अच्छा, चल चूस दे..

अच्छा, चल चूस दे.. कुछ साल पहले की बात है, मैं दिल्ली में बस से महिपालपुर से कनाट प्लेस जा रहा था, समय लगभग शाम के सात बजे रहा होगा, सर्दी होने की वजह से अँधेरा जल्दी हो गया था। धौला कुआँ में मेरे बगल एक लड़का आकर बैठ गया- लगभग 25 साल का रहा … Read more

कुंवारी भोली–7

कुंवारी भोली–7 शगन कुमार रात को मुझे नींद नहीं आ रही थी। हरदम नितेश या भोंपू के चेहरे और उनके साथ बिताये पल याद आ रहे थे। मेरे जीवन में एक बड़ा बदलाव आ गया था। अब मुझे अपने बदन की ज़रूरतों का अहसास हो गया था। जहाँ पहले मैं काम से थक कर रात … Read more

खुली आँखों का सपना-2

खुली आँखों का सपना-2 खुली आँखों का सपना-1 पहले भाग में मैंने अपने स्कूल टाइम की बात बताई थी कि कैसे मैंने आशा मिस को चोदा था. उसके बाद भी कई बार उनको चोदा, लेकिन कविता मिस को एक बार भी कुछ नहीं कर पाया. स्कूल से निकलने के बाद भी कविता से बात नहीं … Read more

मेरा पहला साण्ड

मेरा पहला साण्ड मेरा नाम जूही परमार है, मैं मुरैना की रहने वाली हूँ, पढ़ने में होशियार और होनहार लड़की हूँ। मैं एक छोटे से कस्बे से ताल्लुक रखती हूँ इसलिए एक बड़े शहर इंदौर में पढ़ने आई हूँ। इस शहर में मेरा कोई जान-पहचान वाला नहीं है तो मेरे पापा ने मुझे हॉस्टल में … Read more

कुंवारी भोली–6

कुंवारी भोली–6 शगन कुमार मैं खाना गरम करने में लग गई। भोंपू के साथ बिताये पल मेरे दिमाग में घूम रहे थे। खाना खाने के बाद शीलू और गुंटू अपने स्कूल का काम करने में लग गए। भोंपू ने रात के खाने का बंदोबस्त कर ही दिया था सो वह कल आने का वादा करके … Read more

लड़के या खिलौने

लड़के या खिलौने लेखिका : शालिनी जब से हमारे पुराने प्रबंधक कुट्टी सर नौकरी छोड़ कर गए थे, नए प्रबंधक के साथ बैठकों में और काम में कार्यालय के सब लोग व्यस्त थे। रोज़ का एक जैसा ही कार्यक्रम बन गया था कार्यालय से थक कर घर आ कर खाना खाना और सो जाना। कोई … Read more

परोपकारी बीवी-3

परोपकारी बीवी-3 जवाहर जैन मुझे लगा कि स्नेहा अब गम्भीर हो गई है, तो मैंने उसकी दोनो बाजूओं को पकड़ा और सामने बैठक में ही सोफे पर बैठाया और बोला- मेरी प्यारी स्नेहा कितनी भोली है। अरे सिर्फ़ आज एक रात की ही तो बात हैं कल से फिर हम दोनो ही होंगे तुम मुझसे … Read more

कुंवारी भोली–5

कुंवारी भोली–5 शगन कुमार शायद उसे इसी की प्रतीक्षा थी… उसने धीरे धीरे सुपारे का दबाव बढ़ाना शुरू किया… उसकी आँखें बंद थीं जिस कारण सुपारा अपने निशाने से चूक रहा था और योनि-रस के कारण फिसल रहा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था मुझे डर ज़्यादा लग रहा है या काम-वासना ज़्यादा हो … Read more

ऑनलाइन चेटिंग में मिली

ऑनलाइन चेटिंग में मिली प्रेषक : हेमन्त जैन हेलो दोस्तो, आज मैं आप सबके सामने अपनी पहली सेक्स कहानी लिख रहा हूँ, कृपया मुझे प्रोत्साहन दें ताकि मैं और भी मज़ेदार कहानियाँ आपके सामने रखने की हिम्मत कर सकूँ। मैं इंजिनियर हूँ और जॉब कर रहा हूँ। बात है उस समय की जब मैं बारहवीं … Read more

तेरी याद साथ है-21

तेरी याद साथ है-21 प्रेषक : सोनू चौधरी मैंने बिना वक़्त गवाए अपने लंड को बाहर खींच कर फिर से एक धक्का मार कर अन्दर ठेल दिया। फच्च …एक आवाज़ आई और मेरा लंड वापस उसकी चूत की गहराइयों में चला गया और प्रिया के मुँह से फिर से एक सिसकारी निकली। मैंने बिना रुके … Read more

तेरी याद साथ है-19

तेरी याद साथ है-19 प्रेषक : सोनू चौधरी “प्लीज जान…अपने हाथ ऊपर करो और मैं जो करने जा रहा हूँ उसका मज़ा लो…” मैंने उसे समझाते हुए कहा। “हाय राम…पता नहीं तुम क्या क्या करोगे…मुझसे रहा नहीं जा रहा है…” प्रिया ने अपनी हालत मुझे व्यक्त करते हुए कहा और फिर अपने हाथों को ऊपर … Read more

सभी को मौका मिलता है

सभी को मौका मिलता है प्रेषक : रौनक मकवाना मेरा नाम रौनक है, मैं मुंबई का रहने वाला हूँ। यह कहानी मेरे सपनों और मेरी हकीकत की हैं। आशा करता हूँ आप सभी पाठकों को मेरी कहानी पसंद आए। मैं स्कूल तक तो बहुत ही भोला और पढ़ाकू किस्म का लड़का था, पर कॉलेज में … Read more

काशीरा-लैला -5

काशीरा-लैला -5 चुम्मा तोड़ कर मैंने पूछा “कैसी लगी मेरी गांड चचाजी? आप को सुख दिया या नहीं इसने?” “तू तो मेरा जानेमन है, इमरान, मेरा प्यारा है… मां कसम… क्या लुत्फ़ आया तेरी गांड मारने में… मैं निहाल हो गया मेरे बच्चे !” चचाजी जोर जोर से सांस लेते हुए बोले। मेरा लंड भी … Read more

प्रिया के साथ कसरत

प्रिया के साथ कसरत मैं 20 साल का 6 फ़ुट कद, रंग गेंहुआ, प्रणय हूँ। मैं रायपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, द्वितीय वर्ष तक पहुँचते पहुँचते मैंने 5 से ज्यादा कमरे बदल लिए थे पर ढंग का कमरा नहीं मिल पा रहा था, तब जाकर मुझे एक ढंग का कमरा मिला। वैसे … Read more

कुंवारी भोली–10

कुंवारी भोली–10 शगन कुमार मुझे भोंपू के मुरझाये और तन्नाये… दोनों दशा के लंड अच्छे लगने लगे थे। मुरझाये पर दुलार आता था और तन्नाये से तन-मन में हूक सी उठती थी। मुरझाये लिंग में जान डालने का मज़ा आता था तो तन्नाये लंड की जान निकालने का मौक़ा मिलता था। मुझे उसके मर्दाने दूध … Read more