फिर मैंने अपना हाथ धीरे से उसके हाथ के ऊपर रख दिया, लेकिन उसकी तरफ से फिर भी कोई हलचल नहीं हुई. फिर मैंने अपना पैर उसके पैर से टकराया और फिर आख़िर में अपना हाथ धीरे से उसके बूब्स पर रख दिया. मुझे ऐसा करने में थोड़ा डर भी लग रहा था. मुझे लगा रहा था कहीं सोनल जाग न जाये…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम साहिल है और मैं छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव जिले का रहने वाला हूँ. यह जो कहानी मैं आप लोगों को बताने जा रहा हूँ वह मेरे साथ घटी एक तरह से सच्ची घटना है. मेरा बदन अच्छा -खासा लंबा – चौड़ा है. मेरे बदन को देख कर हर लड़की एक बार तो चुदाई ही करना चाहेगी. मेरा लन्ड करीब 6 इंच लंड और 3 इंच मोटा है, जो किसी भी लड़की या औरत को पूरी तरह संतुष्ट कर सकता है.
अब मैं आप लोगों का ज्यादा समय जाया न करते हुए सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. जब मैं 12वीं क्लास में था, उसी दौरान मेरी मामा की लड़की कुछ दिन के लिए मेरे घर घूमने आई थी. उसका नाम सोनल (बदला हुआ नाम) था. उसे देख कर मैं खुश हो गया. क्योंकि मैं उसे लफी समय से पसंद करता था.
सोनल का बदन दूध जैसा सफेद था. उसका साइज यही कोई 36-32-36 का रहा होगा. उसके मम्मे देख कर मेरे मन में बिजली सी दौड़ जाती थी. वह अक्सर टी – शर्ट और शॉर्ट्स पहनती थी. जिसमें से उसकी मुलायम जांघें दिखती रहती थीं. जब वह मेरे सामने होती तो मेरा मन तो उसकी जांघों से नज़र हटाने को नहीं करता था.
एक दिन की बात थी, मैं और सोनल कमरे में बैठकर टीवी देख रहे थे. थोड़ी देर बाद उसने कहा कि उसके सिर में दर्द हो रहा है इसलिए वो सोने जा रही है. फिर वो उठकर चली गई और मैं टीवी देखता रहा.
तभी मेरी मम्मी सोनल को लेकर आईं और मुझसे बोलीं, “आज तुम दोनों एक ही रूम में सो जाओ, क्योंकि दूसरा वाला रूम खाली नहीं है.” तो मैंने अपनी सहमति जताई और फिर थोड़ी देर बाद सोने चला गया. सोनल मेरे ही पलंग पर एक साइड लेट कर सो रही थी. उसने नाईट ड्रेस पहन रखा था और वह शायद गहरी नींद थी. फिर मैंने भी लोअर पहना और उसके बगल में सो गया.
करीब आधे घंटे बाद मुझे महसूस हुआ कि मुझे कोई छू रहा है. जब मैंने पलट कर देखा तो सोनल अपनी साइड से थोड़ा सरक कर मेरे पास आ गई थी और उसका हाथ मेरे शरीर से टच हो रहा था. फिर मैंने उसका हाथ साइड में किया और सो गया. तब मेरे दिमाग़ में ऐसा – वैसा कुछ नहीं आया था. कुछ देर के बाद जब फिर से ऐसा हुआ तो मुझे दाल में कुछ काला लगा.
तब मेरे मन में भी कुछ मस्ती आई. फिर मैंने सोचा कि क्यों न मैं भी उसे छू कर देखूँ. मैंने उसे छुआ लेकिन मेरे ऐसा करने का उस पर कोई असर नहीं हुआ. अब मेरी हिम्मत बढ़ गई.
फिर मैंने अपना हाथ धीरे से उसके हाथ के ऊपर रख दिया, लेकिन उसकी तरफ से फिर भी कोई हलचल नहीं हुई. फिर मैंने अपना पैर उसके पैर से टकराया और फिर आख़िर में अपना हाथ धीरे से उसके बूब्स पर रख दिया. मुझे ऐसा करने में थोड़ा डर भी लग रहा था. मुझे लगा रहा था कहीं सोनल जाग न जाये.
बूब्स पर करने पर भी सोनल ने कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया. तब मेरे अंदर का जोश और हिम्मत बढ़ गयी. मैंने सोचा कि आज तो मेरी किस्मत ही खुल गई. यह सोच कर मैंने धीरे – धीरे उसके बूब्स को दबाना चालू कर दिया.
जैसे ही मैंने बूब्स दबाना तेज किया, उसी समय उसने जोर की अंगड़ाई ली और उसके मुंह से ‘आहह अहह’ की आवाज निकली. तब मैंने देखा कि उसे भी इसमें मज़ा आ रहा है. फिर मैंने हल्के से उसका टॉप ऊपर कर दिया. अभी तक उसने अपनी आँखें नहीं खोली थी. टॉप ऊपर करने से उसके इतने बड़े और शानदार बूब्स मेरी आँखों के सामने आ गए थे.
अब मैंने फिर हिम्मत की और उसके ब्रा को उतरने की कोशिश करने लगा तो उसने खुद ही अपनी पीठ ऊपर कर के मुझे ब्रा उतरने की इज़ाज़त दे दी. अब वो भी थोड़ी गरम हो चुकी थी.
फिर जैसे ही मैंने उसके ब्रा को खोला तो मेरी जन्नत मेरे सामने थी. मैं तुरंत ही उसके बूब्स पर टूट पड़ा. अब उसके मुंह से ‘आहह आहह उउईई’ की आहें निकलने लगीं. जिससे मुझे और मज़ा आने लगा.
फिर मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपने 6 इंच के खड़े लन्ड पर रख कर लन्ड उसे पकड़ा दिया. तब उसकी आँख खुली और तब उसने मुझे देखा. लन्ड देख कर तो मानो जैसे उसे मेरे लंड से प्यार हो गया था. वह मेरे लंड को मुंह में ले कर चूसने लगी. वह मेरे लन्ड को मुंह में लेकर अंदर – बाहर कर रही थी. इससे मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया था.
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए. इसी पोजीशन में हम करीब 10 मिनट तक एक – दूसरे की चूत और लन्ड को चूसते चाटते रहे. अब वो बेहाल हो चुकी थी और अब उससे बिल्कुल भी सहन नहीं हो रहा था तो उसने कहा, “प्लीज़, मुझसे अब और सहन नहीं हो रहा है, अब जल्दी से मेरे अंदर इस मस्त लंड को डाल दो.”
उसकी प्रणय याचना सुनकर मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और एक झटके में आधा लंड अंदर कर दिया. जिससे सोनल को काफी दर्द हुआ और वह दर्द से चिल्ला उठी. उसकी आखों मे आँसू आ गये थे. अब मैं थोड़ी देर रुक गया. थोड़ी देर बाद मैंने दूसरे झटके में अपना पूरा लंड उसके अंदर डाल दिया.
इस बार भी उसे दर्द हुआ लेकिन मैंने उसके दर्द की परवाह नहीं की और फिर धीरे – धीरे अपनी स्पीड बड़ा दी. कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा और वो मज़े मे चिल्लाने लगी, “और ज़ोर से, और ज़ोर से… आज फाड़ दो मेरी इस चूत को… आअहह…आआहह… उउईई.. उउई… उउफ्फ.. फक मी…”
फिर करीब 10 मिनट की चुदाई में वो झड़ गयी. तब मैंने उसे कुतिया बनाया और पीछे से उसकी चूत में लन्ड डालकर चुदाई करने लगा. शॉट मारते – मारते मैं भी झड़ गया और मैंने अपना पूरा वीर्य उसकी गांड के ऊपर निकाल दिया.
उस रात हम ने 3 बार सेक्स किया था और अब हमें जब टाइम मिलता है हम सेक्स जरूर करते हैं.
दोस्तों, आप लोगों को मेरी ये कहानी कैसी लगी? मुझे मेल करके जरूर बताएं