रागिनी का चुदाई राग

मैने उसे अपनी बाहों मे उठाया और बेड पे ले जाकर लिटा दिया. लेकिन ये क्या उन्होंने मुझे जोर से पकड़ लिया और बेतहाशा चूमने लगीं. उनकी ये हरकत अप्रत्याशित थी लेकिन उनके चूमने का असर मेरे ऊपर काफी त्वरित गति से हुआ. मैं भी उन्हें पागलों की तारह चूमने लगा. एक झटके में मैंने उनकी नाइटी उतार फेंकी और उनके बूब्स को दबाने लगा.

हेलो दोस्तों! मेरा नाम शुभम है और मैं हरियाणा का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 23 वर्ष है ओैर हाइट 5’11” ।अब मैं सीधे कहानी पे आता हूँ. ये घटना आज से 3महीने पहले की है. जब मैने एक नया फ्लैट खरीदा था. मेरा फ्लैट तीसरी मंजिल पे है. मेरे पड़ोस मे ही रागिनी नाम की एक औरत रहती थी. जब मैने रागिनी को पहली बार देखा तो देखता ही रह गया.

सच बताऊँ!! तो क्या कयामत ढा रही थी? मुझे लगा की नवविवाहिता होगी. पर बाद मे पता चला की उसकी शादी को 6 साल हो गये हैं. जब मैने पहली बार उसके पति को देखा तो, मैं समझा की वो उसका ससुर है क्योंकि उनकी उम्र 45 साल थी जबकि रागिनी भाभी 27 साल की थी. रागिनी का फिगर काफी अच्छा था.

गर्मियो में एक दिन जब मैं टैरिस पे सो रा था तो मैने देखा की रागिनी भी ऊपर सोने को आई थी. मैने उसे अपना परिचय दिया. और फिर तो रोज सोने के समय हमारी मिलाकात टैरिस पे होने लगी. एक दिन मैं शॉर्ट्स मे सो रहा था तो रात को मुझे पेशाब लगी. मैंने देखा की टैरिस पे ही एक कोने में पानी नीचे जाने के लिए पाइप लगी थी और उसकी जाली छत पे ही थी. मैं आलस के कारण नीचे न जाकर वहीँ मूतने लगा. मूतने के बाद भी लंड खड़ा ही था. तो मैंने सोचा कि कोई देख तो रहा नहीं है और वहीँ हस्तमैथुन करने लगा.
जब खुद को शांत करके सोने के लिए जाने लगा तो मुझे एहसास हुआ की शायद रागिनी भाभी ने मुझे ऐसा करते देख लिया था. अगले दिन रागिनी की आखों मे मैने एक अलग सी चमक देखी. मैं उनके घर किसी न किसी बहाने जाने लगा. बातों का सिलसिला चल निकला था. हम इधर उधर की बातों के अलावा कभी कभार हलके फुल्के नॉन वेज जोक्स भी शेयर कर लेते.

फिर पता चला कि उनकी शादी किसी मजबूरी में 6 वर्ष पहले कर दी गयी थी.

मैंने पूछा- भाभी आपकी कोई औलाद नहीं हुयी?

उसका चेहरा उदास हो गया, मैने उससे इस बात की माफी भी माँगी.

पर उसने कहा – कोई बात नहीं.

अब तक वो मुझसे काफी खुल चुकी थीं तो उन्होंने बिना संकोच के कहा- उनका लिंग काफी छोटा है और उम्र ज्यादा होने के कारण ज्यादा देर तक वो सेक्स भी नहीं कर पाते.

मैं थोड़ा चौंक गया उनके मुंह से ये सब बातें सुनकर. मुझे लगा की ये सब बातें वो मुझे क्यों बता रही हैं? खैर, साथ ही साथ मुझे एक आंतरिक ख़ुशी भी मिल रही थी. ऐसा लग रहा था मानो किस्मत का दरवाजा खुल रहा हो. रागिनी के पति सुबह 8 बजे काम पे निकलते और देर रात 11 बजे तक वापस घर आते.

अगले दिन अपने पति के काम पे जाने के बाद उन्होंने मुझे चाय पे बुलाया. उनके घर जाने पे मैंने देखा की उन्होंने अभी नाइटी पहनी हुयी थी. ऊपर से देखकर ऐसा लग रहा था कि उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी हुयी है. उनके बूब्स का उभार साफ़ दिखायी पड़ रहा था. उन्होने कुछ ज्यादा ही झुक कर मुझे छे दी. लगा मानो वो अपने बूब्स दिखाने के लिए ऐसा कर रही हों. चाय देकर वो किचन में चली गयीं.

थोड़ी देर बाद मुझे किचेन से कुछ गिरने की आवाज आई. मैं दौड़ कर वहां पहुंचा तो देखा, रागिनी गिरी हुयी है. मैंने उन्हें उठाने की कोशिश की पर वो दर्द से रो रहीं थी. मैंने पूछा – डॉक्टर को बुला दूं?

उन्होंने कहा- पहले मुझे बेडरूम तक छोड़ दो.

मैने उसे अपनी बाहों मे उठाया और बेड पे ले जाकर लिटा दिया. लेकिन ये क्या उन्होंने मुझे जोर से पकड़ लिया और बेतहाशा चूमने लगीं. उनकी ये हरकत अप्रत्याशित थी लेकिन उनके चूमने का असर मेरे ऊपर काफी त्वरित गति से हुआ. मैं भी उन्हें पागलों की तारह चूमने लगा. एक झटके में मैंने उनकी नाइटी उतार फेंकी और उनके बूब्स को दबाने लगा.

अब तक वो काफी गर्म हो चुकी थीं. फिर मैंने उनके जिस्म पे बचे आखिरी कपड़े, उनकी पैंटी को भी उतार दिया. ऐसा लग रहा था की महीनों से उन्होंने महीनों से अपनी झांटों की सफाई नहीं की है. मैं बाथरूम मे गया और रेज़र ले आया और उसकी मखमली चूत के बालों को सॉफ करने लगा. चिकनी होने के बाद उनकी चूत बिलकुल जन्नत का द्वार लग रही थी. लेकिन इसके पहले कि मैं कुछ करता, रागिनी ने भी रेजर हाथ में लिया और मेरे भी झांटों की सफाई करने लगी.

मेरी झांट सफाई करने के बाद उसने कहा- इतना सुन्दर लंड मैंने कभी नहीं देखा.

वो उठी और किचन से शहद ले आई. अपनी चूत और मेरे लंड पे शहद लगाने के बाद हम 69 की अवस्था में आ गए. अब तो जम कर मुखमैथुन शुरू हुआ. मुझे उसकी चिकनी चूत और उसे मेरा चिकना लंड चूसने में काफी माजा आ रहा था. जब भी मैं उसकी चूत में अपनी जीभ डालता तो वो पागल हो जाती. अब उसकी चूत सिकुड़ने लगी और वो मेरे मुँह में ही झड़ गयी. और मैंने भी अपना वीर्य उसके मुँह में झाड़ दिया.

कुछ देर बाद उसने फिर से मेरा लंड चूसना शुरू किया. जल्द ही फिर से मेरा लंड अपने पूरे आकार में आ गया. मैंने उसे अपनी गोद में उठा लिया और ले जाकर डाइनिंग टेबल पे लिटा दिया. एक तकिया लेकर मैंने रागिनी की गांड के नीचे लगा दिया जिससे उसकी चूत उभर कर मेरे सामने आ गयी. पहले अपनी दो उँगलियों को उसकी चूत में डालकर मैंने रास्ता बनाया. अब रागिनी की तड़प भी बढती जा रही थी.

उसने कहा – प्लीज मुझे चोद दो!!!…प्लीज…

मैंने अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पे सेट किया और एक धक्के से अपने सुपाड़े को उसकी छोटी सी चूत में प्रविष्ट करा दिया. लेकिन लंड मोटा होने के कारण उसे तकलीफ होने लगी. मैंने लंड को थोड़ा पीछे किया और फिर तुरंत से एक जोरदार धक्का मारा. वो चिल्लाने लगी. मैंने अपने होठों को उसके होठों से चिपका दिया और उसके बूब्स दबाने लगा. थोड़ी ही देर में वो सामान्य होने लगी तो मैंने फिर एक जोरदार धक्का मारा. वो फिर चिल्लाई. मैं फिर उसकी होंठ चूसने लगा. यही क्रम मैंने कई बार दुहराया. हर बार उसका दर्द कम होकर मजे में परिवर्तित होता गया.

अब वो अपनी गांड उछाल-उछाल कर मेरे सहयोग कर रही थी. कुछ ही देर में वो झड़ गयी. मैंने उसे डौगी स्टाइल में कर लिया और उसकी चूत चोदने लगा. फिर मैंने अपनी एक ऊँगली पे थूक लगाकर उसकी गांड में डाल दिया. वो चीहुंकी लेकिन इससे उसे फिर से अपनी चुदाई में मजा आने लगा. अब मैंने उसकी चूत से लंड निकाल कर उसकी गांड के छेद पे सेट किया. रागिनी समझ गयी की मैं क्या करने वाला हूँ. वो मुझसे छूटने का प्रयास करने लगी. लेकिन मैंने कस कर उसकी कमार पकड़ रखी थी. मैंने एक दमदार धक्के से अपना लंड उसकी गांड में पेल दिया. उसकी चीख उसके हलक में ही रह गयी. काफी कसी हुयी गांड थी. कुछ देर शांत रहकर मैं धीरे धीरे हिलने लगा. शायद उसे ये अच्छा लगा. धीरे धीरे मैं अपने धक्कों की स्पीड बढ़ाता गया. और फिर उसकी गांड में ही झाड़ दिया.

उस दिन मैंने 3 बार रागिनी की चुदाई की. लेकिन फिर तो ये सिलसिला बन गया. अब तो जब भी मौका मिलता है, हम दोनों एक हो लेते हैं.