फिर मैंने मजाक में ही कहा कि दूध तो गर्म है बस पीना बाकी है. इस पर आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया और मुस्कुराते हुए रसोई में चली गयी और थोड़ी देर में मेरे लिये दूध और अपने लिए कॉफी लेकर आईं और मेरे पास में वहीं सोफे पर बैठ गई…
नमस्ते दोस्तों, अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. इसे लिखने में कुछ गलती हो जाए तो माफ़ करना. दोस्तों, मेरा नाम मोनू है और मेरी उम्र 25 है.
बात 2 साल पुरानी है. मेरे घर के सामने एक आंटी रहती थी. जिसका नाम मानसी था. वह हमारे कालोनी में नई आईं थी. उसके पति का नाम धामू था और वह किसी फैक्ट्री में काम करता था.
जब से आंटी हमारे कालोनी में आई थीं, मैं उसे ही घूरता रहता था. जब कभी वो छत पर या बालकनी में या घर के बाहर दिखती तो मैं उन्हें घूरता रहता. ये बात आंटी ने नोटिस करना शुरू कर दिया था.
एक बार मैं बाजार किसी काम से गया था तो रास्ते में आंटी दिख गई. उनके हाथ में सामान से भरा भारी बैग था. यह देख मैंने सोचा कि यही एक रास्ता है आंटी से बात करने का. फिर मैं उनके पीछे चलने लगा.
कुछ दूर चलने के बाद आंटी ने पीछे मुड़ के देखा और मुझे देख कर एक स्माइल दे दी. फिर मैं उनके पास गया और जाकर पूछा कि क्या मैं आपकी कुछ हेल्प करूं. तो उन्होंने कहा कि आप का नाम क्या है?
मैंने उन्हें अपना नाम मोनू बताया. उन्होंने कहा कि ठीक है, यदि आप मेरी हेल्प करना चाहते हो तो ये सामान घर पर रखवा दो. मैंने कहा ठीक है और सामान उनके घर पर रखवा दिया. उसके बाद जैसे ही मैं जाने लगा तो आंटी ने कहा, “मोनू चाय पीकर जाना.” लेकिन मैंने मना कर दिया.
इस पर आंटी ने कहा, “मैं चाय में मिर्ची नहीं डालती.” मैं उनकी बात समझ गया और उनके दूध की तरफ देख कर कहा, “मैं सिर्फ दूध ही पीता हूं, चाय नहीं.” आंटी ने कहा, “ठीक है, मैं दूध गर्म करके लाती हूं.”
फिर मैंने मजाक में ही कहा कि दूध तो गर्म है बस पीना बाकी है. इस पर आंटी ने कोई जवाब नहीं दिया और मुस्कुराते हुए रसोई में चली गयी और थोड़ी देर में मेरे लिये दूध और अपने लिए कॉफी लेकर आईं और मेरे पास में वहीं सोफे पर बैठ गई.
फिर आंटी ने कहा, “मोनू एक बात बता, तू मुझे हमेशा घूरता क्यों रहता है? मैं तुझे क्या भूतनी लगती हूँ?” मैंने आंटी से कहा, “नहीं आंटी, मैं आप को कहाँ घूरता हूँ, मैं तो बसस्स…” तभी अचानक एक दम से मेरे शब्द रुक गए.
इस पर आंटी बोली, “बता न क्यों घूरता है?” तो मैंने कहा कि ऐसे ही. फिर आंटी ने मुझे डरा कर कहा बताता है कि तेरे घर पर तेरी शिकायत करूं. तब मैंने डरते हुए कहा, “आंटी आप बहुत सुंदर हो.” तो आंटी ने कहा, “मैं कैसे सुन्दर लगी? जरा खुल के बोल न मोनू.”
मैंने कहा, “आंटी, आप के मुलायम और कोमल होंठ से लेकर 32 के दूध, 30 की कमर और 32 के हिप. कुल मिलाकर आप तो ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी कयामत हो.” तब आंटी ने कहा, “मोनू, तू मेरा एक काम करेगा?”
मैंने कहा, हां आंटी बोलिये. तो वो बोली, “आज अपनी इस आंटी की प्यास बुझा दे.” इतना कहकर आंटी ने मेरे होंठों को चूमना शुरू कर दिया. जिसे मैं पाने की सोच रहा था, आज वो हकीकत बन गया था. फिर मैं भी आंटी को चूमने लगा और धीरे से हाथ उनके दूध पर रखकर दबाने लगा.
आंटी पर प्यार की खुमारी चुकी हो चुकी थी. आंटी ने कहा, “मोनू यहाँ नहीं, रूम में चलते हैं.” फिर मैं उनके पीछे – पीछे उनके हिलते – डुलते हिप का मजा लेता रूम में चला गया. अंदर जाते ही आंटी ने फिर से मुझे किस करना शुरू कर दिया और मैं उनके ब्लाउज के ऊपर से ही उनके दूध दबाने लगा.
फिर धीरे – धीरे मैंने आंटी का ब्लाउज उतारा दिया. उन्होंने क्रीम कलर की ब्रा पहन रखी थी. जो उनके ऊपर बहुत खूबसूरत लग रही थी. फिर मैंने उनकी ब्रा को उतार के एक दूध को पीने लगा. अब आंटी मेरा सर अपने दूध में दबा रही थी और मैं बदल – बदल कर उनके दूध को पीता और काटता रहा. इससे आंटी के मुंह से ‘आआआ हहहहहह ऊऊऊऊऊ ज्ज्ज्ज्ज’ जैसी आवाज निकाल रही थी.
फिर मैंने उनकी साड़ी भी उतार दी. ब्लैक रंग पैंटी के पीछे उनकी हसीन चूत थी. जिसके लिए मैं तड़प रहा था. फिर उनकी पैंटी को उनके बदन से अलग कर के मैं उनकी चूत चाटने लगा. अब आंटी ‘ऊऊऊ हहहहह हाहाहाहा’ की आवाज कर रही थी.
मेरी जीभ आंटी की चूत में जितनी जा सकती थी, उतनी अंदर करके मैं उनको मजा दे रहा था. तभी आंटी बोलीं, “मोनू ये क्या कर दिया तूने? आज तक मेरे पति भी ऐसा मजा नहीं दे पाए.” अब मैं और जोर से आंटी की चूत चाटने लगा.
अब आंटी बर्दाश्त नहीं कर पाई और आंटी ने पूरा पानी मेरे मुँह पर गिरा दिया. इस काम क्रिया में मैं और आंटी थक गए थे. फिर थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं आंटी के ऊपर आकार उनको चोदने की तैयारी करने लगा.
तभी आंटी ने कहा, “मोनू, तेरा पहली बार है, फिर भी जैसे मुझे झड़ा दिया उससे लगता है कि तुझे बहुत अनुभव है. अब लंड को चूत के अंदर प्रवेश करा के मेरी अंदर की आग भी शांत कर दे मेरे राजा.” तो मैंने कहा, “आंटी, आज तो मैं तेरी चूत का भुर्ता बनाऊँगा, आज तुझे मालूम होगी कि चुदाई क्या होती है?”
इतना कह कर मैं चूत में लंड डालने लगा. मगर साला लंड अंदर जा ही नहीं रहा था और आंटी हँस रही थी. फिर आंटी ने कहा, “मेरे बुद्धू बालम, पहले तेरे लंड पर क्रीम लगा, फिर अंदर डालेगा तो जायेगा.”
अब मैंने अच्छी तरह से अपने लंड पर क्रीम लगाई और आंटी ने लंड को हाथ से पकड़ के चूत के मुँह पर रख दिया और कहा अब धक्के लगा. फिर मैंने एक जोर से धक्का लगाया. जिससे आंटी और मेरी दोनों की चीख निकल गई और मुझे लगा कि जैसे किसी ने जलता हुआ कोयला मेरे लन्ड पर रख दिया हो. मेरे मुंह से ‘आआआ’ की आवाज निकल रही थी.
जिस पर आंटी ने कहा, “मोनू, पहली बार में हर किसी को थोड़ा दर्द होता है, लेकिन फिर मजा ही मजा है.” फिर आंटी ने कहा, “अब धीरे – धीरे लंड को आगे – पीछे करो.” अब मैं आंटी की बात मानते हुए चूत में लंड आगे – पीछे करने लगा और आंटी ‘हहह ससस ऊऊ, मोनू और अंदर बेटा और अंदर’ करती रहीं.
चुदाई करते हुए मैं आंटी के दूध जोर से दबा देता. जिससे आंटी मस्ती की दुनिया में चली जातीं और हल्की सी आह भरतीं. फिर आंटी ने कहा, “मोनू और तेज कर और तेज.” इतना बोल कर वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून चुभने लगी.
तभी मुझे अपने लंड पर कुछ गर्म और गीला सा अहसास हुआ तो मैं समझ गया कि आंटी झड़ चुकी हैं. अब मैं गाड़ी की तरह तेज धक्के लगाने लगा और आंटी मुझे किस करते हुए कह रही थी, “आज मोनू तेरे साथ जो मजा आया है वो सबसे हसीन पल है मेरे लिए, आज तूने मुझे चुदाई का असली पाठ समझाया है.”
अब मैंने आंटी को कसकर पकड़ लिया और तेजी से धक्के लगाने लगा. इतने में मेरे अंदर हलचल हुई और मैंने आंटी की चूत में ही पानी निकाल दिया और उनके ऊपर लेट गया. थोड़ी देर बाद मैं उठा और कपड़े पहन कर घर आ गया.
इसके बाद तो जब तक आंटी हमारी कालोनी में रही, तब तक मैंने उनकी चूत का खूब बैंड बजाया. दोस्तों मेरी स्टोरी आप सबको कैसी लगी? मुझे मेल करके अपने विचार जरूर बताएं. मेरी मेल आईडी