दिखाऊंगा।

मामी :- नहीं ऐसे मत बोलो, आई.लव.यू. पर मैं तुम्हारे मामा की वजह से डर रही हूँ।

मैं :- मामा को कुछ भी पता नहीं चलेगा, चिंता मत करो।

मामी :- मैंने तो तुम्हें पहले ही देख लिया था जब मैंने अपनी पेंटी को देखा था, जब से ही मेरे मन में चुदाई की आग लगी हुई है।

अब मैं मामी के करीब चला गया फिर उसे अपनी बांहों में पकड़ लिया मामी मुझे किस करने लगी मैं उसके बूब्स को चूमने लगा और दबाने लगा थोड़ी देर दबाने के बाद उसके निप्पल से दूध की बूंदे गिरने लगी मैं तो जैसे पागल हो गया था।

मामी :- मेरा पूरा दुध पी जाओ, मुझे आज पूरा चूस लो।

अब मैंने उसे बड़े ही प्यार से बेड पर लिटाया और उसकी पेंटी पर धीरे धीरे से हाथ फेरने लगा, मैंने उसकी पेंटी को धीरे से उताता और अब उसकी चिकनी चूत मेरे सामने थी, क्या लग रही थी चूत अब मैं उसकी झांट के बालों से खेलने लगा मैं उसकी चूत की गर्मी को महसूस कर रहा था अब मैं उसकी चूत की तरफ अपना मुहँ ले गया।

मामी :- नहीं, मैं नहीं सह पाऊँगी प्लीज़.

मैंने उसकी एक भी ना सूनी और उसकी चूत को मसलने लगा, मामी ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ लेने लगी, अब मैं उसकी चूत को चाटने लगा जैसे की मैंने फिल्मों में देखा था। अब मैंने अपनी ऊँगली उसकी चूत में डाल दी।

मामी :- आऊच्च. ओऊ. आअहह.. बस भी करो कितना सताओगे अब ये लंड मेरे मुहँ में डाल दो, मुझे भी थोड़ा शहद चाटना है।

मामी अब उसके घूटनों पर बैठी थी, जल्दी से उसने मेरी अंडरवीयर निकाल दी और मेरा लंड अपने मुहँ में ले लिया अब वो मेरे लंड के बॉल्स को हिलाने लगी मैंने फिर मामी को अपनी गोद में ले लिया और अपना लंड उसकी चूत में डालने लगा।

मामी :- मुझे मार ही डालेगा क्या आज?

मैं :- आज तो मैं तुझे अपनी रंडी समझकर के चोदुंगा।

मैंने अपने लंड को उसकी चूत में डाल दिया और मामी उस पर जंप करने लगी।

मामी :- आअहह.. उईइ.. आउच.

फिर मामी मेरे लंड पर जोर जोर से उछलने लगी और थोड़ी ही देर बाद उसने अपना पानी मेरे लंड पर छोड़ दिया। अब मैं मामी को किचन में ले गया और उसे डाईनिंग टेबल पर लिटा दिया, अब मैंने उसकी गर्दन को मेरे हाथों से पकड़कर के उसकी चूत में लंड डालकर जोर जोर से झटके देने लगा।

मामी :- आज पता चला तेरे सामने तेरे मामा तो चूतिया है तेरा लंड मेरी चूत की प्यास बुझा देगा।

फिर मामी मेरे सामने घोड़ी बन गयी, मैं तो कब का तैयार था लेकिन मामी मानने को तैयार नहीं थी उसने मुझे कुर्सी पर बैठाया और मेरे लंड पर आकर बैठ गयी वो जैसे मेरे लंड पर कूद रही थी, उसी समय उसके बूब्स मेरे सिने पर ज़ोर ज़ोर से टकरा रहे थे अब मैंने उसे किस करना शुरु किया।

मामी :- मुझे फ्रेंच किस करना सीखा दो ना।

फिर क्या था, मैंने अपने मुहँ से उसका मुहँ बंद कर दिया और करीब 2-3 मिनट तक उसे किस करता रहा।

मैं :- अब मेरा पानी निकलने वाला है।

मामी :- तो झड़ जाओ मेरे मुहँ में।

अब मैंने पूरा लंड मामी के मुहँ पर रखा, मामी भी उसे पागलों की तरह चूस रही थी उसी वक़्त मामा का फ़ोन आ गया और मेरा काम होने वाला आधा रह गया।

मामा :- क्यों क्या चल रहा है।

मामी :- थोड़ा काम कर रही हूँ, इसलिए थक गयी हूँ।

मामा :- तुम अकेली कितना काम करोगी।

मामी :- मैं अकेली कहा हूँ, मेरा भांजा है ना मेरे साथ, वो मेरे काम में मेरा हाथ बटा रहा है।

मामा :- तंग तो नहीं करता ना।

मैं उस समय मामी की चूत को चाट रहा था।

मामी :- नहीं, बिल्कुल आप पर गया है आपके आने तक हम पूरा काम कर देंगे।

मामा :- क्या?

मामी :- मेरा मतलब है, पूरा घर साफ़ कर देंगे।

फिर बात पूरी होने के बाद, हम दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर के हँसते ही रह गये फिर मैंने फिर से मामी की चूत पर अपना लंड डाला और एक जोरदार चुदाई करते हुए हम दोनों एक साथ ही झड़ गये जिससे उसकी चूत मेरे माल से खचा खच भर गई।

दोस्तों जब तक मेरा मामा घर नहीं आया तब तक हम दोनों ने लगातार चुदाई करी और पता नहीं घर का कोई कौना ऐसा नहीं बचा जहाँ पर मैंने उनको नहीं चोदा हो, हर एंगल से हर वो सारे तरीके जो चुदाई करने में इस्तेमाल होते है सब के सब आजमा लिये। आज भी जब मामा कभी बाहर जाता है तो मैं मामी को चोदने चला जाता हूँ और उनकी गांड और चूत को बुरी तरह से चोदता हूँ जिससे मामी मुझसे खुश होकर दिन और रात मेरे साथ नंगी ही लेटी रहती है।

धन्यवाद कामलीला डॉट कॉम के प्यारे पाठकों !!