सेक्सी भाभी ने चुदवाया बिना कंडोम के ही

इंस्टाग्राम पर 28 साल की एक भाभी मुझसे सैट हो गईं. भाभी का नाम संगीता था. वो मुझसे बातें करने लगीं.

उनके पति अक्सर बिज़नेस के सिलसिले में दस दस दिनों तक बाहर रहते थे.
पति का बड़ा व्यापार था लेकिन वो अपने व्यापार की वजह से अपने घर के माल पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे.
वो तो अपने टाइम पास के लिए मेरे ही जैसे किसी की खोज में थीं.

भाभी का एक लड़का था जो अभी 3 साल का था.
वो इतनी अकेली रहती थीं कि उनके पास सिर्फ मुझसे बात करने का ही समय रहता था.
इंस्टाग्राम से बात होते होते हम लोगों में फोन कॉल पर बात होने लगी.

अब पूरे दिन में उनका बहुत बार कॉल आने लगा.
कुछ दिन बाद रात में भी भाभी का कॉल आने लगा.
वो अपने अकेलेपन की वजह से मुझसे बहुत बातें करने लगी थीं.

जब जब उनके पति घर पर रहते, तब भाभी से बहुत कम बात हो पाती थी. उस समय उनकी जरूरत उनका पति पूरी कर देता था.
तब भी भाभी को वो सन्तुष्टि नहीं मिल पा रही थी जो वो मुझमें खोज रही थीं.

वो अक्सर बातों बातों में ये कह देती थीं कि मेरे पति में अब दम नहीं बची है. वो मेरी जरूरत पूरी नहीं कर पाते हैं.

मैंने उनसे भाभी कह कर बात करता था तो एक दिन उन्होंने कहा- तुम मुझे संगीता कहा करो.
मैं अब उनसे भाभी की जगह संगीता कह कर बात करने लगा था.

एक दिन उनके पति कहीं गए थे, तो रात में उन्होंने मुझे वीडियो कॉल लगा दी.
उस वीडियो कॉल में मैंने उनके बिना ब्रा वाले कमाल के मम्मे देखे.

दोस्तो, तीन साल की उम्र में उनका लड़का क्या दूध पिएगा, इसलिए वो कभी भी अपने बेटे को अपना दूध नहीं पिलाती थीं.
उनका बेटा भी अब अपनी मां का दूध पीता ही नहीं था.

परन्तु भाभी को मुझे अपने दूध दिखाने थे तो एक दिन उन्होंने मुझसे वीडियो कॉल ऑन रखी और सामने ही अपने बूब्स निकाल कर बच्चे को पिलाने लगीं.

दूध पिलाते पिलाते भाभी मुझसे बात करने लगीं- मैं तो सारे दिन परेशान रहती हूं, डुग्गू को संभालना, घर का काम, इस सब कुछ मैं पूरी पक जाती हूँ और वो हैं कि दस दस दिन घर नहीं आते हैं, बस वीडियो कॉल करके सन्तुष्ट हो जाते हैं.

मैं समझने लगा था कि भाभी का इशारा क्या है.

भाभी भी अपने निप्पल को अपनी दो उंगलियों में फंसा कर अपने बेटे के मुँह में दे रही थीं और वो बार बार भाभी के निप्पल से अपने मुँह हटा लेता था. जिससे भाभी अपने निप्पल को कैमरे में करके मुझे दिखा रही थीं.

मैं उनके सफेद स्तनों को देखे जा रहा था.

मैंने उसी वक्त कह दिया- संगीता, तुम्हारे देख कर मजा आ गया.
तभी उन्होंने मुझसे कहा- क्या?
मैंने कहा- कुछ नहीं.

उन्होंने कहा- अरे सॉरी सॉरी, मैं जल्दी जल्दी में भूल ही गई कि मैं वीडियो कॉल पर हूँ.
ये कह कर उन्होंने अपने मम्मों पर चादर ओढ़ ली.

मैंने कहा- अरे ये यार तो सब होता रहता है, वैसे भी अब तो जल्द ही बहुत कुछ होने वाला भी है.
इस पर भाभी ने मासूमियत से कहा- क्या मतलब है आपका?
मैंने कहा- कुछ नहीं यार.

उसी समय भाभी रोने लगीं और अपनी दुख भरी कहानी बताने लगीं.
साफ़ दिख रहा था कि उनका ये रोना जानबूझ कर हो रहा था.

मैंने उनसे कहा- अरे बाबू … मेरी जान चुप हो जाओ, मैं हूँ न. अब मैं तुम्हारा ख्याल रखूंगा. तुम्हें जो भी जरूरत हुआ करे, तुम मुझसे कहा करो.
वो कहने लगीं- लव यू मनुज एक तुम ही ऐसे हो, जो मुझे समझते हो. मैं तुम्हें बहुत पसंद करने लगी हूँ. मुझे शादी के बाद भी तुमसे प्यार हो गया क्योंकि तुम मेरी फीलिंग समझते हो. मैं तुम्हारे लिए सब कुछ कर जाऊंगी.

अब तो ऐसा लगने लगा था कि संगीता भाभी मुझसे कुछ ज्यादा उम्मीद लगा कर बैठी थीं.
ये भाभी मॉडर्न थीं और अपना रंडी रोना मेरे सामने जानबूझकर कर रही थीं ताकि वो मुझे अपने साथ सेक्स के लिए राजी कर सकें.

कुछ दिनों में हमारे बीच बात और आगे बढ़ गई.

एक दिन संगीता ने ऐसी फ्रॉकनुमा नाइटी पहनी थी कि वीडियो कॉल पर उनकी गोरी चिकनी चूत, जिस पर वालों का नामोनोशान तक नहीं था, मुझे दिख गई.

उस दिन भाभी ने अपनी ब्रा पैंटी नहीं पहनी थी तो मुझे उनके गोल गोल रसीले स्तन और उन पर वो काले अंगूर से निप्पल दिखने लगे.
वो कुछ देर बाद अपने हाथों से रगड़ कर दिखाने लगी थीं.

मुझे वीडियो कॉल पर इस सबके दर्शन साफ़ साफ़ होने लगे थे.

मैंने अपना लंड अभी तक उनको नहीं दिखाया था क्योंकि मैंने अपनी झांटों को साफ नहीं किया था.
हालांकि मेरी झांटों के बाल बहुत कम थे, लेकिन फिर भी थे.
मुझे अपने गोरे लंड पर झांटों के बाल वैसे भी सही नहीं लगते हैं.

संगीता भाभी उसी दिन मुझसे अब बार बार कह रही थीं- यार, तुमने तो मेरा सबकुछ देख लिया है, अब तुम अपना हथियार भी मुझे दिखा दो न!
मैंने कह दिया कि अरे यार सामने से देख लेना.

वो बोलीं- सामने ही तो हूँ, दिखाओ न!
मैंने कहा- अरे यार, जब तुम्हारा ज्यादा मन हो तो मुझे घर बुला कर देख लेना, अन्दर ले लेना, जो मन हो सो कर लेना. अभी मैंने अपने छोटे साहब की शेविंग नहीं की है.
इस पर भाभी ने कह दिया- तुम आज ही शाम को आ जाओ.

मैंने कहा- अरे इतनी भी जल्दी क्या है डार्लिंग!
वो कहने लगीं- डुग्गू के पापा तो आज फिर 3 दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं. अब तो शायद उनको खुद मेरे साथ रह कर मजा नहीं आता … और वो साथ रह कर, कर भी क्या सकते हैं. उनके बस का अब कुछ है भी नहीं, दूसरा बेबी उनसे हो नहीं रहा है.

मैंने कहा- मतलब?
वो कहने लगीं- डॉक्टर ने बताया है कि उनके अब स्पर्म में दम नहीं है. इसलिए अब उनसे कुछ नहीं हो पाएगा. हालांकि उनका इलाज चल रहा है.

कुछ देर यूं ही बात करने के बाद भाभी ने शाम को फोन करने का कहा और बातचीत में विराम लग गया.

शाम हुई और उनका कॉल आ गया.
भाभी- कहां हो, घर आओ मुझे तुमसे काम है. हां और आते समय अपने साथ में एक व्हिस्की की बोतल लेते आना.

मैं समझ तो पहले ही गया था कि अब संगीता भाभी चुदने की मूड में हैं, तो चुदाई कर ही देता हूँ.

करीब 8 बजे मैं उनके घर पहुंच गया. उनका डुग्गू सो चुका था.

भाभी के करीब गया तो उन्होंने मुझे किस किया और बैठने को कहा.
दोस्तो आज मैंने अपनी लाइफ की पहली ऐसी हसीन हुस्न की परी देखी थी, जो शादी के इतने सालों बाद भी बिल्कुल कुंआरी लड़की की तरह दिख रही थी.

भाभी 5 फुट 4 इंच की हाइट की थीं. उनकी लम्बी टांगें, कमसिन कमर, कटावदार फिगर और 34 की साइज के स्तन एकदम टाइट लग रहे थे.

भाभी ब्लू कलर की ब्रा ओर पैंटी पहनी थीं जो कि उनकी झीनी सी मैक्सी से साफ़ झलक रही थी.

भाभी को इस तरह से देख कर ही मेरा लंड खड़ा हो गया था.

मैंने भाभी की आंखों में आंखें डालकर वासना भरी आवाज में कहा- डार्लिंग, तुम बहुत हॉट लग रही हो.
वो हंस दीं और दूध हिलाती हुई बोलीं- थैंक्स डियर.

मैंने कहा- क्यों बुलाया है मुझे?
भाभी कहने लगीं- बहुत जरूरी काम है. तुमसे कुछ कहना था.
मैंने कहा- बोलो.

वो कहने लगीं- तुम मुझे खुश देखना चाहते हो न!
मैंने कहा- हां जानेमन, मैं यही चाहता हूँ कि तुम खुश रहो.

भाभी ने मेरे हाथ से दारू का बैग लेते हुए कहा- ठीक है. आओ आज ख़ुशी मनाते हैं.
मैंने कहा- ओके.

फिर हम दोनों ने बैठकर दारू पीना शुरू कर दी.
वो दो पैग पीने के बाद कहने लगीं- मैं बाथरूम होकर आती हूं.
मैंने कहा- ठीक है जाओ.

जल्द ही दो मिनट बाद वो वापस आ गईं.
मैंने देखा तो संगीता के बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था.
वो अपनी ब्रा पैंटी और मैक्सी को बाथरूम में ही निकाल आई थीं.

जब भाभी आ रही थीं तो लग रहा था मानो कोई मॉडल लड़की बिना कपड़ों के आ रही हो.

भाभी की चूत पर झांट के बाल नाम का कुछ नहीं था.
उनका उठा हुआ पिछवाड़ा, खुले बाल, तने दूध. आज मेरे सामने हुस्न की कली नंगी थी.

मैंने एक सिगरेट सुलगाई और उन्हें देखते हुए कश लेने लगा.

भाभी इठलाती हुई मेरे पास आकर मेरी गोद में बैठ गईं.
मैंने भी उनके बाल पकड़ कर उनको किस करना शुरू कर दिया.

डुग्गू तो बेचारा अभी सो रहा था. हम दोनों मजे लेकर किस कर रहे थे.
मैंने सिगरेट बुझा दी और भाभी को अपने सीने की तरफ करके उन्हें अपने लौड़े पर बिठा लिया.
अब मेरे दोनों हाथों में भाभी के दोनों स्तन थे.
मैं एक एक करके भाभी के दोनों चूचों को प्यार करने लगा.

उन्होंने भी मेरे कपड़े उतारने शुरू कर दिए.
मैंने उनके एक निप्पल को मुँह में ले लिया और खींचते हुए काट दिया.

उनकी मदभरी आवाज निकली- आउच यार … काटो मत.
मैंने कहा- बेबी तुम चिल्लाओ मत … डुग्गू उठ जाएगा.

थोड़ी देर तक मैंने संगीता डार्लिंग के बूब्स चूसे और दोनों को चूस चूस कर लाल कर दिया.

अब उन्होंने मेरे लौड़े से उठ कर मुझे खड़ा किया और चड्डी के अलावा मेरे सभी कपड़ों को अलग कर दिया.

चड्डी के अन्दर मेरा लंड भाभी के सामने एकदम कड़क मुद्रा में फूला हुआ रहा था और भाभी लंड को लालच भरी निगाहों से लंड के पहाड़ को देख रही थीं.
भाभी आगे आईं और मेरी चड्डी निकाल दी.

लंड देख कर बोलीं- ओ तेरी … यार तुम्हारा लंड तो शेरों का शेर है. इसके सामने डुग्गू के पापा का लंड तो लुल्ली है.
मैंने कहा- जानेमन इसको चख कर देखो मजा आएगा.

उन्होंने कहा- यार मैं किस करूंगी, चूसूंगी नहीं. मैंने सेक्स वीडियो में देखा तो है, लेकिन मुझे गंदा सा लगता है. ये सब मैंने कभी नहीं किया है.
मैंने कहा- डार्लिंग, एक बार मेरे लिए इतना भी नहीं कर सकती?

मुझे चुदाई में असली मजा लंड को चुसवाने में ही आता है.
वो मुंडी ना में हिला रही थीं.

मैंने कहा- डार्लिंग एक काम करते हैं, अभी नहीं, यदि मन हो तो बाद में चूस लेना.
वो कहने लगीं- हां ये सही रहेगा.

फिर मैंने भाभी के बूब्स पकड़ लिए.
भाभी हाथों में लेकर मेरे लौड़े की जान लेने लगी थीं. वो बार बार मेरे टोपे पर उंगली फेर रही थीं.

अब उनसे सब्र नहीं हो रहा था. भाभी अपनी चूत पर उंगली रगड़ने लगी थीं और कहने लगी थीं- मेरे राजा अब आ जाओ, देर न करो … मैं तड़प रही हूँ.
मैंने भाभी को पकड़ कर पलंग पर लिटा दिया.
अपनी जेब से मैंने कंडोम निकाल कर लंड पर चढ़ाया और संगीता भाभी की चूत पर रख कर लंड को उस पर घिसने लगा.

भाभी ने कंडोम निकाल कर फेंकते हुए कहा- इसकी कोई जरूरत नहीं है. कंडोम सेक्स में मजा नहीं आता. खाल से खाल जब रगड़ती है, तभी मजा आता है. अब तुम मेरी चूत पर लंड पटको.
मैंने हाथ में लौड़ा लेकर चूत को पीटना शुरू कर दिया.

पट पट की आवाज आई तो भाभी अह आह करने लगीं.

मैंने फिर से लंड रगड़ना चालू कर दिया.
उनकी आंखें बंद हो गईं.

थोड़ी देर लंड रगड़ने के बाद मैंने चूत के अन्दर पेलना शुरू कर दिया.
हुस्न की कली मदभरी आवाज निकालने लगी- आह आह धीरे राजा.

मैंने बोला- अरे मेरी जान इतना दर्द?
भाभी कहने लगीं- चार महीने हो गए, ये सब नहीं किया.

मैंने थूक लगाया और लंड चूत में डाल दिया. मेरा आधा लंड गर्म गर्म चूत में घुसता चला गया.

संगीता की आंखें भर आईं और उन्होंने एक जोर की चीख निकाल दी, जिससे डुग्गू जग गया.
संगीता भाभी झुंझला कर बोलीं- इसको भी अभी जागना था.

मैंने उनसे कहा- जिसकी मां चुदने वाली हो, उसको भला कैसे नींद आएगी.
संगीता भाभी हंस कर बोलीं- साले बहुत बड़ा कमीना है तू … रुक जरा.

फिर उन्होंने वैसे ही लेटे हुए ही दूध की बोतल बगल से उठा कर डुग्गू के मुँह में लगा दी.
वो चुप हो गया और अब भाभी की टेंशन खत्म हो गई.

मैंने संगीता भाभी की टांगें ऊपर हवा में उठा दीं और अपने हाथों से पकड़ कर फैला दीं.

मेरे सामने भाभी की लाल फुद्दी थी और उसमें मेरा आधा लंड घुसा हुआ था.
मैंने झुक कर आराम आराम से भाभी को चोदना शुरू कर दिया.

संगीता जानेमन मेरे सीने पर हाथ फेरने लगीं और हल्की हल्की आवाज में ‘आ आ आ ई उ …’ करने लगीं.
कुछ देर बाद मैंने उनकी टांगें नीचे की और अपना पूरा वजन भाभी के ऊपर रख दिया.

मैंने पूरा लंड चूत में डाल दिया और चुदाई करने लगा.
वो अपने हाथों से मुझे ऊपर उठाने लगीं और कराहने लगीं- आअअअ … एईई यार निकालो … मुझे दर्द हो रहा है आह अअह, तुम्हारा बहुत अन्दर तक जा रहा है.

मैंने भाभी के होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में कर लिया और उन्हें हचक कर चोदने लगा.

भाभी मस्ती में ‘ईएम्म्म एम्म उएम्म्म …’ कर रही थीं और चुदाई का मजा ले रही थीं.
तभी उसके पति का कॉल आ गया.

वो मोबाइल की स्क्रीन पर देख कर बोलीं- सुनो, मैं इस चूतिया से बात कर रही हूँ, तुम चुप रहना. मैं जल्दी बात कर लूंगी, तुम ज्यादा तेज झटके मत देना.
मैंने कहा- बेबी, कहीं तुम्हारी चीख निकल गई तो!

वो बोलीं- ऐसा नहीं होगा, तुम तो अपना काम करो. मैं पहले भी ऐसे करवा चुकी हूं. मेरा पति मुझे ऐसे अक्सर चोदता रहता था और मैं अपने मम्मी पापा से बात करती रहती थी. साला जानबूझकर उसी समय तेज तेज चोदने लगता था और मुझे दर्द दिया करता था.

इतने में मोबाइल की घंटी बंद हो गई और भाभी बोलीं- लो, उसने फोन ही काट दिया.
मैंने कहा- उसे भूल जाओ और लंड का मजा लो संगीता डार्लिंग.

अब आज वही होने वाला था, बस फर्क इतना था कि भाभी के ऊपर उनके पति की जगह में चढ़ा था.
मैंने सोच लिया था कि अब दुबारा से फोन आया तो आज मैं घोड़ी बना कर इसकी गांड मारूंगा.

कुछ देर बाद मैंने लंड चूत से बाहर खींच लिया.
मैं उठा और भाभी के मुँह में लंड देने लगा.

मैंने धीमे से कहा- लंड को चिकना करो. उन्होंने लंड चूसने से मना कर दिया लेकिन उसपर थूक कर एक हाथ से मालिश सी करके उसे लिसलिसा कर दिया.

मैं पीछे से भाभी की चूत के छेद पर आया और लंड चूत पर रख कर सैट कर दिया.

तभी फिर से घंटी बजी.
भाभी ने फोन कान में लगाया और बात करने लगीं.

मैंने उनके मुँह के पास हाथ रख दिया और पहले झटके में जोर से पूरा लंड भाभी की चूत के अन्दर कर दिया.

बेचारी भाभी आज एक लापरवाह आशिक के हाथों में थीं.
वो मुँह से चिल्लाने लगीं तो मैंने मुँह दबा दिया.

उनकी चूत पूरी खुल गई थी.
मैंने भाभी की आंखों में आंसू देखे, तो हाथ से पौंछ दिए.

मैंने इशारे से पूछा- क्या हुआ?
भाभी दर्द भरी सूरत से इशारा करके बोलीं- कुछ नहीं.

अब वो बात करने लगीं और मैंने उनके पैर फैला कर उन्हें हचक कर चोदना शुरू कर दिया.
मेरे हर झटके में उनकी आंख बंद हो जाती.
भाभी हाथ के इशारे से बोलतीं कि आराम से करो.

उनकी बातें चलती रहीं और मैं भाभी को चोदता रहा.
उनकी बात खत्म हो गई और फोन कट गया.

करीब दस मिनट की चुदाई के बाद मैंने लंड निकाल कर भाभी के आगे लाकर कहा- अब इसको मुँह में डाल कर चूसो.
वो बोलीं- ठीक है, आज ये स्वाद भी ले लेती हूं.

मैंने मुँह में लंड पेलना शुरू कर दिया.
लंड चुसाई के ये पल बहुत हसीन पल थे. मेरा लंड अभी झड़ा नहीं था बल्कि अब तो भाभी के मुँह से लंड चूस कर मस्त चिकना हो गया था.

तभी मुझे भाभी की गांड मारने की याद आई.
मैंने भाभी से कहा- जान, एक बार फिर से मेरी कुतिया बनो न!

वो बोलीं- ठीक है, तुम कुत्ता बन जाओ, मैं तो तुम्हारी कुतिया हूँ ही.
मैंने भाभी को डॉगी बना कर पोजीशन में ले लिया.

फिर थोड़ा सा तेल लेकर भाभी की चूत और गांड पर लगाया.
उनकी चूत में मैंने तीन चार बार लंड डाला और कहा- भाभी, तुम्हारी गांड बहुत मस्त दिख रही है, इसमें लंड टिका कर देख लूं?

उन्होंने कहा- हां … लेकिन डालना मत.
मैंने ओके कहा और गांड पर लंड रख कर छेद पर फिराने लगा.

मैंने भाभी को बातों में लगाया और लंड पकड़ कर गांड में ठेल दिया.
भाभी बहुत जोर से चिल्लाईं और सिर नीचे रख कर रोने लगीं.
मैं लंड पेल कर रुक गया था.

अब मैंने उनके पैर सीधे किए और उनके ऊपर लेट गया.
वो- आंह निकालो बाहर … मर जाऊंगी … मुझे पानी दो पानी … प्यास लगी है … आंह निकालो बाहर.

मैंने बोतल से पिलाने की कोशिश की तो वो नहीं पी पाईं.
तो मैंने पानी अपने मुँह में लिया और भाभी के मुँह में डाल दिया.

ऐसा मैंने आठ दस बार किया तो भाभी की प्यास भी बुझ गई और भाभी का दर्द भी कम हो गया.
मैं उनको किस करने लगा और गांड मारनी शुरू कर दी.

भाभी- आंह … स्लो स्लो डालो मेरे मालिक … दर्द होता हो.
मैंने उन्हीं की ब्रा उठाई और मुँह में डाल दी. भाभी की अवाज निकलना बंद हो गई.

अब मैंने मर्द की तरह भाभी की चुदाई शुरू कर दी.
वो आंसू बहा रही थीं और मैं जोर जोर से धक्के देने में लगा था.

कुछ देर बाद मेरा पानी निकलने वाला था तो मैंने चूत में लंड डाला और काम पर लग गया.
थोड़ी ही देर में पिचकारी चूत में निकल गई और सीधा करके उनके ऊपर लेट गया.

मैंने अपना गर्म गर्म लार्वा चूत में डाल दिया.

मैं बोला- मैंने चूत में पानी निकाल दिया.
वो बोलीं- अरे यार, ये क्या किया तूने, पागल है क्या यार … पानी बाहर निकाल देता.

वो जल्दी से उठ कर बाथरूम में चली गईं.

भाभी को दस मिनट हो गए थे, वो बाहर नहीं आईं.
तब मैं भी बाथरूम में पहुंच गया.

उधर सीन देख कर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
भाभी अपनी चूत में उंगली डाल कर धो रही थीं.

मैंने लंड हिला कर भाभी से कहा- यार, मेरे इसको भी पानी से धो दो, फिर तुम्हें इसको चूसना है.
मैंने लंड साफ करके उनको पकड़ा दिया.

भाभी लंड को मुँह से चूसने लगीं.
मैं लंड चुसाई से सातवें आसमान पर था.

मैंने कहा- चूत क्यों धो रही थीं. तुम तो कह रही थीं कि तुम्हें दूसरा बेबी चाहिए और तुम्हारा पति अब बच्चा देने में असमर्थ है!
भाभी मेरी बात सुनकर कुछ सोचने लगीं.
शायद उन्हें मेरे लंड से बच्चा लेने की बात जम गई थी.

वो कहने लगीं- ठीक है, मैं तैयार हूँ. अब मुझे चोदो और इस बार तुम अपना पानी फिर से मेरे अन्दर डाल देना. ठीक है.

बाथरूम में शॉवर चालू करके मैंने भाभी को आईने के सामने वाशबेसिन से टिका दिया.
एक पैर ऊपर किया और लंड को हाथ से पकड़ कर पीछे से पेल दिया.

पानी की बूंद बूंद उनके मम्मों पर गिर रहा था.
मैं भाभी की चुदाई का मजा लेते हुए धक्के मार रहा था.

नीचे लंड ओर चूत की लड़ाई का खेल चल रहा था.

मैं भाभी की गर्म सांसों को महसूस करके उन्हें चोदता जा रहा था.
मदहोशी में हम दोनों इतने ज्यादा खो गए थे कि पता नहीं चला कि कब भाभी ने पानी छोड़ दिया.

चूत से पच पच की आवाज आने लगी.

अब भाभी चिल्लाने लगीं.
मुझे उनकी आवाज से और जोश आ रहा था.

मस्त चुदाई के बाद मैंने भाभी की चूत को लंड रस से भर दिया और नहा कर बाहर आ गए.

कुछ देर बाद मैं कपड़े पहन कर अपने घर आ गया.

कुछ दिनों बाद भाभी लगातार एक हफ़्ते तक मेरे घर आईं.
वो आतीं और मेरा लंड खड़ा करवाकर चुदाई करवातीं और अपने घर चली जातीं.
इस सबमें आधा घंटा का समय लगता था.
मुझे पता नहीं था कि वो क्या कर रही थीं.

एक दिन मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि आजकल हसबैंड घर आए हैं, तो मैं ज्यादा समय नहीं दे पाती हूँ. बस यहीं आकर अपनी प्यास बुझा लेती हूँ.

फिर बाद में एक दिन भाभी ने बताया कि अब तुम बाप बन जाओगे, मैं प्रेग्नेंट हो गई हूँ. मेरी कोख में तुम्हारा बच्चा पल रहा है.
एक पल के लिए मुझे डर सा लगा कि ये क्या बवाल हो गया. लेकिन फिर सोचा कि ठीक है.

समय पर भाभी को एक लड़का पैदा हुआ.
इस वजह से मुझे करीब एक साल तक भाभी की चूत चोदने नहीं मिली.

बच्चे के बाद भाभी सेक्स करने रेडी हो गई थीं. उनकी हेल्थ भी रिकवर हो गई थी.

लेकिन अब मुझे काम ज्यादा आ गया था तो मैं जा नहीं पा रहा था.
अब देखो, कब मिलन होता है.

इस बार भाभी कह रही हैं कि उनके मम्मों में दूध भरपूर आ रहा है.
मुझे भाभी के मम्मों का दूध पीने की बड़ी इच्छा है.

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