पड़ोस में रहने वाली लड़की

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मेरा नाम गौरव है मैं दिल्ली का रहने वाला हूं, मेरी उम्र 25 वर्ष है। मैं जिस कॉलोनी में रहता हूं उस कॉलोनी में मेरे बहुत दोस्त हैं क्योंकि जिस कॉलोनी में हम लोग रहते हैं वहां पर हम लोगो को काफी समय हो गया हैं। उस वक्त हमारे आस पास ज्यादा घर नहीं थे परंतु अब हमारी कॉलोनी में बिल्कुल भी जगह नहीं है। मेरे पिताजी एक सरकारी विभाग में है, हम काफी समय पहले ही दिल्ली आ गए थे। हम लोगों का गांव हरियाणा में है इसलिए हम लोग अपने गांव भी अक्सर जाते रहते हैं और जब हम अपने गांव जाते हैं तो मेरे पिताजी बहुत खुश होते हैं क्योंकि मेरे पिताजी को गांव से बहुत लगाव है परंतु वह अपनी नौकरी में बिजी हो चुके हैं इसलिए ज्यादा समय तक हम लोग गांव नहीं जा पाते परंतु जब भी उन्हें वक्त मिलता है उस समय हम लोग गांव चले जाते हैं। मेरे चाचा और चाची गांव में ही रहते हैं और कभी-कभार वह दिल्ली भी आ जाते हैं।

मेरे चाचा अभी गांव में खेती करते हैं और उनका खेती से ही गुजारा चलता है इसीलिए कई बार मेरे पिताजी भी उन्हें पैसे भेज दिया करते हैं। उनका छोटा लड़का हमारे साथ ही रहता है और वह काफी पहले से हमारे साथ रह रहा है। अभी स्कूल में पढ़ता है और छुट्टियों में वह गांव चले जाता है। एक बार हमारे पड़ोस में एक लड़की रहने के लिए आती है, वह किसी कंपनी में नौकरी करती है। मैं उसे अक्सर ही आते जाते देख लेता था, वह दिखने में बहुत ही सुंदर है और उसकी हाइट भी बहुत अच्छी है। मैं हमेशा ही उसे देखता रहता था लेकिन मैंने उससे कभी बात नहीं की। एक दिन वह दुकान पर ही खड़ी थी तो उस दिन मैंने उससे बात कर ली और उसे पूछा कि क्या आप अग्रवाल अंकल के यहां पर रहते हैं, वह कहने लगी कि हां मैं अग्रवाल अंकल के घर पर ही रहती हूं। मैंने उससे पूछा कि आप कहां जॉब करती हैं, वह कहने लगी कि मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब पर हूं। उसकी उम्र हालांकि मुझसे बड़ी है, उसके बावजूद भी मैं हमेशा ही उसे देखता रहता था। उसे कुछ दिन ही हमारी कॉलोनी में आए हुए हुए थे। अब हमारी बात भी होने लगी थी तो एक बार मैंने उससे उसका नाम पूछ लिया, उसका नाम शिखा है।

एक दिन मैंने उसे कहा कि आप बहुत ही ज्यादा सुंदर हैं, वह कहने लगी कि तुम मेरी कुछ ज्यादा ही तारीफ कर रहे हो। मैंने उसे कहा, मैं तुम्हारी तारीफ नहीं कर रहा, तुम वाकई में बहुत ज्यादा सुंदर हो। वह भी मुझसे पूछने लगी कि तुम्हारा क्या नाम है, उसने उस दिन मुझसे मेरा नाम पूछा, मैंने उसे अपना नाम बताया। उसके बाद से हम दोनों की अच्छी दोस्ती हो गई और वह जब भी मुझे मिलती तो हमेशा ही मुझसे बात किया करती थी। मैं एक दिन अपने घर से शाम के वक्त कहीं जा रहा था, शाम काफी हो चुकी थी और आगे कुछ साफ दिखाई नहीं दे रहा था। मैंने आगे देखा तो शिखा किसी लड़के के साथ आ रही है, उस लड़के ने सिखा को हमारी कॉलोनी के बाहर छोड़ दिया और वह वहां से वापस चला गया। उस दिन मैंने सिखा से कुछ भी नहीं कहा, मुझे लगा शायद उसका कोई रिश्तेदार होगा। जब वह मुझे दिखी तो मैंने भी अपनी बाइक रोक ली और उससे पूछा कि तुम कहां से आ रही हो, वह कहने लगी कि मैं ऑफिस से आ रही हूं। थोड़ी देर मैंने उससे बात की और उसके बाद वह घर चली गई। मैं जब भी शाम को देखता तो वह लड़का उसे हमेशा ही छोड़ने आता था। मैंने उससे पूछा कि क्या तुम्हारे और उस लड़के के बीच में कोई रिलेशन है, वह कहने लगी वह मेरा बॉयफ्रेंड है और हम दोनों का रिलेशन हमारे कॉलेज के समय से ही है। हम दोनों की जॉब यहां दिल्ली में ही लग गई इसीलिए हम दोनों एक साथ में ही काम कर रहे हैं। मैंने उसे पूछा कि तब तो तुम एक दूसरे को बहुत अच्छे से पहचानते होंगें, वह कहने लगी हां हम दोनों कॉलेज से ही साथ में है और हम लोग स्कूल भी साथ में ही पढ़ते थे। मैंने सीखा से पूछा क्या तुम दोनों शादी करने वाले हो, वह कहने लगी कि हां हम दोनों ही शादी करने वाले हैं। मेरी सिखा से तब ही बात होती थी जब वह ऑफिस से आती थी।

कभी भी मैं उसके साथ कहीं बाहर नहीं गया था और ना ही मैंने उसे कभी बाहर चलने के लिए कहा। एक दिन मैंने देखा उसका बॉयफ्रेंड उसे छोड़ने के लिए आया हुआ है लेकिन उन दोनों के बीच में बहुत झगड़े हो रहे थे, वह लड़का उस पर बहुत ही ज्यादा गुस्सा हो रहा था। मैं यह सब देखे जा रहा था लेकिन मैंने उन दोनों के बीच में बोलना उचित नहीं समझा इसलिए मैंने कुछ भी उनके बीच में नहीं बोला और मैं यह सब देख रहा था। जब वह लड़का चला गया तो उसके बाद शिखा बहुत ही गुस्से में थी और वह उस दिन अपने घर चली गई। उसने मुझे देखा भी लेकिन उसके बावजूद उसने मुझसे कुछ भी बात नहीं की। मुझे भी लगा कि आज शिखा से बात करना अच्छा नहीं रहेगा इसलिए मैंने भी उससे कुछ भी बात नहीं की। जब अगले दिन वह मुझे मिली तो मैंने उससे पूछा कि तुम कैसी हो, वह कहने लगी मैं तो अच्छी हूं। उसने मुझसे काफी बात की, मैंने उसे कहा कि यदि तुम्हारे पास समय हो तो क्या हम लोग कहीं अकेले में बैठ सकते हैं। वह कहने लगी ठीक है हम लोग कहीं चलते हैं। हमारी कॉलोनी के बाहर ही एक बहुत बड़ा पार्क है, हम लोग उस पार्क में बैठने के लिए चले गए। जब हम लोग उस पार्क में गए तो हम लोग साथ में बैठे हुए थे और काफी बातें कर रहे थे। मैंने शिखा से पूछा कि कल मैंने तुम्हारे और तुम्हारे बॉयफ्रेंड के बीच में झगड़ा होते हुए देखा, क्या तुम्हारे बीच में रिलेशन ठीक-ठाक चल रहा है।

पहले उसने मुझे कुछ भी नहीं बताया लेकिन उसके बाद उसने मुझे सब कुछ बताया कि अब उसका बॉयफ्रेंड उस पर बहुत ही शक करने लगा है। शिखा कहने लगे कि मुझे यह बिल्कुल भी पसंद नहीं है, इस वजह से मैंने उसे बहुत समझाने की कोशिश की लेकिन वह मेरी बात बिलकुल भी सुनने को तैयार नहीं है और मुझ पर बहुत ज्यादा शक करने लगा है। वह मुझे कहने लगा कि तुम जब से दिल्ली आई हो तब से तुम बिल्कुल ही बदल चुकी हो। उसे मुझ पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। हम दोनों एक दूसरे को इतने वर्षों से जानते हैं, उसके बावजूद भी वह मुझ पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं करता इसीलिए कल हम दोनों के बीच बहुत बहस हुई। मैंने सीखा से कहा क्या तुम दोनों ने आपस में कभी इस बारे में बात नहीं कि, वह कहने लगी कि मैंने उससे बहुत बार बात की परंतु उस चीज का कभी भी कोई सॉल्यूशन नहीं निकला और वह हमेशा ही मुझ पर बहुत शक करता था । कल मुझे भी बहुत गुस्सा आ गया उसने जिस प्रकार से मुझसे बात की। इसीलिए हम दोनों के बीच बहुत झगड़े हुए। अब हम दोनों पार्क में ही बैठे हुए थे और बात कर रहे थे। रात भी काफी होने लगी थी, मैंने उसे पूछा कि क्या तुम्हें घर जाना है। वह कहने लगी नहीं थोड़ी देर बाद मैं घर चली जाऊंगी। मैंने उसे कहा चलो ठीक है। वह मुझसे कहने लगी कि मुझे तुमसे बात कर के बहुत हल्का महसूस हो रहा है। मुझे भी सिखा से बात करना अच्छा लग रहा था क्योंकि मैंने भी उससे कभी इतनी बात नहीं की थी और वह भी मुझसे बात कर के अपने आप को बहुत ही कंफर्टेबल महसूस कर रही थी लेकिन अब वह अपने रिलेशन से बिल्कुल भी खुश नहीं दिख रही थी और मुझे कहने लगी कि मुझे नहीं लगता कि अब हम दोनों के बीच ज्यादा समय तक रिलेशन चल पाएगा, जिस प्रकार से वह मुझ पर शक करता है मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता। मैंने शिखा की जांघों पर हाथ रख दिया वह मुझे कहने लगी मुझे वाकई में बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता जिस प्रकार से मुझ पर मेरा बॉयफ्रेंड शक करता है।

मैंने उसे अपने गले लगा लिया और उसके स्तन मेरे हाथों से टकराने लगे मेरा पूरा मूड खराब होने लगा था शिखा का भी मूड खराब हो गया था। उसने मुझे कहा कि मेरे घर पर चलते हैं और वही जाकर बात करते हैं। हम दोनों उसके घर चले गए मैं उसके बिस्तर पर बैठा हुआ था मैंने जब उसकी जांघ को दबाया तो मुझे बड़ा अच्छा महसूस होने लगा। मैंने उसके होठों को किस कर लिया मैंने जब उसके होठों को अपने होठों में लिया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। मैंने उसके होठों से खून निकाल दिया वह पूरे मूड में आ चुकी थी और उसने मेरे लंड को बाहर निकालते हुए अपने मुंह के अंदर समा लिया वह अपने गले तक मेरे लंड को लेती। काफी देर तक उसने ऐसा ही किया उसके बाद मैंने उसको उसके बिस्तर पर लेटा दिया। उसके स्तनों का रसपान करने लगा उसके स्तन बड़े ही टाइट और गोरे गोरे थे मैंने उसके निप्पल को भी काट दिया। अब मुझे बिल्कुल भी नहीं रहा गया मैंने जैसे ही उसकी चिकनी योनि के अंदर अपने लंड को डाला तो वह चिल्लाने लगी वह बड़ी तेज आवाज में चिल्ला रही थी।

मैंने उसे बड़ी तेज धक्के दिए जब मेरा लंड उसकी योनि के अंदर बाहर होता तो वह अपने मुंह से सिसकियां लेती मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। वह मुझे कहने लगी तुम तो मुझे बड़े ही अच्छे तरीके से चोद रहे हो। मैंने काफी देर तक ऐसे ही उसे चोदा उसके बाद मैंने उसे अपने ऊपर लेटा दिया। जब वह मेरे ऊपर आई तो मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर डाल दिया और बड़ी तेज गति से उसे झटके देने लगा। मैंने उसे इतनी तेजी से झटके मारे की वह मेरा साथ देने लगी और अपने चूतडो को ऊपर नीचे कर रही थी। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था जब वह अपन चूतडो को ऊपर नीचे करती जाती। अब वह अपने चूतड़ों को बडी तेजी से हिला रही थी मुझसे बिल्कुल रहा नहीं गया कुछ झटकों के बाद मेरा माल उसकी योनि के अंदर चला गया। जब मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर गया तो वह कहने लगी तुम्हारा माल तो बड़ा ही गर्म है। जब वह मेरे ऊपर से उठी तो मेरा माल उसकी चत के अंदर से बाहर निकल रहा था और उसने मेरे माल को साफ किया। उसके बाद हम दोनों साथ में बैठे रहे अब उसने अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप कर लिया है और मेरे साथ ही रिलेशन में है। हम दोनों हमेशा ही सेक्स करते हैं।