शर्मनाक घटना के बाद माल लड़की मिली

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मेरा नाम अरमान है, मैं फरीदाबाद का रहने वाला हूं और मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता हूं। मैं बहुत ही सीधे किस्म का लड़का हूं, मैं ज्यादा किसी के साथ बात नहीं करता। मैं अपने ऑफिस में जाता हूं और सीधा ही अपने घर आ जाता हूं, मेरा ज्यादा किसी के साथ संपर्क नहीं रहता। मेरा पहले से ही इस प्रकार का नेचर रहा है इसीलिए मेरे घर वाले भी मुझे हमेशा कहते हैं कि तुम्हें अपने स्वभाव में थोड़ा बदलाव लाना पड़ेगा, नहीं तो तुम्हें आगे चलकर बहुत समस्याएं होगी। मैं कहता हूं कि मेरा स्वभाव ऐसा ही है और मै इसमें बदलाव नहीं कर सकता यदि कोई व्यक्ति मुझसे कभी भी झगड़ा कर लेता है तो मैं उसे कुछ भी नहीं कह सकता। मेरे ऑफिस में भी मेरे बहुत कम दोस्त है और मेरे जीवन में भी मेरे बहुत चुनिंदा दोस्त है। मैं अपने ऑफिस बस से ही जाता हूं, मैं जब भी अपने ऑफिस जाता हूं तो मेरे ऑफिस में मुझे भोंदू कह कर बुलाते हैं।

मेरे साथ कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती हैं कि मुझे लगता है कि शायद मैं उन चीजों को नहीं करता तो ज्यादा अच्छा होता। एक बार मैं अपने ऑफिस से घर की तरफ लौट रहा था तो मेरा पेट खराब हो गया और मैं शौचालय में गया, उस वक्त बहुत ज्यादा भीड़ थी और मुझसे बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। मैं महिला शौचालय में घुस गया और काफी समय तक मैं वहीं बैठा रहा। जब मैं बाहर आया तो सारी लड़कियां मुझे देख रही थी उसके बाद मुझे बहुत शर्म आने लगी लेकिन मेरे पास कोई भी चारा नहीं था। मुझे एक ऑन्टी ने पकड़ लिया और वह बहुत गुस्से वाली थी, उन्होंने मेरे हाथ को बड़े कसकर पकड़ लिया और पूछने लगी क्या तुम्हें तमीज नहीं है, तुम महिला शौचालय में कैसे आ गए, मैंने उन्हें कहा कि मेरा पेट खराब था और पुरुष शौचालय में भीड़ थी मैं कंट्रोल नहीं कर पाया इसलिए मैं महिला सोचालय में आ गया। उन्होंने सबके सामने मुझ पर दो-तीन थप्पड़ भी मार दिए, वहा पर काफी भीड़ जमा हो गई।

मुझे अपने आप पर शर्म आ रही थी परंतु मैं कुछ भी नहीं बोल पाया और अपनी गर्दन नीचे कर के सब सुनता रहा। मुझे बहुत बुरा लग रहा था, मैंने जब लोगों से माफी मांगी तो उसके बाद उन्होंने मुझे छोड़ दिया फिर मैं वहां से अपने घर चला गया। जब मैं अपने घर आया तो मुझे अपनी गलती पर बहुत ही शर्मिंदगी हुई लेकिन शायद उस स्थिति में मैंने जो किया वह गलत नहीं था। मैं अब हमेशा की तरह ही अपने घर से अपने ऑफिस जाता और अपने ऑफिस से सीधे घर आता। मैं अपने ऑफिस के लिए सुबह ही निकल जाता हूं। एक बार जब मैं बस में जा रहा था तो मेरे सामने वाली सीट में एक लड़की बैठी हुई थी और वह मुझे बहुत देर से देखे जा रही थी लेकिन मैंने उससे बात नहीं की और ना ही उसकी तरफ देखने की हिम्मत की। मैं जब भी उसकी तरफ देखता तो मुझे ऐसा प्रतीत होता कि वह मुझे ही देख रही है इसीलिए मैंने उससे पूछ ही लिया कि आप मुझे इतनी देर से क्यों देख रही हैं, वह मुझे कहने लगी कि तुम वही हो जो उस दिन महिला शौचालय में पकड़े गए थे। मैंने उनकी बात का जवाब नहीं दिया, मैं चुप हो गया लेकिन वह मुझसे बार-बार यही सवाल पूछ रही थी और आखिर में मैंने उन्हें कहा कि क्या आपको मेरा मजाक उड़ाने में मजा आ रहा है। वह कहने लगी कि मैं आपका मजाक नहीं बना रही हूं उस दिन आपने ऐसा क्यों किया, मैंने उन्हें सारी बात बताई तो उस लड़की को मुझ पर भरोसा हुआ। मैंने उसे कहा कि आप जिस प्रकार का मुझे समझ रहे हैं मैं उस प्रकार का बिल्कुल भी नहीं हूं। अब वह लड़की भी मुझसे पूछने लगी की आप कौन सी कंपनी में काम करते हैं, मैंने उसे अपनी कंपनी का नाम बताया तो वह कहने लगी कि आप तो बहुत अच्छी कंपनी में जॉब करते हैं। मैंने उससे उसका नाम पूछा, उसका नाम नमिता है। मैंने जब नमीता से पूछा कि क्या आप भी कहीं जॉब करती है, वह कहने लगी हां मैं भी जॉब करती हूं। नमिता को मैंने सब कुछ बता दिया और कहा कि उस दिन मेरी कुछ भी गलती नहीं थी। नमिता अगले स्टॉप पर उतर गई और मुझे कहने लगी ठीक है, फिर कभी आपसे मुलाकात होगी, यह कहते हुए वह चली गई। मैं भी अपने ऑफिस चला गया। मैं अपना काम अच्छे से करता हूं, मैं जब शाम को अपने ऑफिस से लौटा तो मेरी मां कहने लगी कि आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है क्या तुम मेरी मदद कर दोगे, मैंने उन्हें कहा कि हां मैं आपकी मदद कर दूंगा, उन्होंने कहा कि बेटा तुम आज खाना बना दो।

मैंने अपने कपड़े चेंज किए और मैंने खाना बनाना शुरू कर दिया। मुझे खाना बनाना अच्छा लगता है इसलिए मैं कभी-कभार अपनी मां के साथ खाना बना लिया करता हूं लेकिन जब उनकी तबीयत खराब होती है तो उस समय घर का काम मैं ही करता हूं। मैंने खाना बना लिया और उसके बाद मेरे पिताजी जब घर पर आए तो कहने लगे की खाना तुमने बनाया है क्या, मैंने कहा कि हां आज मैंने हीं खाना बनाया क्योंकि मम्मी की तबीयत ठीक नहीं है। मैंने अपने पिताजी से उस दिन पूछा कि आपका काम कैसा चल रहा है, वह कहने लगे कि मेरा काम अच्छा चल रहा है। मेरे पिताजी भी मुझसे पूछने लगे तुम्हारा ऑफिस ठीक चल रहा है मैंने कहा कि हां मेरा ऑफिस भी अच्छा चल रहा है। एक दिन मेरी छुट्टी थी और उस दिन मैं अपने काम के सिलसिले में कहीं बाहर गया हुआ था। जब मैं वापस लौट रहा था तो मुझे नमीता दिखाई दी, नमिता ने मुझसे बात की। मैंने उससे पूछा कि आप कहां से आ रही है, वह कहने लगी कि मैं अपनी सहेली के घर से आ रही हूं। मैं नमिता से कहने लगा कि क्या हम लोग कुछ देर बैठ सकते हैं, वह कहने लगी हां ठीक है हम लोग कहीं बैठ जाते हैं।

वहीं पास में एक छोटा सा रेस्टोरेंट था, हम लोग वहीं पर बैठ गये, मैंने नमिता के साथ काफी देर तक बात की। मैंने उससे उसके बारे में भी पूछा, उसने मुझे अपने बारे में काफी कुछ चीजें बताई, वह मुझे कहने लगी कि कॉलेज में मेरा एक बॉयफ्रेंड था लेकिन अब मेरा उससे ब्रेकअप हो चुका है और मैं अब सिंगल ही हूं। उसने मुझे बताया कि उसके ब्रेकअप के बाद उसे बहुत तकलीफ हुई लेकिन अब वह अपने आप से खुश हैं और अपने काम पर पूरा फोकस कर रही है। नमिता ने मुझ से भी पूछा कि क्या तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है, मैंने उसे कहा कि नहीं मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं है, मैं सिंगल ही हूं और मैं वैसे भी लड़कियों से ज्यादा बात नहीं कर पाता लेकिन ना जाने मैं तुमसे इतनी बात कैसे कर रहा हूं, मुझे खुद ही इस बारे में नहीं पता। नमिता और मेरी बात काफी देर तक हुई, उसने मुझे कहा कि मुझे तुमसे बात कर के बहुत अच्छा लगा और मैं बहुत खुश हुई। उसके कुछ देर बाद हम लोग घर चले गए, घर जाने से पहले मैंने नमिता से उसका नम्बर ले लिया था। अब नमिता का फोन नंबर मेरे पास आ चुका था, कभी कभार मैं नमिता को फोन कर लिया करता था। जब भी मेरा मन होता तो हम दोनों काफी देर तक बात करते हैं और मैं उसे अपनी हर एक बात शेयर करने लगा। मेरे जीवन में कुछ भी छोटी घटनाएं होती तो भी मैं नमिता को बता देता। मुझे नमिता से बात कर के बहुत अच्छा लगने लगा और वह भी मुझसे बहुत अच्छे से बात करती थी, जिससे कि हम दोनों के बीच में कुछ ज्यादा ही नजदीकियां बढ़ने लगी थी। मेरी और नमिता की अच्छे से बात होने लगी थी इसलिए मैं उसकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित होने लगा। मैंने उसे कहा कि क्या आज हम लोग मेरे घर पर मिल सकते हैं वह कहने लगी हां ठीक है मैं तुम्हारे घर पर आ जाऊंगी। जब नमिता मेरे घर पर आई तो हम दोनों ही साथ में बैठे हुए थे मुझे नहीं पता था कि नमिता का बदन इतना ज्यादा खिला हुआ है उसने छोटी सी स्कर्ट पहनी हुई थी और उसकी स्कर्ट में से उसकी मोटे मोटे पैर दिखाई दे रहे थे। मैं उन्हें बड़े ध्यान से देख रहा था मुझे ऐसा लगा कि मुझे उसके पैरों को दबा देना चाहिए मैंने जब उसकी जांघ पर अपना हाथ रखा तो वह मचलने लगी और कहने लगी कि तुम बड़े ही अच्छे से मेरी जांघ को दबा रहे हो तुम अपने हाथ को मेरी योनि के अंदर डाल दो।

मैंने जैसे ही उसकी फ्रॉक को उठाया और उसकी पैंटी में से उसकी योनि के अंदर अपने हाथ को डाला तो वह मचलने लगी कुछ देर बाद में उसकी पैंटी को उतार दिया। जब मैंने उसकी नरम और मुलायम चूत को देखा तो मुझसे बिल्कुल भी नहीं रहा गया मैंने उसकी योनि को काफी देर तक चाटा उसकी चूत से पानी निकलने लगा था और जैसे ही मैंने अपने लंड को नमिता की योनि के अंदर डाला तो वह चिल्लाने लगी। वह कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है मैं उसे बड़ी तेज तेज धक्के मार रहा था और उसे भी मजा आ रहा था वह अपने मुंह से सिसकिंया लेती हुई कहने लगी तुम्हारे साथ सेक्स कर के मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जिस प्रकार से तुम मुझे चोद रहे हो मुझे बहुत अच्छा लग रहा है आधे घंटे तक उसने ऐसी ही रगडा। उसके बाद मैंने उसे अपने ऊपर लेटाया तो वह कहने लगी कि मैं तुम्हारे लंड को अपनी योनि में खुद ही डालूंगी। उसने मेरे लंड को पकड़ते हुए अपनी चूत के अंदर डाल दिया और जैसे ही मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो वह चिल्लाने लगी और कहने लगी कि मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने उसे बड़ी तेजी से चोदना जारी रखा वह मेरा पूरा साथ देने लगी वह अपनी चूतड़ों को हिलाती तो मुझे भी बड़ा अच्छा महसूस होता और उसे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। वह कहने लगी कि मुझे बहुत मजा आ रहा है तुम जिस प्रकार से मुझे झटके दे रहे हो उसकी बड़ी-बड़ी चूतडो पर मैंने अपने हाथ को रखते हुए चोदना शुरू किया। उसके स्तन मेरे मुंह के अंदर थे मैं उसके स्तनों को बड़े अच्छे से चूस रहा था मुझे बहुत अच्छा मजा आ रहा था। मैंने काफी देर तक ऐसे ही उसके स्तनों को चूसा कुछ देर बाद मेरा वीर्य उसकी योनि के अंदर ही गिर गया। जब मेरा माल उसकी योनि में गया तो हम दोनों ही आराम से लेट गए और उसके कुछ देर बाद वह अपने घर चली।