पापा के तीन दोस्तों की रांड बनी

हैल्लो दोस्तों, में नाम तनु है और मेरी उम्र 21 साल है, मेरा फिगर साईज 34-28-34 है। रंग गोरा और में लंड और गालियों की भूखी लड़की हूँ, मुझे जब लंड मिलता है तो में पागल कुत्तिया की तरह हो जाती हूँ, में कपड़ो में बहुत शरीफ बच्ची हूँ, लेकिन दोस्तों में मेरे कपड़े उतरते ही बिल्कुल रंडी हो जाती हूँ। जिसको जितना तड़पाओ उतना ही मज़ा आता है, जितनी सख्ती करो उतना ही मज़ा देती है। एक बार मेरे पापा के पुराने दोस्त अमेरिका से आए हुए थे, प्रणव और दानिश, जो पहले पापा के साथ ही पढ़ते थे और बाद में बिजनेस के लिए अमेरिका चले गये थे। अब वो इंडिया घूमने आए थे तो उनके साथ उनका एक अमेरिकी दोस्त विश्वा भी था। मेरे मम्मी पापा ऑफिस चले जाते थे। अब मेरी छुट्टियाँ थी तो वो ज़्यादा वक़्त मेरे साथ ही गुजारते थे। वो मुझे गंदे जोक्स सुनाते थे, प्रणव ज़्यादा ही खुला हुआ था। फिर दिन मैंने पूछा कि वहाँ की जिंदगी कैसी है? तो तब प्रणव बोला कि तुम्हारी जितनी लड़कियाँ तो माँ बन जाती है और फिर वो बोला कि तनु तुमने कभी सेक्स का मज़ा लिया है? तो तब में बोली कि नहीं। तो तब वो बोला कि अच्छा वहाँ तो लड़कियाँ 19 साल की उम्र में ही चुदाई करवा लेती है।

अब में उनके मुँह से चुदाई शब्द सुनकर बहुत खुश हुई थी। फिर में बोली कि अंकल कैसी बातें करते हो? तो तब इतने में दानिश और विश्वा भी आ गये। फिर प्रणव ने अलग जाकर उनको कुछ समझाया। तो तब वो मेरे पास आकर बोले कि हम थोड़ी देर में घूमकर आते है और प्रणव अंकल वहीं रुक गये। अब घर में हम दोनों थे। फिर में बोली कि अंकल मेरी फ्रेंड तो बताती है कि सेक्स में लड़की को बहुत दर्द होता है। तब अंकल बोले कि वो अनाड़ी होते है बाकी थोड़े दर्द के बाद मज़ा ही मज़ा है। अब अंकल मेरे पास बैठकर मेरे गाल सहला रहे थे। तभी उनका एक हाथ मेरे बूब्स पर आ गया और में चुपचाप बैठी रही।

फिर वो मेरी आँखो में देखकर मुस्कराए और हल्का सा मेरी चूची को दबा दिया। तब मेरे मुँह से आह, हाई माँ निकला। फिर जब उन्होंने देखा कि में कुछ नहीं बोल रही हूँ तो तब अंकल मेरे पास आकर बैठ गये। अब मुझे पता चल गया था कि आज मेरी चूत को खुराक मिलने वाली है। फिर में बोली कि अंकल मेरी सहेली बताती है कि उसका बॉयफ्रेंड उसे बहुत गालियाँ देकर सेक्स करता है। तब वो बोले कि हाँ सेक्स में अच्छा होता है। अब उनका हाथ मेरी चूचीयों को दबा रहा था। अब धीरे-धीरे मेरे सारे कपड़े जमीन पर थे। अब वो मेरे लिप्स चूस रहे थे। अब में झूठ मूठ का विरोध कर रही थी। अब में बोल रही थी अंकल छोड़ दो, कोई आ जाएगा, प्लीज मत करो।

फिर तभी इतने में फोन की घंटी बजी, तो तब अंकल मुझे जकड़े हुए ही मेरे लिप्स चूसते हुए फोन तक ले गये, वो पापा का फोन था। फिर पापा बोले कि क्या कर कर रहे हो? अब उन्होंने लाउडस्पीकर ऑन कर दिया था।

पापा : क्या कर रहे हो?

अंकल : कुछ नहीं बस आम चूसने की तैयारी है। (मेरी चूचीयों पर हाथ फैरते हुए बोले)

पापा : यार मुझे और तेरी भाभी को तो पार्टी में जाना पड़ेगा, हम सुबह तक ही आ पाएगें, तुम तनु का ख्याल रखना।

अंकल : आराम से जाओ यार, इतने दिन हो गये आए हुए कोई लौंडिया नहीं मिली, कोई जवान कली से खेलने का मन कर रहा है, अब में मुस्करा रही थी।

पापा : तुम्हारी आदत गयी नहीं क्या, अभी तक जवान लड़की से मज़े लेने की? अब तो सुधर जाओ यार।

अंकल : यार तुम तो पार्टी में मज़े लोगे, हम यहाँ क्या करें? किसी लड़की को भेज दो यार।

पापा : देखना कहीं तुम तीनों तनु को ही ना रगड़ देना। (अब में पापा के मुँह से मेरे बारे में सुनकर हैरान हो गयी थी) उसका ख्याल रखना।

अंकल : यार पूरी तरह से ख्याल रखूँगा, लो बात कर लो।

में : हाँ पापा।

पापा : बेटा अंकल की बात मानना और जो माँगे वो दे देना, में रात को नहीं आऊँगा ओके बाए।

में : बाए पापा।

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फिर फोन रखते ही अंकल मुझ पर टूट पड़े और मेरी चूचीयों को कस-कसकर रगड़ने लगे थे। तो तब में बोली कि अंकल ये क्या कर रहे हो? तो तब वो अपना लंड अपनी पैंट में से निकालते हुए बोले कि करना क्या है मेरी बुलबुल? अब उनका लंड खड़ा था और फिर वो बोले कि मेरी जान इससे मिल, अब ये करेगा और मेरा हाथ अपने मोटे से लंड पर रख दिया। अब मेरा हाथ लगते ही वो उछलने लगा था। अब में भी मस्ती के मूड में आ गयी थी और फिर में बोली कि अंकल ये बहुत उछल रहा है। तब अंकल बोले कि ये तेरी जैसे बुलबुल देखकर खुशी के मारे उछल पड़ता है। तब में बोली कि अंकल लेकिन ये दर्द बहुत देता है। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।

फिर उन्होने मुझे ज़्यादा ना बोलते हुए सोफे पर लेटाया और 3-4 किस मेरी चूत पर करके अपना लंड मेरी चूत पर लगा दिया और में ना-ना करती रही, लेकिन उन्होंने मेरी चूची पकड़कर एक झटका मारा, जिससे उनका आधा लंड मेरी चूत में घुस गया था। तभी मेरी चूत में जोरदार जलन हुई आह माँ में मरी, हाईई। तब अंकल बोले कि साली माँ को याद करती है, तेरी रंडी माँ तो खुद कहीं चुद रही होगी, साली ये लंड तेरी माँ ने भी अपनी चूत में लिया है, देख ले माँ बेटी दोनों इस लंड के नीचे आ गयी और यह कहते हुए अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में सरका दिया। अब में दर्द से चीखे जा रही थी, लेकिन अंकल कोई तरस खाने के मूड में नहीं थे और बोले जा रहे थे साली दोनों माँ बेटी टाईट है। फिर कुछ देर के बाद में नॉर्मल हुई, तब मैंने पूछा कि अंकल तुमने मम्मी को कब चोदा है? तो तब वो बोले कि अकेले मैंने ही नहीं, हम तीनों ने ही उस रंडी को चोदा है। अब वो आगे कुछ बोलते इतने में ही दानिश अंकल और विश्वा अंकल अंदर आ गये। अब में डर और शर्म से सब भूल गयी थी।

फिर वो दोनों मेरे पास आए और मेरी चूचीयों पर अपने हाथ फैरते हुए बोले कि मान गये प्रणव, बेटी तो माँ से भी बढ़कर लगती है। फिर तभी विश्वा अंकल बोले कि देखो कितनी प्यारी है? और मेरा निप्पल ज़ोर से मसल दिया, तो तब मेरे मुँह से आआ निकला। फिर उन दोनों ने भी अपने कपड़े उतार दिए। प्रणव अंकल का लंड मोटा ज़्यादा था, विश्वा अंकल का लंड एकदम गोरा लाल टोपा बिल्कुल मशरूम की तरह देखकर मेरे मुँह में पानी आ गया था। अब विश्वा और दानिश मेरे अगल बगल में बैठ गये थे और मेरे हाथों में अपना लंड पकड़ा दिया और फिर उन दोनों ने मेरी एक-एक चूची को अपने मुँह में ले लिया। अब वो दोनों बुरी तरह से मेरी चूची चूस रहे थे और में श-श अंकल प्लीज कर रही थी। अब प्रणव अंकल मेरी चूत में धकाधक लगे हुए थे। अब मेरा पानी निकलने वाला था। अब में मस्ती में चूर थी आआहह अंकल, फुक मी हार्ड, आह, आई एम कमिंग और फिर मेरा ज़ोर से पानी निकला।

अब प्रणव अंकल लगे हुए थे। अब में निढाल सी हो गयी थी। तभी दानिश अंकल मेरे लिप्स को बुरी तरह से चूसते हुए बोले कि हरामजादी बिल्कुल अपनी माँ की तरह गर्म है। फिर प्रणव अंकल ने अपना लंड निकाला और मुझे नीचे अपने घुटनों पर करके मेरा सिर विश्वा की गोदी में टिका दिया। अब उनका लंड मेरे गालों पर रगड़ खा रहा था। फिर प्रणव अंकल ने पीछे से मेरी चूत पर अपना लंड टिकाकर एक ज़ोर से धक्का मारा, तो तब मेरे मुँह आह, हाईईईईइ माँ निकल गया। अब उनका लंड पूरा मेरी चूत में था। अब विश्वा अंकल मेरा सिर पकड़कर अपना लंड मेरे मुँह में देने लगे थे। तभी में बोली कि अंकल मुँह में नहीं। तब प्रणव अंकल धक्के मारते हुए बोले कि आज तू किसी बात के लिए मना नहीं कर सकती, आज तो सारी रात तुझे कुत्तिया की तरह चोदना है, ले-ले तेरी माँ बड़े शौक से चूसती है। तब विश्वा अंकल बोले कि माँ बेटी एक जैसी ही रंडी है, वो भी लंड चूसने में पहले ना-ना करती है। फिर मैंने अपने मुँह में उनका लंड भर लिया। अब दानिश का लंड मेरे हाथ में था और वो मेरी चूचीयाँ दबा रहा था। अब जब पीछे से चूत पर धक्का पड़ता तो लंड पूरा मेरे गले तक घुस जाता था। अब वो तीनों मुझे मेरी माँ का नाम ले लेकर चोद रहे थे। अब प्रणव अंकल की स्पीड बढ़ गयी थी। अब में समझ गयी थी वो झड़ने वाले है ऑश बेबी गुड, आई एम कमिंग और फिर उन्होंने अपना लंड अंदर तक मेरी चूत में दबा दिया। अब गर्म-गर्म वीर्य की गर्मी पाकर में भी झड़ चुकी थी। फिर दानिश अंकल ने एकदम से मेरी बगलों में अपना हाथ डाला और मेरा मुँह अपने लंड के पास ले आया। फिर विश्वा अंकल ने प्रणव अंकल की सीट ले ली। अब मेरे घुटने जमीन पर थे और मेरे हाथ दानिश अंकल की पीठ पर थे। अब पीछे से विश्वा अंकल और आगे से दानिश अंकल लगे हुए थे। अब मेरी चूत के गीली होने के कारण पच-पच की आवाज़े आ रही थी।

फिर 10 मिनट के बाद दानिश अंकल भी झड़ गये। अब उनका सारा वीर्य मेरे मुँह पर बिखरा पड़ा था। अब विश्वा अंकल लगातार धक्के मार रहे थे। अब में संतुष्टि में चीख रही थी ओह एस, फुक मी अंकल, ओह माई गॉड, अंकल फुक मी और फिर थोड़ी देर के बाद में एकदम से बुरी तरह से झड़ी। फिर थोड़ी देर के बाद अंकल ने अपना लंड बाहर निकाला और मेरे मुँह में दे दिया। अब मुझे वीर्य और मेरी चूत के पानी का स्वाद आ रहा था। फिर 2-4 धक्के मुँह में मारने के बाद वो भी झड़ गये। अब हम चारों जमीन पर नंगे पड़े गहरी-गहरी साँसे ले रहे थे ।।