फिर मैंने उनकी कुर्ती में हाथ डाल दिया और चूचों को और जोर से मसलने लगा. अब तक बुआ पूरी तरह गरम हो चुकी थी. फिर उन्होंने मेरा लंड पकडा और मुंह में ले लिया. वो घुटनों पर बैठ के मेरे लंड को पूरा अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी…
हेलो दोस्तों, मेरा नाम उमेश है और मैं पुणे का रहने वाला हूँ. मेरी उमर 17 साल है और हाईट करीब 6 फुट है. चूंकि मैं रोजाना जिम जाता हूँ तो बॉडी भी हेल्दी है. मेरा लंड करीब साढ़े 6 इंच लंबा और 4 इंच मोटा है.
आप लोगों का ज्यादा वक्त न बर्बाद करते हुए अब मैं सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ. ये कहानी मेरी और मेरी बुआ की है. मेरी बुआ का फिगर 36-30-38 है और उनकी उम्र करीब 39 साल है. वो अक्सर मेरे घर आया करती थीं. मेरी उन पर कभी गंदी नजर नहीं थी, लेकिन एक बार जब मेरी गर्मी की मेरी छुट्टियां चल रही थीं और मैं घर पर ही रहता था.
उस दौरान अचानक एक दिन बुआ मेरे घर आ गईं. उन्हें देख मैं बहुत खुश हुआ. उन्होंने लाल रंग का सूट पहन रखा था और वह बहुत टाइट था. उनके उस टाइट सूट से उनके चूचे बाहर आने को तड़प रहे थे.
उनकी बड़ी गांड के बारे में तो अब क्या ही बताऊं दोस्तों! उसे देख के तो मैं पागल सा हो गया था. क्या गांड थी! बहुत मोटी. और जब वह चलती तब उनके बूब्स और गांड लगातार ऊपर – नीचे उछलते रहते. मेरा तो उन्हें देख के ही लंड खडा हो गया था.
अगले दिन बुआ मेरे कमरे में सफाई करने आईं, लेकिन उस समय मैं सो रहा था. दोस्तों, मैं अक्सर अंडर विअर या शॉर्ट में ही सोता हूँ. जैसे ही बुआ मेरे कमरे में आईं वैसे ही मेरी नींद खुल गई, लेकिन मैं सोने का नाटक करता हुआ पड़ा रहा.
मैंने देखा कि बुआ झुक कर कमरे में झाडू लगा रही थी. उनके झुकने के कारण उनके गोरे – गोरे और बड़े – बड़े चूचे मुझे साफ दिख रहे थे. बुआ के चूचे उनकी कुर्ती में झुल से रहे थे. ये देख कर मेरा लंड खड़ा हो गया. मैं तो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था.
तभी अचानक बुआ की नजर मेरे खड़े लंड पर पडी. वो मेरे और करीब आईं और मेरे लंड को सहलाने लगीं. सहलाने के साथ – साथ वो सिसक भी रही थीं. अब मेरे अंदर तो मानो लड्डू फूट रहे थे. मेरा मन उनको पटक कर चोदने को किया, लेकिन जैसे ही मैंने हल्की सी हरकत की, बुआ घबरा गईं और फिर कमरे से चली गईं.
मैं समझ गया था कि वो चुदने को बेताब हैं. शाम हुई तो मैं बुआ को ढूंढने लगा. वो बालकनी में खड़ी थीं और उनकी पीठ मेरी तरफ थी. पीछे से उनकी मोटी गांड को देख के मैं पागल सा हो गया. क्या मोटी गांड थी! कोई भी उनके फिगर को देख ले तो मुठ जरूर मार देगा.
मेरा भी लंड खडा हो गया था और फिर मैं उनकी ओर पीछे से बढ़ा और चौकाने के लिए उनके कंधे पर हाथ रख दिया. जैसे ही वो डर कर पीछे हुई तो उनकी गांड मेरे लंड से टकरा गई. मेरे लोहे जैसे लंड से टकराकर उनके मुंह से एक हल्की सी चीख निकल गई. लेकिन मैं खुश हो गया.
फिर वो बिना कुछ बोले अपने रूम में चली गईं. अगली शाम घर में बुआ और सिर्फ मैं ही था. घर के बाकी लोग किसी काम से बाहर गए हुए थे. मैं बुआ के बारे में सोच कर मुठ मारने बाथरूम गया, लेकिन दरवाजा बंद करना भूल गया.
तभी बुआ अचानक बाथरूम में आ गईं और मुझे मुठ मारते देख वो हैरान होकर वहीं खड़ी हो गईं. बुआ को देख मैंने तुरन्त ही अपना लंड जीन्स के अंदर डाल दिया और बुआ से कहा, “सॉरी बुआ, अब आईंदा ऐसा नहीं होगा लेकिन प्लीज, आप किसी को बताना मत. आप जो बोलोगी मैं करने को तैयार हूँ.”
फिर बुआ ने कहा, “जैसे मैं कहूंगी तुम करोगे?” मैंने हाँ कर दी. यह सुनते ही बुआ ने बाथरूम का दरवाजा बंद कर दिया और मुझसे जीन्स उतारने को कहा. इस पर मुझे बहुत शर्म आयी और मैंने कहा बुआ मैं ऐसे नहीं कर सकता. तो बुआ ने कहा, “उतारो वरना मैं सबको बता दूंगी.”
अब मैंने अपनी जीन्स उतार दी. फिर बुआ मेरे पास आईं और मेरी अंडर विअर पर हाथ फेरने लगी. मैंने कहा, “बुआ नहीं, ये क्या कर रहे हो आप.” वो कुछ नहीं बोलीं और फिर उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया. अब मेरा भी मूड बनना शुरू हो गया और धीरे – धीरे लंड भी खडा हो गया.
बुआ मुझे लगातार किस कर रही थी. उनकी जीभ मेरी जीभ से टकरा रही थी. किस करते – करते मैंने उनके बाल पकड़ लिये और उनके होंठों का रस चूसने लगा. उन्हें बहुत अच्छा लग रहा था. किस करने के साथ – साथ वो मेरे लंड को भी सहला रही थीं.
फिर बुआ अपने मुंह से मेरी शर्ट के बटन खोलने लगीं. उनकी गरम सासें मुझे और गरम कर रही थीं. बटन खोलने के दौरान उनके होंठ मेरी छाती को छू रहे थे. अब मैंने भी उनके चूचे पकड़ लिए और मसलने लगा. इतने बड़े और मुलायम चूचे मेरे हाथ में नहीं समा रहे थे. मैं लगातार बुआ के गोरे – गोरे चूचों को मसल रहा था. अब वो सिसकियां लेने लगी थीं.
फिर मैंने उनकी कुर्ती में हाथ डाल दिया और चूचों को और जोर से मसलने लगा. अब तक बुआ पूरी तरह गरम हो चुकी थी. फिर उन्होंने मेरा लंड पकडा और मुंह में ले लिया. वो घुटनों पर बैठ के मेरे लंड को पूरा अंदर तक लेने की कोशिश कर रही थी.
तभी मैंने उनका सर पकड़ा और लंड उनके मुंह में ही आगे – पीछे करने लगा. बुआ ‘अममम अममम अममम’ की आवाज करने लगी थीं. मैं अब गरम हो गया था. फिर मैंने उनकी कुर्ती उतार दी. क्या बताऊ दोस्तों, उनका गोरा बदन और बड़े – बड़े कड़क चूचे देख के मुझे तो मजा ही आ गया था.
अब वो मेरे सामने एक दम नंगी खडी थी. फिर मैंने उनकी कमर पकड़ी और अपने तरफ खींचा. वो मेरे नजदीक आ गईं और अब उनके चूचे मेरी छाती से दब रहे थे. फिर मैं उन्हें किस करने लगा और साथ ही साथ उनकी पीठ पर हाथ भी घुमा रहा था.
करीब 5-7 मिनट किस करने के बाद उन्होंने अपनी सलवार उतार दी. उन्होंने पैन्टी पहन रखी थी. फिर उन्होंने उसे भी उतार दिया. मैं उनकी गुलाबी चूत देखता रह गया. अब मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उन्हें दिवार पर टिकाया और शॉवर चला दिया. पानी की बूंदें उनकी चिकनी पीठ और झूलते चूचों से टपक रही थी.
यह देखकर मेरा लंड फटने को आ गया. फिर मैंने उनकी चूत पर हाथ मारा ताकि उनकी चूत और टाईट हो जाये. अब मैंने अपना मोटा लंड उनकी चूत पर रखा तो बुआ बोली, “मनीष, अब और मत तडपाओ.” फिर मैंने एक ही झटके में आधा लंड उनकी चूत अंदर डाल दिया. जिससे वो चीख पड़ी, “आहहहह मनीष, उम्म.”
तब तक एक और झटके में मैंने पूरा लंड उनकी चूत के अंदर दे दिया. वो दर्द से चिल्ला रही थी. मुझसे और रहा नहीं गया और मैं पागलों की तरह बुआ की पीठ को पकड़ कर चोदने लगा. बुआ बोलती रही धीरे – धीरे करो, पर मैं नहीं रूका और जोर से झटके मारते रहा.
फिर मैंने अपने लंड निकाल लिया और उस पे क्रीम लगाई और बुआ की गांड में लंड पेल दिया. इससे बुआ की आंखों में आंसू आ गये और वो, “आ आहह, मनीष धीरे से, धीरे से” बोलती रही. लेकिन मैंने धक्के मारने चालू रखे. फिर मैंने उनके लटकते गोरे – गोरे चूचों को पकड़ लिया और चोदने लगा. चोद – चोदकर मैंने बुआ की गांड लाल कर दी थी.
अब हम दोनों झड़ रहे थे और झड़ गए. फिर बुआ ने मुझे लंबी किस किया और कहा, “अब हम हमेशा सेक्स किया करेंगे.” फिर हम नहाने गए और मैंने नहाते – नहाते उनके चूचे चूसे और किस किया.
इस दिन के बाद बुआ से दो दिन तक चला नहीं गया. क्योंकि मैंने उनकी गांड बहुत जोर से और बहुत देर तक मारी थी.
उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी यह कहानी बहुत अच्छी लगी होगी. कहानी पर आप अपने सुझाव मुझे मेरी मेल आईडी पर दें. मेरी मेल आईडी –